यदि आप दिवाली में अपनों को कोई तोहफ़ा देना चाहते हैं तो वो ज्ञानधन देनेवाली किताबें भी हो सकती हैं. राजकमल समूह दीपावाली में पिछले कुछ वर्षों की तरह इस बार भी किताब तेरस की घोषणा की है, जिसके तहत प्रकाशन समूह ने सभी लोगों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए किताबों के अलग-अलग सेट घोषित किए हैं, जिन पर 30% की छूट दी जा रही है. यह अभियान 6 नवम्बर तक चलेगा.
पुस्तकों के ज़रिए लोगों के ज्ञानधन में बढ़ोतरी करने के लिए राजकमल प्रकाशन समूह पिछले कुछ बरसों से किताबतेरस का आह्वान करता रहा है. किताबतेरस एक अवसर है, धनतेरस, दीवाली, भाईदूज के बहाने किताबों को घर लाने का, अपनों को उपहार में किताबें देने का. किताबों के ज़रिए ही एक स्वस्थ समाज के निर्माण का रास्ता खुलेगा. किताबें हमें जीवन के विविध अनुभवों से जोड़ती हैं. हमारे मानस का विकास करती हैं. बड़ी सोच देती हैं और बड़े सपनों को पूरा करने की सूझबूझ देती हैं. किताबें हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार की तरह हैं. इस डिजिटल दौर में किताबें पढ़ना मानसिक शांति के लिए एक थेरैपी की तरह है.
इस पहल के बारे में राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी कहते हैं,‘‘ दिवाली और धनतेरस जैसे त्यौहार हमारी ख़ुशी और समृद्धि की अभिव्यक्ति और आकांक्षा से जुड़े हैं. परंपरागत तौर पर समृद्धि को धन-संपत्ति से जोड़ कर देखा जाता है, पर यदि इसके साथ ज्ञान को भी जोड़ लें तो हमारी समृद्धि सर्वांगीण हो जाएगी, जो हम अच्छी पुस्तकों के ज़रिए ही पा सकते हैं. यही वजह है कि हमने लोगों को किताबतेरस मनाने का संदेश दिया है, ताकि लोगों के बीच त्यौहारों के इस मौसम में किताबें उपहार में देने व किताबें पढ़ने की संस्कृति का विकास हो सके. यह चलन हमें और हमारे समाज को संपूर्णता में समृद्ध करेगा.’’
आपको बता दें कि राजकमल प्रकाशन समूह कई बरसों से ‘किताबतेरस’ अभियान चला रहा है. इस वर्ष यह अभियान 6 नवम्बर तक चलेगा. इसके लिए प्रकाशन समूह ने सभी लोगों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए किताबों के अलग-अलग सेट घोषित किए हैं, जिन पर 30% की छूट दी जा रही है.