• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home रिलेशनशिप पैरेंटिंग

‘सिंगल चाइल्ड’ की परवरिश से जुड़े मिथक और सच्चाई

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
January 26, 2022
in पैरेंटिंग, रिलेशनशिप
A A
‘सिंगल चाइल्ड’ की परवरिश से जुड़े मिथक और सच्चाई
Share on FacebookShare on Twitter

बच्चा चाहे एक हो या फिर ज़्यादा, उनकी परवरिश करने में पैरेंट्स को एक जैसे अनुभव, समस्याएं, कठिनाइयां होती हैं. पैरेंट्स अक्सर अपने बच्चे(चों) की परवरशि को लेकर दुविधा में रहते हैं कि कोई क़दम उठाकर उन्होंने सही किया या ग़लत. पर जब बात सिंगल चाइल्ड की होती है तो ऐसे कपल, जिनका एक ही बच्चा है, अक्सर सामाजिक दबाव से भी जूझते हैं. उन्हें कहा जाता है कि अकेला बच्चा अकेलापन महसूस करता है, सामाजिक जुड़ाव नहीं रख पाता, चीज़ें साझा नहीं करना नहीं सीखता या फिर जल्दी आत्मनिर्भर नहीं होता. आज हम आपको इन्हीं मिथकों के पीछे की सच्चाई से रूबरू करवा रहे हैं.

कोई कपल एक ही बच्चे से अपने परिवार को पूरा मान सकता है और उनका एक ही बच्चा हो इसके लिए कई वाजिब कारण भी हो सकते हैं, जैसे- उन्हें केवल एक ही बच्चा चाहिए; उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वे एक ही बच्चे की परवरिश कर सकते हैं; वे दूसरे बच्चे के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह हो नहीं पा रहा; उनकी शादी देर से हुई है या फिर उनके स्वास्थ्य की वजह से यह संभव नहीं है. कारण चाहे जो भी हो अकेले बच्चे के माता-पिता कई तरह के सामाजिक दबावों से गुज़रते हैं, लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं कि सिंगल चाइल्ड के बारे में आपने जितनी भी बातें सुनी हैं या आपसे कही जाती हैं उनमें से अधिकतर मिथक ही होती हैं.

किसी बच्चे के लिए सबसे अच्छा तोहफ़ा है उसका भाई या बहन
यह बात सुनने में अच्छी लगती है, लेकिन हम आपको बता दें कि किसी भी बच्चे के लिए सबसे अच्छा तोहफ़ा है उसके माता-पिता का उसके साथ समय बिताना. यदि आप वर्किंग कपल हैं तब तो यह और भी ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे के साथ ख़ूब सारा क्वालिटी समय बिताएं, इससे अच्छा तोहफ़ा और कोई नहीं हो सकता.
साथ ही, हम में से कोई भी इस बात की गारंटी नहीं ले सकता कि यदि आप दूसरा बच्चा प्लान करते हैं तो आपके बड़े और छोटे बच्चे के बीच बहुत गहरी छनेगी. हो सकता है ऐसा हो, पर इस बात की भी संभावना उतनी ही है कि ऐसा न हो. अब ‘सिबलिंग राइवलरी’ टर्म तो आपने सुना ही होगा? है ना!

इन्हें भीपढ़ें

बच्चों को सब्ज़ियां खिलाना उतना कठिन भी नहीं, जितना आपको लगता है!

बच्चों को सब्ज़ियां खिलाना उतना कठिन भी नहीं, जितना आपको लगता है!

October 9, 2023
सेक्स को अधिक संतुष्टिप्रद और आनंददायक कैसे बनाया जाए?

सेक्स को अधिक संतुष्टिप्रद और आनंददायक कैसे बनाया जाए?

August 28, 2023
क्या आपने बच्चों को ये लाइफ़ स्किल्स सिखाई हैं?

क्या आपने बच्चों को ये लाइफ़ स्किल्स सिखाई हैं?

August 23, 2023
सेक्स एजुकेशन: पहले हमारा देश इस मुद्दे पर कहीं ज़्यादा प्रगतिशील था

सेक्स एजुकेशन: पहले हमारा देश इस मुद्दे पर कहीं ज़्यादा प्रगतिशील था

August 17, 2023

अकेला बच्चा अकेलापन महसूस करता है
यह बात तो पूरी तरह से मिथक है. अकेला बच्चा केवल उतना ही अकेलापन (और वो भी कभी-कभी) महसूस करता है, जितना हर व्यक्ति लोगों से घिरे रहने के बावजूद महसूस करता है. दरअसल, ऐसा कहनेवाले ‘एकांत’ और ‘अकेलेपन’ के बीच में अंतर नहीं कर पाते. इसे इस तरह समझिए एक परिवार में रहकर भी कभी-कभी जब घर पर कोई नहीं होता हम एकांत में रहते हैं, लेकिन कभी-कभी सब के मौजूद होने पर भी हम बहुत अकेला या तन्हा महसूस करते हैं.

अकेले बच्चे जल्दी परिपक्व नहीं हो पाते
जिन बच्चों के भाई-बहन होते हैं, उनके पास हर चीज़ से तुलना करने के लिए उनके माता-पिता के अलावा उनके भाई-बहन भी होते हैं. और चूंकि भाई-बहन हमउम्र होते हैं इसलिए वे अपनी तुलना अपने भाई-बहनों से ज़्यादा करते हैं. लेकिन ‘सिंगल चाइल्ड’ के साथ ऐसा नहीं होता. जब वे बड़े हो रहे होते हैं तो उनके पास बातचीत करने के लिए और तुलना करने के लिए अपने मात-पिता ही होते हैं. तो वे अपने माता-पिता के व्यवहार से ज़्यादा प्रभावित होते हैं और ज़्यादा सीखते हैं. अत: ऐसे बच्चों की तुलना में, जिनके भाई-बहन हैं, सिंगल चाइल्ड जल्दी परिपक्व होते हैं.

अकेले बच्चे बेहद संवेदनशील होते हैं
यह बात भी पूरी तरह सही नहीं है. बहुत संभव है कि कभी-कभी अकेले बच्चे ओवर-रिऐक्ट कर जाएं, पर यहां भी वही बात है कि ऐसा तो हम सभी कभी न कभी करते ही हैं. आख़िर संवेदनशीलता कोई नकारात्मक गुण नहीं है. इस दुनिया को संवेदनशीलता की बहुत ज़रूरत है! ये बच्चे दूसरों के हर्ट होने पर भी संवेदशील होते हैं. यही वजह है कि ये बहुत अच्छे दोस्त होते हैं और उनके अच्छे दोस्त बनते हैं. कई बार यह भी कहा जाता है कि अकेले बच्चे चीज़ों को बांटना नहीं जानते. वे नहीं जानते, क्योंकि उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं पड़ती. लेकिन यदि ऐसा करना पड़ जाए तो अधिकतर अकले बच्चे बड़ी ख़ुशी से ऐसा करते हैं.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: myths and truthsParentingparenting mythssibling rivalrysingle childsingle child raisingअकेले बच्चे की परवरिशपालन-पोषणपैरेंटिंगपैरेंटिंग से जुड़े मिथकमिथक और सच्चाईसिंगल चाइल्डसिबलिंग राइवलरी
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

वैवाहिक रिश्तों में भी होता है सत्ता का समीकरण
ज़रूर पढ़ें

वैवाहिक रिश्तों में भी होता है सत्ता का समीकरण

August 11, 2023
polyamory
ज़रूर पढ़ें

महिला हों या पुरुष दोनों के लिए बेहद सामान्य है एक से अधिक लोगों के प्रति सेक्शुअल आकर्षण

July 24, 2023
parenting
ज़रूर पढ़ें

बढ़ते बच्चों को अपने अनुभवों से समझाएं

July 8, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.