कहने को तो ऑटोग्राफ़्स का ज़माना बीत गया, पर आज भी कई ऐसे फ़ैन्स हैं जो अपने पसंदीदा सितारों के ऑटोग्राफ़्स के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार होते हैं. पर ये ऑटोग्राफ़्स फ़ैन्स ही नहीं स्टार्स के लिए भी काफ़ी मायने रखते हैं. ख़ासकर उनका पहला ऑटोग्राफ़ तो उनके लिए यादगार होता ही है. हमसे पांच टीवी सितारों ने अपने पहले ऑटोग्राफ़ का अनुभव साझा किया.
प्रणव मिश्रा
मैंने अपने पहला ऑटोग्राफ़ आज से लगभग 8-9 साल पहले दिया था. हां, उस समय मेरे दिमाग़ में चल रहा था कि आख़िर मेरी साइन का ये क्या करनेवाले हैं! फिर मुझे समय आया कि वे इसे किसी स्टार की यादगार के तौर पर सहेज कर रखते हैं. आजकल फ़ैन्स ऑटोग्राफ़ के बजाय फ़ोटोग्राफ़ लेना ज़्यादा पसंद करते हैं. फ़ोटोग्राफ़ में भी सेल्फ़ी. लोगों सितारों के साथ अपनी सेल्फ़ी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट करते हैं. अपने दोस्तों और रिलेटिव्स को दिखाते हैं. यही कारण है कि जब लोग सेल्फ़ी के लिए आग्रह करते हैं, मैं मना नहीं कर पाता. हालांकि सेल्फ़ी या ऑटोग्राफ़ देते हुए मुझे कभी भी स्टार वाली फ़ीलिंग नहीं आती. मुझे लगता है कि यह मेरे काम का ही एक हिस्सा है. सेल्फ़ी लेने के पीछे की ख़ुशी को मैं ख़ुद भी महसूस कर सकता हूं, क्योंकि मैं भी एक समय सितारों के साथ फ़ोटो खिंचवाने के लिए उत्साहित रहा करता था.
एजाज़ ख़ान
यह साल 2000 की बात है, जब मैंने अपना पहला ऑटोग्राफ़ दिया था. मैं सलमान (ख़ान) भाई के साथ वर्ल्ड टूर पर गया था. मैं उनके ग्रुप का एक हिस्सा था. मैं लॉस ऐंजलिस गया था. वह यूएस का मेरा पहला टूर था. डांस शो के दौरान कुछ बेहद जुनूनी दीवानों ने मुझे सलमान भाई के साथ डांस करते देखा था. उन्होंने मुझे फूल दिया था. वे मेरा ऑटोग्राफ़ चाहते थे. मैंने उन्हें ऑटोग्राफ़ दिया भी. मज़े की बात यह है कि मैं उस समय ऐक्टर नहीं था, बस एक डांसर था. जब उन लोगों ने मुझसे ऑटोग्राफ़ मांगा तो मैं आश्चर्यचकित रह गया था. आज वे मेरे अच्छे दोस्त बन गए हैं. उन दिनों वे स्टार स्क्रीन अवॉर्ड, फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड में मेरी छोटी-सी झलक देखने के लिए लंबा इंतज़ार किया करते थे. मैं अपने उन शुरुआती फ़ैन्स, जो कि अब मेरे दोस्त भी हैं, से मिलनेवाले स्पेशल अटेंशन और फ़ीलिंग को कभी नहीं भूल सकता.
डेलनाज़ ईरानी
आजकल तो लोग सेल्फ़ी की मांग करते हैं, पर मुझे आज भी अपने ऑटोग्राफ़ का वाक़या याद है. मैं लोखंडवाला मार्केट में थी. मुझे जो बात सबसे अच्छी लगी वह यह कि उन लोगों ने मुझे मेरे असली नाम से बुलाया. जबकि होता यह है कि आमतौर पर जब आप कोई शो कर रहे होते हैं तो लोग उस शो में आपके किरदार के नाम से आपको पुकारना शुरू कर देते हैं. उस समय में आशीर्वाद नाम का एक शो कर रही थी, जिसमें मेरा नाम बबली था. हां, उसके बाद एक बार कुछ लड़कियों ने ज़रूर ऑटोग्राफ़ के लिए मुझे बबली कहकर बुलाया था. यह साल 1998-99 की बात होगी. उस शो के दौरान मैंने काफ़ी ऑटोग्राफ़्स दिए थे. उसके बाद मेरा अगला शो था यस बॉस, जिसमें मेरे किरदार कविता को लोगों ने ख़ूब पसंद किया. यस बॉस के समय भी ऑटोग्राफ़्स चाहने वालों की भीड़ लगी रहती थी. चूंकि वो मेरे शुरुआती दिन थे, इसलिए वो दिन बहुत ही स्पेशल और यादगार हैं.
प्रतीक चौधरी
सच कहूं तो जब मैंने इंडस्ट्री में एंट्री किया, तब तक ऑटोग्राफ़ का ज़माना चला गया था. मुझे नहीं लगता कि मैंने कभी ऑटोग्राफ़ दिया होगा. पर हां, मैंने सैकड़ों फ़ैन्स के साथ सेल्फ़ी खिंचवाई है. किसी मॉल या आउटडोर शूटिंग के दौरान मैंने पहली बार सेल्फ़ी खिंचवाई थी. ईमानदारी से कहूं कि तो सेल्फ़ी खिंचवाने के बावजूद मैंने कभी स्टार जैसा फ़ील नहीं किया. मुझे लगता है कि मैंने तो बस अपना सफ़र शुरू किया है. जब मेरी फ़ैन फ़ॉलोइंग बड़ी हो जाएगी, तब मुझे लगेगा कि मुझे लगेगा कि मैंने कुछ किया है. रही बात फ़ोटोग्राफ़ और ऑटोग्राफ़ की तो पर्सनली मुझे लगता है कि ऑटोग्राफ़ की तुलना में फ़ोटोग्राफ़ बेहतर होते हैं. मेरे कहने का मतलब है वे फ़ोटो ज़्यादा यूज़फ़ुल होते हैं. वे ज़्यादा इंट्रेस्टिंग होते हैं. वैसे सेल्फ़ी का ज़माना आ जाने के चलते फ़ैन्स के पास अपने पसंदीदा स्टार की यादों को सहेजने का बेहतर विकल्प मिल गया है.
हेमंत चड्ढा
फ़ैन्स के लिए ऑटोग्राफ़्स का सेंटिमेंटल वैल्यू होता है. जिसके पास अपने पसंदीदा स्टार का ऑटोग्राफ़ होता है, वह जब उसे देखता है, तब उसे उस समय की याद आ जाती है, जब उसे ऑटोग्राफ़ मिला था. ऑटोग्राफ़ के चलते सेलेब के साथ जुड़ाव महसूस होता है. पहली बार ऑटोग्राफ़ देना काफ़ी स्पेशल होता है. वह पल हम कभी नहीं भूल पाते. मुझे अपने पहले ऑटोग्राफ़ की कहानी आज भी याद है. फ़िल्म सिटी में एक परिवार शूटिंग देखने आया था, जहां मैं अपने पहले शो की शूटिंग कर रहा था. मुझे आश्चर्य हुआ कि वे मेरा ऑटोग्राफ़ मांग रहे थे. मुझे उस समय एक सेलेब या बड़े सितारे जैसा फ़ील हो रहा था, पर साथ ही साथ मुझे शर्म भी आ रही थी. जो परिवार सेट पर आया था, उनके लिए मैं एक अभिनेता था, जो शूटिंग कर रहा था. मुझे लगता है कि वह एक अभिनेता और स्टार बनने की दिशा में मेरा पहला क़दम था. आज भी जब कभी ऑटोग्राफ़ देता हूं तो उसी आश्चर्य और शर्म से भर जाता हूं. आजकल सितारों के ऑटोग्राफ़ लेने की जगह उनके साथ सेल्फ़ी खिंचाने का चलन बढ़ गया है. पर मेरा अब भी मानना है कि ऑटोग्राफ़ ज़्यादा स्पेशल होते हैं.