क्या आपका बच्चा आपके घर से या कहीं और से चीज़ों और पैसों को चुराने लगा है? क्या वह ऑनलाइन गेमिंग के लिए आपको बिना बताए आपके वॉलेट से पैसे निकाल लेता है? क्या वह आपके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आपको बिना बताए करने लगा है? यदि आप अपने बच्चे की चोरी की आदत को बदलना चाहते हैं तो आप सही आलेख पर हैं.
बतौर अभिभावक यह बात बहुत पीड़ादायक होती है कि आप अपने बच्चे को चोरी करता हुआ पाएं, लेकिन हमारी सलाह है कि इसके लिए आप ख़ुद को, अपनी परवरिश को या बच्चे को दोष न दें. क्योंकि माता-पिता कभी भी अपने बच्चे को इस तरह की आदत नहीं सिखाते हैं. आप बच्चे पर भी चोरी करने की तोहमत न मढ़ें. हो सकता है कि यह उनकी संगत का असर हो या फिर वे समझ ही नहीं पा रहे हों कि ये चोरी है और चोरी करना बुरा काम होता है. पर अच्छी बात यह है कि आप बच्चों के इस व्यवहार को बदल सकते हैं. और यहां हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं कि यह कैसे किया जाए?
जब बच्चा 10 वर्ष से छोटी उम्र का हो
दरअस्ल, इतने छोटे बच्चों को सही और ग़लत का पूरा ज्ञान ही नहीं होता. वे ख़ुद से हट कर ज़्यादा कुछ सोच नहीं पाते हैं. दूसरों के बारे में सोचने की समझ उनमें विकसित नहीं होती है.
इस उम्र के बच्चों को यदि आप चीज़ों को बांट कर इस्तेमाल करने का हुनर सिखाएंगी तो बहुत संभव है कि उनकी यह आदत बदल जाए. आजकल एकल परिवार हैं और उनमें भी एक परिवार में अक्सर एक ही बच्चा है. ऐसे में बच्चों को हर चीज़ अपनी लगती है और वे कहीं भी जाएं तो हर एक चीज़ को अपना मान कर उठा लाते हैं. बहुत ज़रूरी है कि आप उन्हें उनके दोस्तों या कज़न्स के साथ चीजें बांट कर या बारी-बारी से इस्तेमाल करने को कहें. उन्हें यह भी बताएं कि किसी की भी चीज़ को, वह जिसकी चीज़ है, उससे बिना पूछे ले लेना अच्छी बात नहीं है.
इस बात का ध्यान रखें कि आप उनके ऊपर चीज़ों को चुराने का लेबल चस्पा न कर दें, बल्कि उन्हें समझाएं कि क्या होगा यदि उनके दोस्त उनकी चीज़ों को इस तरह बिन पूछे उठा ले जाएंगे? तब उन्हें कैसा लगेगा? वही एहसास दूसरे को भी होता है और यही वजह है कि हमें हमेशा किसी की चीज़ लेने से पहले उससे पूछना चाहिए.
जब बच्चा 10 वर्ष से अधिक उम्र का हो
यदि आपके बच्चे की उम्र ज़्यादा है तो आपको उसकी इस समस्या को गंभीरता से लेना होगा. दरअस्ल, ऐसा करने के पीछे समस्याओं का समाधान करने की बच्चों की ग़लत सोच ही ज़िम्मेदार होती है.
हो सकता है कि आपका बच्चा कुछ ख़रीदना चाहता है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं हैं. अपनी इस समस्या के समाधान के लिए वह आपको बिना बताए, आपके वॉलेट में से पैसे निकाल लेता है. यह करते समय उनकी सोच ऐसी होती है-मुझे पैसों की ज़रूरत है और मां या पिता के पास इतने पैसे रहते हैं कि उन्हें पता भी नहीं चलेगा.
तो क्या किया जाए, जब आप अपने बच्चे को चोरी करता हुआ पकड़ लें?
1. उनसे सीधे-सपाट शब्दों में कहें- यदि तुम्हें कोई चीज़ चाहिए तो इसका मतलब यह नहीं कि बिना पूछे इसे लिया जा सकता है.
2. उन्हें समझाएं कि आगे से उन्हें कभी भी बिना पूछे चीज़ें या पैसे नहीं लेने हैं.
3. ऐसा करते हुए उन्हें दोषी या बुरा न महसूस करवाएं, बल्कि ये कहें कि इस बार भले ही उनसे यह ग़लती हो गई, पर आपको पूरी उम्मीद है कि आगे से वे ऐसा नहीं करेंगे.
4. यदि आपके बच्चे ने किसी दुकान से कोई चीज़ चुराई है तो उसे अपने साथ उस दुकान तक ले जाएं और दुकानदार को वह सामान वापस करने को कहें. उनसे कहें कि वे दुकानदार को बताएं कि उन्होंने यह ग़लती की है और आगे वे ऐसा नहीं करेंगे. विकल्प के तौर पर आप उस सामान की क़ीमत चुका कर बच्चों से उसे ख़रीद कर लाने को भी कह सकती हैं. लेकिन यह निर्णय आप स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ही लें.
5. यदि बच्चे ने आपके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आपसे पूछे बिना किया है तो वक़्त आ गया है कि बच्चे को समझाने के साथ-साथ आप अपने क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर चौकन्नी हो जाएं. क्रेडिट कार्ड के अकाउंट को बार-बार चेक करती रहें.
6. यदि समझाने और छोटी-मोटी सज़ा, जैसे- एक दिन के लिए ऑनलाइन गेम्स खेलना बंद या सप्ताह भर के लिए लॉन की घास को काटने का काम तुम्हारा आदि, देने के बावजूद वे इस आदत को जारी रखते हैं तो किसी काउंसलर की मदद लें.