टोक्यो में आज का दिन बड़े उलटफेर के नाम रहा. महिला हॉकी में मेडल जीतने की प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया की टीम को कमज़ोर मानी जा रही भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1-0 से हराकर नया इतिहास रच दिया. भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक के क्वॉर्टरफ़ाइनल में पहुंची.
भारतीय महिला हॉकी टीम की जीत, जो लंबे समय तक याद रखी जाएगी
आज जब महिला हॉकी का क्वॉर्टरफ़ाइनल खेलने भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें मैदान पर उतरीं तो स्कोर लाइन के बारे में कोई भी प्रेडिक्ट कर सकता था. आक्रामक हॉकी के लिए मशहूर ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के परखच्चे उड़ानेवाली थी. भारतीय लड़कियां पांच या छह गोल के अंतर से हार जातीं. पर असल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. 60 मिनट के खेल के बाद जब मैच समाप्ति का हूटर बजा तो भारतीय लड़कियों ने चैम्पियन टीम ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया था. लगातार अटैक करने के बाद भी भारतीय गोलकीपर सविता ने ऑस्ट्रेलिया को गोल से महरूम रखा. मैच का एकमात्र गोल 22वें मिनट पर भारत की पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ गुरजीत कौर ने किया. टोक्यो में बेहद लचर शुरुआत के बाद किसी ने भारतीय महिला हॉकी टीम से सेमीफ़ाइनल तक पहुंचने की उम्मीद नहीं की थी. अब भारत को फ़ाइनल में पहुंचने के लिए 4 अगस्त को सेमीफ़ाइनल में अर्जेंटीना की टीम से खेलना होगा. अर्जेंटीना इस समय दुनिया की दूसरे नंबर की हॉकी टीम है.
निशानेबाज़ी के आख़िरी मुक़ाबले में भी भारत रहा ख़ाली हाथ
टोक्यो में भारतीय निशानेबाज़ों का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा. युवा और अनुभवी निशानेबाज़ों की एक संतुलित टीम टोक्यो भेजनेवाले भारत को निशानेबाज़ी में एक भी मेडल नहीं मिला. आज भारत के आख़िरी दो निशानेबाज़ भी ख़ाली हाथ रहे. 50 मीटर राइफ़ल थ्री पोज़िशन में भाग ले रहे ऐश्वर्य तोमर और संजीव राजपूत क्रमश: 21वें और 32वें क्रमांक पर रहते हुए फ़ाइनल के लिए क्वॉलिफ़ाई नहीं कर पाए. इस ओलंपिक में निशानेबाज़ी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सौरभ चौधरी का रहा, जिन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में 7वां स्थान हासिल किया था. बाक़ी भारतीय खिलाड़ी किसी भी प्रतियोगिता के फ़ाइनल में पहुंचने में क़ामयाब नहीं रहे.
डिस्कस थ्रो के फ़ाइनल में कमलप्रीत कौर और 200 मीटर दौड़ में दुती चंद नहीं दिखा पाईं दमखम
डिस्कस थ्रो के क्वॉलिफ़ाइंग दौर में 64 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे नंबर पर रहीं कमलप्रीत कौर फ़ाइनल में 12 खिलाड़ियों में छठें नंबर पर रहीं. फ़ाइनल में कमलप्रीत 63.70 मीटर का थ्रो कर सकीं. यदि वे अपना पर्सनल बेस्ट प्रदर्शन जो कि 66.59 मीटर है, दोहरा पातीं तो टोक्यो से ब्रांज़ मेडल के साथ लौटतीं. भले ही कमलप्रीत मेडल न जीत पाई हों, पर फ़ाइनल में पहुंचना उनके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है.
भारत की स्टार धावक दुती चंद के पास 100 मीटर रेस में मिली निराशा को भुलाने का एक मौक़ा था, पर आज 200 मीटर रेस में वे कुछ ख़ास करने में नाकाम रहीं. दुती 23.85 सेकेंड के साथ 38वें स्थान पर रहीं. वे फ़ाइनल के लिए क्वॉलिफ़ाई करने में असफल रहीं.
कल किन भारतीय खिलाड़ियों और खेलों पर रहेगी ख़ास नज़र?
-ज़बर्दस्त फ़ॉर्म में चल रही पुरुष हॉकी टीम वर्ल्ड चैम्पियन बेल्जियम से सेमीफ़ाइनल में भिड़ेगी.
-पुरुषों के गोला फेंक प्रतियोगिता में तजींदर पाल तूर भाग लेनेवाले हैं. तूर एशियाई रिकॉर्ड होल्डर हैं.
-महिलाओं की भाला फेंक प्रतियोगिता में अन्नु रानी हाथ आज़माएंगी.
-कल से कुश्ती के मुक़ाबले शुरू हो रहे हैं. रेसलर सोनम मलिक 62 किलो फ्रीस्टाइल के राउंड ऑफ़ 16 में लड़नेवाली हैं.