• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ओए हीरो

नानी की ज़ुबानी मातृत्व की तीन पीढ़ियों की कहानी: मदर्स डे स्पेशल

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
May 9, 2021
in ओए हीरो, मेरी डायरी
A A
नानी की ज़ुबानी मातृत्व की तीन पीढ़ियों की कहानी: मदर्स डे स्पेशल
Share on FacebookShare on Twitter

जैसे-जैसे समय बदलता है हर चीज़ बदलती है. मातृत्व और उसका अनुभव भी समय के साथ थोड़ा-थोड़ा बदल जाता है. इस मदर्स डे पर नीलम शर्मा बता रही हैं कि उन्होंने मातृत्व के इस बदलाव को कैसे अनुभूत किया, जब वे एक बेटी थीं, ख़ुद मां बनीं और अब अपनी बेटी को एक बिटिया की मां बनते देखा. उनकी डायरी के पन्ने पढ़कर आपको भी अनुभव होगा कि पीढ़ी दर पीढ़ी कैसे बदलती गई मां की भूमिका.

‘‘आज सोचने बैठी हूं तो मुझे एहसास हो रहा है कि पीढ़ी दर पीढ़ी मां और बच्चों के रिश्तों में कितना बदलाव आ गया है. हमारी मां, हमारी नानी से या उनके बारे में ऐसे बात करती थीं कि जैसे वो कोई रिश्तेदार हों. उनके लिए अपनी मौसी, ताई, चाची, बुआ और मां सभी एकसमान थे. जब मैं बड़ी हो रही थी तो मुझे लगता था कि मेरी मां बहुत स्ट्रिक्ट हैं. हर घरेलू काम हमें यह कहते हुए सिखाती थीं कि पराए घर जाओगी तो वहां मेरी बदनामी कराओगी. वे बोलचाल का सलीका और रिश्तों की मर्यादा सब समझाती थीं. खाना बनाना, सिलाई, बुनाई ,कढ़ाई, घर की साफ़-सफ़ाई, नाचना-गाना हमें सब सीखना था, पराए घर के लिए. और हम ये सब करते थे, क्योंकि मुझे लगता था कि वे सही कह रही हैं. हमारी क्या मज़ाल कि हम कॉलेज के किसी लड़के का नाम भी घर पर बोल दें! उनकी शक्की निगाहें तुरंत हमें क्रॉस क्वेश्चन करती थीं. शादी के बाद न तो हम उनसे अपनी कोई समस्या बताते थे और ना ही वे ख़ुद पूछती थीं.

‘‘फिर जब मेरे बच्चे हुए, मैंने हमेशा उन्हें दोस्त की तरह ही माना. आज भी वही रिश्ता है. मेरी बेटी अंकिता, बेटे विशाल और विकास ही मेरे सबसे अच्छे मित्र हैं. लेकिन फिर भी हमारे बीच मर्यादा बनी रहती है. इमोशनल लेवल पर हम एक-दूसरे के बहुत बडे़ सपोर्टर हैं. लेकिन मैं उनकी व्यक्तिगत बातों में कोई दख़ल नहीं देती हूं. जब बच्चे छोटे थे तब भी और आज भी मेरा चेहरा देखकर वे मेरा दुख-दर्द भांप लेते हैं और मेरी मदद करते हैं. मैंने बेटी को भी पुराने संस्कारों के साथ पाला है. हर घरेलू काम और परिवार की ज़िम्मेदारी शौक़ से उठाने की प्रेरणा दी है. मेरे बच्चे जब मुझे अपनी समस्याएं बताते हैं तो मैं उनका समाधान करने की पूरी कोशिश करती हूं.

‘‘अब जब मेरे बच्चों के बच्चे बड़े हो रहे हैं. ख़ासतौर पर मेरी नातिन तो मैं देखती हूं कि बच्चों के पालन-पोषण के तरीक़े में बहुत अंतर हो गया है. अब बच्चों को घरेलू तौर-तरीक़े और काम सिखाने पर कोई ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता है. सिर्फ़ उनकी पढ़ाई, हॉबीज़ और फ़िज़िकल ऐक्टिविटीज़ पर काफ़ी ध्यान दिया जाता है. जो हमारे समय में रिश्ते के भाई-बहन होते थे, वे अब कज़न बन गए हैं और उनका आपस में बहुत कम सम्पर्क रहता है. एकल परिवार होने की वजह से मां का रोल बहुत बढ़ गया है. मां का अपना करियर, बच्चों का करियर और घर-गृहस्थी का सारा काम अब अकेले मां को ही करना पड़ता है. मैंने अनुभव किया है कि ऐसे सांचों में ढलकर बच्चे रिश्तों का प्यार और गरमाहट नहीं समझ पा रहे हैं. रिश्तों का दायरा छोटा और कॉम्पिटिटिव हो गया है. जो चाची, ताई, मौसी, बुआ, मामी सभी बच्चों की मां होती थीं, वो कॉन्सेप्ट अब नहीं रह गया है. बस अब तो अपनी मां ही मां रह गई है. और वो भी मदर्स डे के दिन ही जताया जाता है कि मां आई लव यू. मुझे लगता है कि हमारी पीढ़ी इस बात को बिना कहे ही प्यार का एहसास दिला देती थी.’’

इन्हें भीपढ़ें

‘‘अब मेडिकल साइंस ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है कि बिना ज़्यादा तकलीफ़ झेले, लोग कैंसर से उबर आते हैं.’’

‘‘अब मेडिकल साइंस ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है कि बिना ज़्यादा तकलीफ़ झेले, लोग कैंसर से उबर आते हैं.’’

December 27, 2023
मैं नास्तिक क्यों हूं: भगत सिंह

मैं नास्तिक क्यों हूं: भगत सिंह

September 28, 2023
ध्यानसिंह, जो बन गए हॉकी के जादूगर ध्यानचंद

ध्यानसिंह, जो बन गए हॉकी के जादूगर ध्यानचंद

September 26, 2023
चौधरी देवीलाल

जन्मदिन विशेष: किसानों एवं श्रमिकों के मसीहा और असली जननायक ‘चौधरी देवीलाल’

September 25, 2023

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: DaughterdiarygranddaughterGrandmotherheroMotherMother's DayMotherhoodMotherhood DiaryMy DiaryNaniNatinNeelam SharmaStory of Three Generations of Motherhoodडायरीनातिननानीनीलम शर्माबेटीमदरहुडमदर्स डेमांमातृत्वमातृत्व की डायरीमातृत्व की तीन पीढ़ियों की कहानीमेरी डायरीहीरो
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

जो मिले, मुरीद हो जाए ऐसी शख़्सियत थे डॉक्टर दीपक आचार्य
ओए हीरो

जो मिले, मुरीद हो जाए ऐसी शख़्सियत थे डॉक्टर दीपक आचार्य

September 19, 2023
हवाई दुर्घटना के बाद भी ओलंपिक में वापसी करने वाली साहसी ऐथ्लीट एलिज़ाबेथ रॉबिन्सन
ओए हीरो

हवाई दुर्घटना के बाद भी ओलंपिक में वापसी करने वाली साहसी ऐथ्लीट एलिज़ाबेथ रॉबिन्सन

August 29, 2023
clara_hale
ओए हीरो

क्लारा हेल: वंचित बच्चों के प्रति जिनके प्रेम की कोई सरहद न थी

August 4, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.