• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home बुक क्लब कविताएं

अकेली रह रही औरतें: शैलजा पाठक की कविता

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 7, 2021
in कविताएं, बुक क्लब
A A
अकेली रह रही औरतें: शैलजा पाठक की कविता
Share on FacebookShare on Twitter

अकेली रह रही औरतें, अपनी प्रतिभा के दम पर घर के बाहर नाम कमाती औरतें समाज की नज़रों में हमेशा चुभती रही हैं. उसके लिए तमाम पूर्वधारणाओं को तोड़ने की ज़रूरत है. और उसको क़ैदी बनाए रखने के लिए की जानेवाली झूठी तारीफ़ें भी बंद करनी होगी. औरत को देखने की नज़र भी बदलनी होगी. शैलजा पाठक की कविता इन्हीं बिंबों के इर्द-गिर्द बुनी गई है.

अकेली रह रही औरतों के पैर में मक्खन नहीं लगे रहते,
जो जब जहां फिसल जाएं
न रीढ़ किसी भरे फल की डाल है,
जो झुक जाए हर किसी के आगे

इनकी आंखों में बेचारगी की तलाश पर तुम मुंह की खाओगे
इनके खुले कंधों पर तुम कितने ताने सुनाओगे

इन्हें भीपढ़ें

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों: सफ़दर हाशमी की कविता

पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों: सफ़दर हाशमी की कविता

September 24, 2024

कान में फ़िल्टर है इनके
जब जितना चाहती हैं उतना ही सुनेंगी

अब वो हाथ में बच्चा पकड़े कलम
या किसी ऑफ़िस के केबिन की चाभी
ये क़तई उनकी मर्ज़ी है

बॉस के साथ कॉफ़ी हाउस जाती,
अगर आप किसी गरम बिस्तर तक कि कल्पना का स्वाद लेने लगे हैं
तो आग हमेशा आपके दिमाग़ में ही लगी है

वो बच्चा नहीं पैदा कर पाई इसलिए छोड़ दी गई
पति को धोखा दी और घर से बेघर कर दी गई
अब इन दलीलों पर क़सम से ध्यान ही नहीं जाता

वो ख़ुश नहीं थी
वो बंदी महसूस कर रही थी
उन्हें पहरे नहीं थे पसंद
गालियों और तानों में कब तक देती जान

तो बस अलग हो गई
अब इनकी अलग जि़ंदगी ख़ुशहाल है
किसी पुरुष से ही पूरी हो जीवन की मुस्कान,
ये उसे धता बता मज़े से
तमाम रंग के फूलों वाली छत पर बैठी गुनगुना रही है

और ये जो आठों भुजाओं में घर-बच्चे-चिमटा-चाबी-दफ़्तर-बर्तन वाली फ़ोटो है न
वो महज़ बकवास है
ऐसी तारीफ़ों से ये फुनगी पर नहीं चढ़ेगी

ये अपने हिसाब से सब संभालेगी
तलवार भी इनकी, धार भी इनकी
ज़ुबान भी इनकी

मंडपों में ही नहीं है शक्ति
घरों में भी क़ैद है
इन्हें बेदम मारा है लोगों ने
इनके सपने खप्पर के राख की तरह छिटके हैं
ये अपमान से तिलमिलाई हैं
शिव ने कंठ में रोक लिया था ज़हर
इनके नसों में है

किसी अकेली औरत की खुली कमर
गहरे कट वाले ब्लॉउज़ में झांकने से बेहतर है, आंखों में झाकिए

देखिए कितनी ताब है
कितनी मौतों के बाद भी अड़ी है

बदलते स्वरूप को मान तो देना ही चाहिए
इनके होने को दर्ज करना चाहिए

नव रात से ज़्यादे रातें ये जग के बिताई हैं
ये जो अपनी पहचान बना रहीं
ये जो लगातार आपकी नज़रों में चुभी जा रही

और ये तो आप ही हैं न
घर की औरत साड़ी में लिपटी पसंद
दूसरी औरत खुले कपड़ों में

इस दोगले सोच को ठोकर मारती, इन औरतों के नाम घरों के नेमप्लेट लग रहे
अब ये फेंकी टूटी प्लेटों के कांच उठाते बिचारी नज़र नहीं आएंगी

क्यों न आप नज़र बदल लें
कर के देखिए…अच्छा लगेगा

Illustration: Pinterest

Tags: Aaj ki KavitaAkeli Rah rahi auratein by Shailaja PathakHindi KavitaHindi KavitayeinHindi KavitayenHindi PoemKavitaPoet Shailaja PathakShailaja PathakShailaja Pathak Poetryअकेली रह रही औरतेंआज की कविताकवयित्री शैलजा पाठककविताशैलजा पाठकशैलजा पाठक की कविताहिंदी कविताहिंदी कविताएं
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

ग्लैमर, नशे और भटकाव की युवा दास्तां है ज़ायरा
बुक क्लब

ग्लैमर, नशे और भटकाव की युवा दास्तां है ज़ायरा

September 9, 2024
लोकतंत्र की एक सुबह: कमल जीत चौधरी की कविता
कविताएं

लोकतंत्र की एक सुबह: कमल जीत चौधरी की कविता

August 14, 2024
बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले: भवानी प्रसाद मिश्र की कविता
कविताएं

बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले: भवानी प्रसाद मिश्र की कविता

August 12, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.