• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ओए हीरो

अम्मा का मेरी यादों वाला पोंगल: जयंती रंगनाथन

जयंती रंगनाथन by जयंती रंगनाथन
January 14, 2022
in ओए हीरो, मेरी डायरी
A A
अम्मा का मेरी यादों वाला पोंगल: जयंती रंगनाथन
Share on FacebookShare on Twitter

आज पोंगल भी है और मकर संक्रांति भी. उत्तर भारत मकर संक्रांति मनाता है तो दक्षिण भारत पोंगल. दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही त्यौहारों पर खिचड़ी बनाए जाने की परंपरा है. मेरी डायरी में जयंती रंगनाथन ने पोंगल को अपनी अम्मा की यादों के साथ संजोया है.

 

आज उत्तर भारत में मकर संक्रांति है, दक्षिण में पोंगल है. पोंगल का मतलब पता है आपको? हम दक्षिण भारतीय, ख़ासकर तमिलभाषी किसी भी सुखद अवसर पर अपनी रसोई या घर के आंगन में दूध या खीर को हांडी में उबल कर गिरने देते हैं. पोंग (ग के साथ अ को लंबा खींचिए) का अर्थ है उबल कर गिरना. इसे खूब शुभ माना जाता है. गृह प्रवेश हो या पोंगल त्योहार, इसके मूल में हांडी में दूध या खीर उबाल कर नीचे गिराना होता है. इसका मतलब होता है घर में धन-धान्य इतना रहेगा कि कभी कम ना होगा. तो गाहे-बगाहे या अनजाने में जब गैस पर रखा दूध उबल कर गिरने लगता है, तो हम नाराज़ या दुखी होने के बजाय कहते हैं: चलो, पोंगल मना लिया!

इन्हें भीपढ़ें

दाग़… नहीं बुलंद आवाज़ हूं मैं: स्वर्णकांता

दाग़… नहीं बुलंद आवाज़ हूं मैं: स्वर्णकांता

November 15, 2022
Salim-Ali_Birdman-of-india

जानें, भारत के पक्षी मित्र यानी बर्डमैन ऑफ़ इंडिया डॉ सलीम अली को

November 12, 2022
Dr-APJ-Abdul-Kalam

एपीजे अब्दुल कलाम: अगर सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो सबसे पहले सूरज की तरह तपना सीखो

October 15, 2022
celestial-union

उन्हें डर है कि प्रेमिल ईश्वर की कल्पना से ईश्वर का अस्तित्व ख़तरे में आ जाएगा!

September 3, 2022

इस पर्व को मैंने कभी केरल या तमिलनाडु में नहीं मनाया. अम्मा से हजारों बार सुना कि कैसे बचपन में केरल के पालक्काट जिले के चित्तूर गांव में वे मनाया करती थीं. आज इस पर्व से जुड़ी मेरी अम्मा विशालम की कुछ यादें साझा कर रही हूं.
चित्तूर गांव में अम्मा जहां रहती थीं, नवग्रहा स्ट्रीट, उसके मुहाने पर शोकनाशिनी नदी थी. अम्मा रोज नदी में अपनी बहनों और दोस्तों के साथ नहाने जातीं. बारिशों में अमूमन लड़कियां नदी में जाने से डरतीं, अम्मा को मजा आता. वहीं से अपने कपड़े धो कर गीले लहंगे और ब्लाउज में लहराती हुई घर आती थीं. दो भाइयों के बाद की बहन थीं अम्मा, उनके बाद तीन बहनें. अम्मा सही मायनों में डेयरडेविल थीं. जिस काम के लिए मना किया जाए, सबसे पहले वही करतीं.

गांव में पोंगल से पहले तैयारियां शुरू हो जाती. पालतू गायों और बैलों के सींग रंगे जाते. घर के आंगन की सफ़ाई होती, वहां मिट्टी का चूल्हा बनाया जाता. खेतों से आता नया चावल. बोरियां भर-भर के घर के पीछे गोदाम में रखवाई जातीं. अम्मा उस समय बारह-तेरह साल की रहीं होंगी. घर के गायों के सींग रंगने में वे सबसे आगे रहतीं. रंग भी ऐसे-वैसे नहीं, अम्मा के घर के गायों की सींग के रंग हमेशा सबसे अलग रहते. पोंगल के दिन घर के आंगन में हांडी में खीर पकाई जाती, नए चावल, मूंग दाल और गुड़ खीर, जिसे हम तिदपु पोंगल कहते हैं. सबसे पहले खीर का प्रसाद घर के जानवरों को चखाया जाता, इसके बाद घर वालों को खाने को मिलता.

अम्मा के गांव से स्कूल लगभग तीन किलोमीटर दूर था. ये दूर वाला रास्ता था. अगर खेतों के बीच से निकल कर जाओ तो बस एक किलोमीटर. लेकिन एक दिक्कत थी. खेतों वाला रास्ता नायाडीज के इलाके से हो कर जाता. वहां जाना मना था, ख़ासकर बच्चों को. माना जाता था कि वे जादू-टोना करते हैं. हर ग्रहण के दिन नायाडीज परिवार के बच्चे और औरतें छाती पीटते हुए घरों में खाना और कपड़ा मांगने आते. घर के बच्चे अपनी आंखों को बंद किए दरवाजा खोल कर उनके पात्रों में सामान रख देते और भाग कर अंदर चले जाते.

अम्मा अपनी मिचमिची आंखों से देखती. आबनूसी रंग के तो सब ही होते, पर नायाडीज औरतें दबंग दिखतीं. चेहरे और हाथ में गोदना, चमकती आंखें, चांदी के खूब गहने पहनी रहतीं. साड़ी भी घुटनों तक पहनती थीं, बिना ब्लाउज के. अम्मा को वे औरतें बहुत आकर्षक लगती थीं. जोर से चिल्लाती थीं, जिस घर से दान नहीं मिलता, खूब गालियां दे कर जातीं. पोंगल वाले दिन नायाडीज खेतों को घेर कर जमीन पर फूल और चावल के आटे से खूब बड़े पुतले बनाते. उसके बीच हांडी जलाते. अम्मा ने अपने भाइयों से सुना था, जब हांडी में से दूध उबल कर गिरने लगता है, पुतले जाग जाते हैं. उनकी आंखें हिलती-सी लगती हैं.
अम्मा से रहा नहीं गया. पोंगल वाले दिन घर में पूजा होने के बाद वो अपनी छोटी बहन का हाथ पकड़ कर खेत की तरफ़ निकल गईं. भाइयों की बात सच थी. खेत पर बड़े-बड़े पुतलों की रंगोली बनी थी. उन पर हांडियां जल रही थी. अम्मा को देख कर एक नायाडीज औरत ने उन्हें इशारे से पास बुलाया. अम्मा चली गईं. औरत की बोली अम्मा को समझ नहीं आई. नगाड़े और गानों के शोर के बीच हांडी में रखा दूध उबल कर जमीन पर गिरने लगा. एक पान के पत्ते में दूध डालकर औरत ने अम्मा को पीने को दिया. और अम्मा ने पी भी लिया.

इसके बाद अम्मा बताती थीं कि उन्हें वाक़ई लगा था कि पुतलों की आंखें चमकने लगी हैं. वो अम्मा की तरफ़ देख कर घूरने लगे हैं. अम्मा को उस औरत की हंसी कभी नहीं भूलती. फिर क्या हुआ? अपनी बहन का हाथ कसकर पकड़कर वो दौड़ती हुई घर लौट आईं. छोटी बहन ने रोते हुए घर में सबको बता दिया. अम्मा की दादी वैसे भी अम्मा की शरारतों से परेशान रहती थीं. मौक़ा देखकर उन्होंने अम्मा को बढ़िया से कूट दिया. पर अम्मा बताती थीं, वो रोई नहीं.

रात को जब उन्होंने भाइयों को बताया कि उन्होंने पुतलों की आंखें हिलती हुई देखी थीं तो दोनों मज़ाक उड़ाने लगे कि हमने तो ऐसे ही कहा था. हम तो कभी वहां गए ही नहीं.
मैंने अम्मा से पूछा था, क्या सच में रंगोली के पुतलों की आंखें हिली थीं? अम्मा ने कहा था: हां… हम जो चाहते हैं वो हो जाता है. मैंने भी शायद यही चाहा था.

अम्मा वो पोंगल कभी नहीं भूल पाईं और मैं अम्मा का वो किस्सा…

Tags: amma kee yaadenbaatenjayantee ranganaathanJayanti Ranganathanmakar sankraantiMakar SankrantiMeaning of PongalMemoriesMemories of AmmaPongalPongal Festivalpongal ka arthpongal tyauhaarSayingsyaadenअम्मा की यादेंजयंती रंगनाथनपोंगलपोंगल का अर्थपोंगल त्यौहारबातेंमकर संक्रांतियादें
जयंती रंगनाथन

जयंती रंगनाथन

वरिष्ठ पत्रकार जयंती रंगनाथन ने धर्मयुग, सोनी एंटरटेन्मेंट टेलीविज़न, वनिता और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया है. पिछले दस वर्षों से वे दैनिक हिंदुस्तान में एग्ज़ेक्यूटिव एडिटर हैं. उनके पांच उपन्यास और तीन कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. देश का पहला फ़ेसबुक उपन्यास भी उनकी संकल्पना थी और यह उनके संपादन में छपा. बच्चों पर लिखी उनकी 100 से अधिक कहानियां रेडियो, टीवी, पत्रिकाओं और ऑडियोबुक के रूप में प्रकाशित-प्रसारित हो चुकी हैं.

Related Posts

स्मृतियों के सागर से जानिए दिवंगत कवि डॉक्टर मोहन कुमार नागर को
ओए हीरो

स्मृतियों के सागर से जानिए दिवंगत कवि डॉक्टर मोहन कुमार नागर को

August 17, 2022
APJ-Abdul-Kalam_Quotes
ओए हीरो

असफलता के बिना सफलता का कोई वजूद नहीं है!

July 27, 2022
Internationa_Nelson-Mandela-Day
ओए हीरो

अफ्रीकी गांधी नेल्सन मंडेला को जीवन से मिले सबक, जो हमारे भी काम आएंगे

July 18, 2022
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist