जो मिले, मुरीद हो जाए ऐसी शख़्सियत थे डॉक्टर दीपक आचार्य
डॉक्टर दीपक आचार्य, जो पेशे से साइंटिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट थे, जिन्होंने मेडिसनल प्लांट्स में पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरेट किया था....
पत्रकारिता का लंबा, सघन अनुभव, जिसमें से अधिकांशत: महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कामकाज. उनके खाते में कविताओं से जुड़े पुरस्कार और कहानियों से जुड़ी पहचान भी शामिल है. ओए अफ़लातून की नींव का रखा जाना उनके विज्ञान में पोस्ट ग्रैजुएशन, पत्रकारिता के अनुभव, दोस्तों के साथ और संवेदनशील मन का अमैल्गमेशन है.
डॉक्टर दीपक आचार्य, जो पेशे से साइंटिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट थे, जिन्होंने मेडिसनल प्लांट्स में पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरेट किया था....
हर रचनाकार, कवि या कवयित्री अपनी कविताओं में अपने समय की परिस्थितियों को ज़रूर लिखता है. इस कविता में भी...
एक बार किसी एकांत में जाकर, आंखें बंद कर के ख़ुद से पूछिए आप जिस राह चल निकले हैं वह...
समय-समय पर सत्ताधारी पार्टी के मुखिया, सांसद और नेता देश के अर्थशास्त्र को लेकर तरह-तरह के दावे करते रहते हैं....
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की गारंटी दी है कि यदि उन्हें चुना जाता है तो...
टमाटर की बढ़ी क़ीमतों पर इन दिनों चारों ओर हल्ला है. जब टमाटर या प्याज़ या अदरक की क़ीमत खुदरा...
उपन्यास ‘मैमराज़ी बजाएगी पैपराज़ी का बैंड’ एक अलग विषय पर बुना गया है. यह कहा जाए कि यह पाठक को...
हाल ही में उत्तर प्रदेश से एक ख़बर सामने आई है कि एक महिला के चतुर्थ श्रेणी कर्मी पति ने...
इस सीरीज़ की एक कहानी के भीतर कई कहानियां, कई आयाम बहुत कुशलता से समेटे गए हैं. समाज की कमियों...
पंकज सुबीर का लिखा उपन्यास रूदादे सफ़र अपने नाम के अनुरूप एक डॉक्टर के जीवन के सफ़र को इस तरह...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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