पर्यावरण प्रेमियों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय हो रही बर्ड वॉचिंग क्या है? कौन-सी सावधानियां ज़रूरी हैं बर्ड वॉचिंग के लिए, यह लेख इन तमाम पहलुओं पर चर्चा करने जा रहा है.
प्रकृति हम सबकी मां है और उसने केवल हमें ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण के हर अंग को बड़ी बारीकी से गढ़ा है, इनमें से ही प्रकृति की अद्वितीय रचना हैं गगनचर, यानी कि पक्षी. केवल भारत में ही पक्षियों की 1200 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, जो कि पश्चिम के शुष्क थार रेगिस्तान से पूर्व के वर्षा वनों तक और उत्तर के बर्फीले हिमालय से दक्षिण में हिंद महासागर तक हर प्रांत में फैली हैं. इन प्रजातियां में से कुछ प्रजातियां भारत की मूल निवासी हैं, और कुछ पक्षी तो सुदूर क्षेत्रों से कुछ महीने बिताने के लिए यहां आते हैं. आज हमारे देश में लोगों की पक्षियों में रुचि बढ़ती जा रही है, जिससे बर्ड वॉचिंग के प्रति लोगों में उत्सकुता बढ़ती जा रही है.
बर्ड वॉचिंग आज के समय में पर्यावरण प्रेमियों के बीच ख़ासा लोकप्रिय हो रही है. बर्ड वॉचिंग से अभिप्राय है पक्षियों का अवलोकन करना, जो या तो अपनी रुचि के लिए किया जाता है या फिर नागरिक विज्ञान में भी बर्ड वॉचिंग की जाती है.
बर्ड वॉचिंग में व्यक्ति किसी भी हरियाली वाली जगह जैसे कोई पार्क या कोई नेचर रिजर्व या जंगल में जाकर पक्षियों का अवलोकन करता है, जिसे मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि इसका इस्तेमाल नागरिक विज्ञान के शोध में भी किया जाता है.
बर्ड वॉचिंग करते समय व्यक्ति या तो स्थिर होकर या फिर जंगल के बीच एक निर्धारित ट्रेल पर पैदल चलते हुए पक्षियों को देखकर या सुनकर उनकी पहचान करता है और अक्सर डायरी में उक्त प्रजाति का नाम और उनकी संख्या को लिख लिया जाता है. बर्ड वॉचिंग करते समय हमें कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
तो आइए बर्ड वॉचिंग के डूज़ और डोंट्स को जानते हैं
बर्ड वॉचिंग डूज़ यानी बर्ड वॉचिंग के दौरान यह करें
1. बर्ड वॉचिंग के लिए सर्वोत्तम समय सुबह प्रातः काल (6 से 8:30 गर्मी में) एवं (6:30 बजे ठंड में) होता है. इसके बाद पक्षी धूप से बचने के लिए अंदर छिप जाते हैं.
2. बर्ड वॉचिंग करने के लिए फीके रंग के कपड़े ही पहनें और चटक रंग पहनने से बचें.
3. बर्ड वॉचिंग के समय अपने साथ डायरी अवश्य रखें. और जितनी प्रजातियां देखी, उनका पूरा ब्योरा उक्त डायरी में लिखें.
4. पक्षियों की पहचान करने के लिए आइडेंटिफ़िकेशन गाइड अथवा कुछ मोबाइल ऐप्लिकेशन्स (मर्लिन, बर्ड नेट, आदि) का उपयोग किया जा सकता है.
5. बर्ड वॉचिंग के समय उचित दूरबीन का इस्तेमाल किया जा सकता है. पक्षियों को देखने के लिए 10 गुना जूम करने वाली दूरबीन उपयुक्त मानी जाती है.
6. ट्रेल पर चलते समय धीरे-धीरे क़दम बढ़ाएं और लगातार आसपास हो रही गतिविधियों पर नज़र बनाए रखें.
7. बर्ड वॉचिंग के समय सबसे आवश्यक उपकरण जो हमारे पास रहना चाहिए, वह है धैर्य! क्योंकि पक्षी एक जगह बहुत कम बैठते हैं तो अगर उनका अध्ययन बेहतर ढंग से करना है तो एक जगह पर बहुत देर तक बैठकर धैर्य से उनका अवलोकन करने के पश्चात ही उन्हें हम अच्छे से जान सकते हैं.
बर्ड वॉचिंग डोंट्स यानी बर्ड वॉचिंग के समय यह भूलकर भी न करें
1. बर्ड वाचिंग करते समय पक्षियों के अत्यधिक क़रीब ना जाएं इससे उन्हें परेशानी हो सकती है.
2. बर्ड वाचिंग करने के समय जाएं तो यह विशेष ध्यान रखें कि उन्हें खाना ना खिलाएं, क्योंकि हम उनके प्राकृतिक आवास में हैं और प्रकृति ने सबके खाने की व्यवथा की है तो उन्हें खाना खिला कर हम उनकी मदद नहीं, बल्कि उनका नुक़सान कर रहे हैं, क्योंकि हमारा खाना अक्सर हमारे खग मित्रों के लिए हानिकारक होता है.
3. पक्षियों के घोंसलों से दूरी बना कर रखें.
4. फ़ोटोग्राफ़ लेते समय फ़्लैश का उपयोग ना करें, इससे पक्षियों एवं अन्य जानवरों की आंखों को नुक़सान पहुंच सकता है.
5. बर्ड वॉचिंग करते समय किसी भी प्रकार का कूड़ा ना फैलाएं इससे पर्यावरण एवं पक्षियों को नुक़सान हो सकता है.
6. जब भी किसी जंगल अथवा नेचर पार्क में बर्ड वॉचिंग करने जाएं, वहां किसी भी प्रकार की प्रकृति को नुक़सान पहुंचाने वाली गतिविधि जैसे पेड़ों की शाखों को तोड़ना, फूल तोड़ना इत्यादि ना करें.
यह कुछ मूलभूत सिद्धांत हैं जिनका बर्ड वॉचिंग करते समय हमारा ध्यान रखना न सिर्फ़ हमारे लिए आवश्यक है, बल्कि प्रकृति के संरक्षण में भी यह छोटे-छोटे बिंदु बहुत बड़ा किरदार अदा करते हैं.
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