वज़न पर लगाम नहीं कस पा रहे हैं? बार-बार भूख लग आती है? डायबिटीज़ क़ाबू में नहीं है? आपकी स्किन और बालों के रूखेपन से त्रस्त हैं? खाना पचाने में शरीर की हालत बैंड हुई जा रही है? हार्ट के पेशेंट हैं? कोलेस्टरॉल के स्तर ने दिमाग़ हिला के रखा है? कमज़ोरी इतनी कि उठने बैठने में आलस आता है? हड्डियां बजती हैं? IBS का प्रॉब्लम है? बोलो? बताओ…? इन सबका एक ही इलाज है, फुटाना यानी भाड़ में भुंजा हुआ चना. इसके बारे में और जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर दीपक आचार्य
फुटाना यानी रोस्टेड या भुना हुआ चना, जो सभी खाते हैं या सभी ने खाए होंगे, लेकिन आज के बाद इस पोस्ट को पढ़कर आप इसकी खपत बढ़ा देंगे, दावे से कह रहा हूं. फुटाना ऐसा तीर है, जो एक वार से कई शिकार करता है और हर शिकार एकदम पर्फ़ेक्ट.
फुटाने में वो सब है जिसकी खोज आप यहां-वहां करते फिर रहे हैं या अनाप-शनाप तरीक़े खोज रहे हैं. फ़ाइबर्स, प्रोटीन्स, विटामिन्स, मिनरल्स, ऐंटीइन्फ़्लेमटॉरी कंपाउंड्स, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सैपोनिन्स, ये सब हैं भुने हुए चने यानी फुटाने में.
जितनी समस्याओं का ज़िक्र मैंने ऊपर किया है, यानी वज़न बढ़ना, बार-बार भूख लगना, डायबिटीज़, त्वचा और बालों का रूखापन, बढ़ा हुआ कोलेस्टरॉल, कमज़ोरी, आईबीएस वगैरह… हर एक समस्या पर ये ताबड़तोड़ असर करता है. हर असर को क्लिनिकली प्रमाणित किया जा चुका है. अब हर एक स्टडी का जिक्र यहां संभव नहीं है, पर आप दीपक आचार्य की बातों पर भरोसा कर सकते हैं. यक़ीन मानिए, इन तमाम समस्याओं को आप टाटा बाय-बाय कर सकते हैं.
तो भई, करना क्या होगा?
रोज़ 100 ग्राम फुटाने खाना शुरू करें, 100 ग्राम यानी क़रीब 2 कप. ज़रूरी नहीं है कि एक झटके में सारा दबा जाएं, पूरे दिनभर में इतना ज़रूर खा लें. एक साथ खा लिए तो भी दिक़्क़त नहीं. एक बात ध्यान रखनी है, फुटाना खाकर तुरंत पानी नहीं पीना है, या तो 10 मिनिट पहले पानी पी लीजिए या फुटाना खाने के आधे घंटे बाद. हर दिन, नियमित तौर से ये काम कीजिए और एक महीने के भीतर रिज़ल्ट्स दिखने शुरू नहीं हुए तो आप मेरी पोस्ट को ख़ारिज कर सकते हैं, मुझे बेशक़ ट्रोल कर सकते हैं, कोई कमेंट डिलीट नहीं करूंगा, वादा रहा.
ये भी जान लीजिए
जिन्हें डायबिटीज़ नहीं है, वे फुटाने के साथ देसी गुड़ भी खाएं. ऐसा करने से इसके फ़ायदे दोहरी रफ़्तार से मिलेंगे. आदिवासी इलाक़ों में तो पारंपरिक तौर से शारीरिक दुर्बलता, हड्डियों में कमज़ोरी, अपचन जैसी कई समस्याओं के निपटारे के लिए गुड़ फुटाने दिए जाते हैं. हिंदुस्तान के कई हिस्सों में चने पर सोंठ, हल्दी और नमक का पानी छिड़ककर भी फुटाना बनाया जाता है. इस तरह के फुटाने भी उतने ही असरकारक होते हैं. बचपन से हमें बताया गया कि घोड़ों में ज़्यादा ताक़त लाने के लिए उन्हें चना फुटाना खिलाते हैं. मुझसे पूछिए तो मैं कहूंगा कि हम घोड़ों को फुटाना खिला-खिलाकर खुद गधे बने रहे.
तुच्छ नज़रों से न देखें फुटाने को
चने फुटाने को हमने हमेशा तुच्छ नज़रों से देखा है, रोज़ दो बादाम चबाने वालों को तो याद भी नहीं होगा कि उन्होंने आख़िरी बार फुटाने कब चबाए थे. दो नहीं 10 बादाम भी रोज़ खा लो, फुटाने से उन्नीस ही रहेगा बादाम और ये बात मैं बहुत ज़िम्मेदारी से कह रहा हूं. इशारा है, समझ सको तो बेहतर, वरना अपना क्या, चल देंगे झोला उठाकर, भटकने के लिए.
तो इस जानकारी को फटाफट शेयर करें, क्या पता कुछ लोग जो बादाम, काजू में ही मस्त हैं, उन्हें भी फुटाने की औकात का पता चले…
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट