• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home हेल्थ डायट

यह चेक कर लें कि क्या हल्दी के गुण आप तक पहुंच रहे हैं?

डॉक्टर दीपक आचार्य by डॉक्टर दीपक आचार्य
May 12, 2022
in डायट, हेल्थ
A A
यह चेक कर लें कि क्या हल्दी के गुण आप तक पहुंच रहे हैं?
Share on FacebookShare on Twitter

हल्दी का इस्तेमाल तो हम सभी करते हैं, लेकिन क्या आप इसका इस्तेमाल इस तरह करते हैं कि इसके गुण आपके शरीर के भीतर समाहित हो जाएं? अधिकतर लोग ऐसा नहीं करते और हल्दी को रोज़ाना खानपान में शामिल करने के बावजूद इस मसाले के चिकित्स्कीय गुणों का पूरा फ़ायदा नहीं उठा पाते. तो हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें? वैसे, जैसे कि डॉक्टर दीपक आचार्य आपको यहां बता रहे हैं…

हल्दी को भारतीय संस्कृति और रसोई का हिस्सा बने 3500 से ज़्यादा वर्ष हो गए होंगे और अब तक हल्दी भारतीय संस्कृति और रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है. बचपन से लेकर अब तक, सर्दी-खांसी हो, गले में खराश हो या शरीर के किसी हिस्से में सूजन, चोट या दर्द, घरेलू इलाज के लिए मेरी मां का सबसे फ़ेवरेट आइटम हल्दी रहा है. हल्दी सिर्फ़ मेरी मां के लिए नहीं, भारत की हर मां के लिए प्राथमिक उपचार के लिए सबसे आसानी से इस्तेमाल में लाए जाने वाली चीज़ है.
वेद पुराणों से लेकर आयुर्वेद और अब मॉडर्न साइंस में भी हल्दी चर्चा में बनी रहती है. ऐसा क्या है हल्दी में कि वनस्पतियों के गुणधर्मों की बात की जाए तो सबसे ज़्यादा भरोसा हल्दी पर आता है? हल्दी एक ग़ज़ब की औषधि है. भारतीय पारंपरिक हर्बल ज्ञान तो हल्दी पर एकतरफ़ा भरोसा करता रहा है, आदिकाल से. और इसी भरोसे को परखने के लिए मॉडर्न साइंस ने भी 4000 से ज़्यादा क्लिनिकल स्टडीज़ कर मारीं और उसे अच्छी तरह से हमारे देश का ज्ञान और दम समझ आ चुका है.

हल्दी के इस्तेमाल को लेकर यह समझें
हल्दी के बारे में एक-दो बातें हैं, जिन्हें समझना ज़रूरी है:
1. हल्दी पानी में पूरी तरह से घुलनशील नहीं है
2. हमारा शरीर भीतर से हल्दी को आसानी से पकड़ नहीं पाता है, विज्ञान की भाषा में कहूं तो हल्दी की बायोअवैलेबिलिटी (Bioavailability) बहुत कम है.

हम ज़्यादातर भारतीयों (मैं सभी की बात नहीं कर रहा) द्वारा हल्दी के दैनिक इस्तेमाल करने की प्रक्रिया में मुझे एक दो खामियां नज़र आती हैं. ज़्यादातर हल्दी का इस्तेमाल सब्ज़ियों/ दालों/ व्यजंनों की रंगत बढ़ाने को ध्यान में रखकर किया जाता है. हल्दी का इस्तेमाल करते वक़्त बहुत कम लोग इस बात को सोचते हैं कि इस हल्दी की वजह से सेहत दुरुस्त होने वाली है. हल्दी एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है, एंटीइन्फ़्लेमटॉरी भी ज़बर्दस्त है और पचासों समस्याओं में इसे बतौर औषधि उपयोग में लाया जाता है, किसी दिन डिटेल में चर्चा करेंगे इस पर.

हल्दी के इस्तेमाल करने के पारंपरिक तौर तरीक़े अब बदल चुके हैं, अब इसे फ़्लेवर और कलर के हिसाब से ही ज़्यादा उपयोग में लाया जाता है लेकिन सामान्य तौर तरीक़ों में थोड़ा बदलाव करें तो वही हल्दी फ़्लेवर और कलर के अलावा अपने गुणों को आपके शरीर में सौंपने में कसर नहीं छोड़ेगी.

इन्हें भीपढ़ें

कहीं आपको भी लगातार तो महसूस नहीं होती ग्लानि की भावना?

कहीं आपको भी लगातार तो महसूस नहीं होती ग्लानि की भावना?

January 29, 2024
सायटिका में आराम देते हैं ये योगासन

सायटिका में आराम देते हैं ये योगासन

January 9, 2024
ये चीज़ें बढ़ाएंगी आपका मेटाबॉलिज़्म

ये चीज़ें बढ़ाएंगी आपका मेटाबॉलिज़्म

January 5, 2024
कहीं आपको भी त्यौहारों की तड़क-भड़क परेशान तो नहीं करती?

कहीं आपको भी त्यौहारों की तड़क-भड़क परेशान तो नहीं करती?

December 15, 2023

कैसे करें इसका इस्तेमाल
हल्दी आपके भीतर सही तरीक़े से पहुंचे इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि सब्ज़ी या दाल फ्राय करते समय जब कड़ाही में तेल या घी डालें, सबसे पहले आवश्यकतानुसार हल्दी डालकर उसे तेल/ घी में घोल लें, फिर फ़्राय करने का प्रोसेस शुरू करें. तेल, घी या फ़ैट्स हल्दी को शरीर के भीतर सही जगह पहुंचाने वाले ड्राइवर की तरह काम करते हैं.

अब मेरी नानी की बात भी पढ़ें… मेरी नानी तो कड़ाही में तेल डालकर मसालों, प्याज वगैरह को पहले फ्राय कर लेती थीं. दाल, रसम, सांबार, सब्ज़ी वगैरह पका लेती थीं और सबसे आख़िरी में आधा चम्मच कच्चे खाने के तेल में इतनी ही हल्दी को मिक्स करके पके हुए आइटम में मिला दिया करती थीं… इसके पीछे लॉजिक था, सॉलिड लॉजिक…

वैसे एक व्यक्ति दिनभर में आराम से 5-8 ग्राम (2 चम्मच) तक हल्दी कंज़्यूम कर सकता है, और इतना करना भी चाहिए. कभी चाय, दूध पीने का मन न हो तो एक ग्लास पानी में आधा चम्मच (2 ग्राम) हल्दी पाउडर डालिए, 2 चुटकी काली मिर्च का पाउडर और पी लीजिए. ये बेहतरीन टॉनिक भी है. अब काली मिर्च डालने की जुगत भी ये है कि काली मिर्च हल्दी की बाहों में बाहें डाल लेती है और हमारे शरीर के उन हिस्सों तक पहुंचा आती है, जहां हल्दी की ज़रूरत हो. काली मिर्च दरअसल हल्दी की bioavailability को बढ़ा देती है. काली मिर्च की वजह से हल्दी की bioavailibility 2000 गुना तक बढ़ जाती है, ये बिल्कुल सच बात है, प्रमाणित भी. इसके अलावा पानी में काफी देर उबालकर भी हल्दी की घुलनशीलता थोड़ी बढ़ाई जा सकती है.

पुरानी बातें याद कीजिए
अब ज़रा याद कीजिए अपनी मां या नानी या दादी को… आपको जब भी सर्दी-खांसी हुई, रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध या दूध में हल्दी और कुटी हुई कालीमिर्च डालकर पिलाया जाता था न… क्यों? दूध में फ़ैट होना, हल्दी का फ़ैट में घुलना और काली मिर्च का ड्राइवर की भूमिका निभाना, उन्हें किसने सिखाया…? तो देख लीजिए प्रमाण सहित समझा दिया आपको कि दम है हमारे देश के ज्ञान में!

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट, myhdiet.com

Tags: herbal-verbalhow to eat turmericindigenous knowledgeknowledge of the countrymedicinal properties of turmerictraditional knowledgeturmericकैसे खाएं हल्दीदेश का ज्ञानदेसी ज्ञानपारंपरिक ज्ञानहर्बल-वर्बलहल्दीहल्दी के औषधीय गुणहल्दी खाने का तरीक़ा
डॉक्टर दीपक आचार्य

डॉक्टर दीपक आचार्य

डॉक्टर दीपक आचार्य, पेशे से एक साइंटिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. इन्होंने मेडिसिनल प्लांट्स में पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरेट किया है. पिछले 22 सालों से हिंदुस्तान के सुदूर आदिवासी इलाक़ों से आदिवासियों के हर्बल औषधीय ज्ञान को एकत्र कर उसपर वैज्ञानिक नज़रिए से शोध कर रहे हैं.

Related Posts

क्या आपका डर आपके फ़ैसलों पर हावी  हो जाता है?
ज़रूर पढ़ें

क्या आपका डर आपके फ़ैसलों पर हावी हो जाता है?

November 23, 2023
क्या आप सुबह उठकर अपना बिस्तर ठीक करते हैं?
ज़रूर पढ़ें

क्या आप सुबह उठकर अपना बिस्तर ठीक करते हैं?

November 3, 2023
किचन में क्लीनिक: बड़ी इलायची के बेहतरीन फ़ायदे
ज़रूर पढ़ें

किचन में क्लीनिक: बड़ी इलायची के बेहतरीन फ़ायदे

November 2, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.