• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

मज़बूत हाथों का देश!

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
April 18, 2023
in ज़रूर पढ़ें, नज़रिया, सुर्ख़ियों में
A A
मज़बूत हाथों का देश!
Share on FacebookShare on Twitter

लोकतंत्र में जन सरोकारों को सत्ता तक पहुंचाने में व्यंग्य का बड़ी अहम् भूमिका होती है. व्यंग्य के ज़रिए सत्ता को आईना दिखाना तब और भी ज़रूरी हो जाता है, जब सत्ता दोगलेपन पर उतारू हो यानी कहे कुछ और, और करे कुछ और ही. सत्ता के इसी चरित्र को अपनी धारदार कलम से उजागर कर रहे हैं अनूप मणि त्रिपाठी.

‘देश अब मज़बूत हाथों में है.’ नेता जी ने कहा.
उनके कहे को टीवी ने दिखाया. अख़बारों ने छापा. प्रवक्ता ने भजा. लोगों ने गाया. लिहाज़ा, मेरे जैसे आम नागरिक को भी यह सोचने पर बाध्य होना पड़ा कि क्या देश अब मज़बूत हाथों में है?
नेता जी जब-तब यह वाक्य कहते ही रहते हैं. उन्होंने अपने वाक्य में ‘अब’ कहा और मैं ‘तब’ के बारे में सोचने लगा. अब तक देश जो था, क्या वह कमज़ोर हाथों में था! हम इतनी असुरक्षा में जी रहे थे और हमें पता ही नहीं था! हम तो यही माने बैठे थे कि जो भी है, जैसा भी है, देश मज़बूत हो ही रहा होगा! नेता जी और उनकी टोली अगर यह न कहती तो हमें इस बात का एहसास ही न होता! देश कमज़ोर हाथों में था और हम मज़बूत होते रहे, ये तो बहुत शर्म की बात रही!

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

नेता जी जो बात कह रहे हैं, उस पर शक़-ओ-शुब्हा करना राष्ट्रद्रोह होगा! मैं देख रहा हूं कि देश सच में मज़बूत हाथों में है. क्योंकि नेता जी अभी मज़बूत स्थिति में हैं. प्रचंड बहुमत है उनके पास. हालांकि वे और उनकी कैबिनेट इसे ऐतिहासिक कहते हैं. ऐसे में हाथों को मज़बूत होना ही होना था!

देश जो अब मज़बूत हाथों में हैं, ऐसा कहने के पीछे एक दूसरा कारण भी बनता है. अगर पहले देश कमज़ोर हाथों में न होता तो आज देश उनके हाथों में न होता. कमज़ोर हाथों की वजह से ही सत्ता उनके हाथों में आई है. वो तो उनके लिए अच्छा ही हुआ कि देश कमज़ोर हाथों में था! इस बात से आज हम भले भयभीत हो रहे हैं, मगर नेता जी उस समय अवश्य ख़ुश होते होंगे. आज की तरह देश तब मज़बूत हाथों में होता तो वे निश्चित ही अभी तक हाथ मल रहे होते!

देश अब मज़बूत हाथों में हैं. नेता जी ऐसा कह सकते हैं, क्योंकि वे अब विपक्ष में नहीं है. नेता जी अगर सत्ता में न आए होते तो देश उनके हाथ न लगा होता. जबकि वे पहले भी इसी देश में ही थे. विपक्ष में रहकर वे अपने हाथों को मज़बूत नहीं बना सकते थे. मज़बूत हाथों के लिए सत्ता ज़रूरी होती है. मगर दिक़्क़त यह है कि जहां सत्ता हाथों को मज़बूत बनाती है, वहीं दिल को कठोर भी बना देती है! हाथों की मज़बूती के चक्कर में पहले से कठोर दिल काठ का कब बन जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता!

नि:संदेह नेता जी कर्मशील हैं. वे हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रहते हैं. नेता जी का रिकॉर्ड बजता ही रहता है कि देश अब मज़बूत हाथों में हैं. और इस सिलसिले में अकसर वे अपने हाथों को और मज़बूत बनाने की अपील भी ठोक दिया करते हैं. कई बार उनके भाषणों से सत्ता और देश एक होने का भ्रम होने लगता है. इतिहास इस बात की गवाही देता है, जब किसी नेता विशेष को ही देश का पर्याय बना दिया गया. नेता की वफ़ादारी को देश की वफ़ादारी से जोड़ दिया गया. नेता की मुख़ालिफ़त देश से गद्दारी मान ली गई. कहते हैं कि इतिहास ख़ुद को दोहराता है. वो अलग बात है कि इतिहास की पुनरावृत्ति वर्तमान में किसी को दिख जाती है और कोई देख कर भी देखना नहीं चाहता है. जब-जब आवाम ‘सत्ता आती-जाती है, मगर देश बना रहता है’ यह बात भूलती है, तब-तब नेता विशेष का देश का पर्याय बनने का ख़तरा बना रहता है! अगर हम नेता को ही देश मानें (जैसा कि मनवाने की कोशिशें जारी हैं) तब क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है कि फिर उन्हीं मज़बूत हाथों से (देश के नाम पर ) किसी का भी गला घोंटा जा सकता है?

देश मज़बूत हाथों में है, अच्छी बात है. मगर जिन हाथों में देश हैं, वे हाथ किन हाथों को मज़बूत बना रहे हैं, ये देखना होगा! देश में एक-आध उद्योगपतियों के हाथों को छोड़कर बाक़ी के हाथों का क्या! वे हाथ जोड़ रहे हैं या हाथ फैला रहे हैं! सेठों के हाथों में देश की अकूत संपत्ति डाली जा रही है और अस्सी करोड़ हाथों को महज पांच किलो अनाज! सत्ता में बैठे मज़बूत हाथों की यह कोशिश (साज़िश पढ़ें) है कि देश के असंख्य हाथ महज़ नारों के लिए उठे, न कि इंकलाब के लिए!

मज़बूत हाथों से गुरेज़ नहीं. मगर हाथ मज़बूत होने का आशय क्या है? ऐसा भी तो हो सकता है कि हाथों को मज़बूती बढ़ती जाए और देश कमज़ोर होता जाए! क्या हाथ मज़बूत होने का मतलब यह नहीं कि किसी का पृष्ठ भाग किसी सरकारी कुर्सी में समा जाए बस? क्या लोकतंत्र के मज़बूत होने से देश मज़बूत नहीं होता? क्या केवल मज़बूत सत्ता का हाथ ही देश को संभाल सकता है? क्या लोकतंत्र के मज़बूत हाथ का देश की मजबूती में कोई योगदान नहीं बनता! देश की जगह जब-जब हाथों की मजबूती को ही मात्र धुरी बनाया जाता है तो तबियत घबराती है. लगे हाथों यह भी देखना चाहिए कि वे हाथ कहीं लोकतंत्र से यह तो नहीं कह रहे कि ज़रा खिसको भाई! हमें बैठने दो! माना देश अभी मज़बूत हाथों में है, मगर वे हाथ कब चंगुल में बदल जाएं, क्या पता!

मैं कल्पना करता हूं कि देश को एक गेंद की तरह हाथ पकड़े हुए हैं. देश कह रहा है, ‘अरे भाई पकड़ो, मगर तुम तो जकड़ रहे हो!’ देश के यह कहते ही हाथ की पकड़ और मज़बूत हो जाती है. देश चिल्लाता है. ‘डोंट वरी! डोंट वरी!’ कहकर एक हाथ आश्वासन देता है तो वहीं दूसरा हाथ ‘इट्स टू मच डेमोक्रेसी!’ कहकर कसकर डांट लगा देता है.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट
Anoop-Mani-Tripathi

Tags: Anup Mani TripathiAttitudecountrycountry in strong handscountry's conditionDemocracydictatorshipdouble engine governmenthands of powerpolitical satireSatiretopical satireअनूप मणि त्रिपाठीडबल इंजन सरकारतानाशाहीदेशदेश का हालनज़रियामज़बूत हाथों में देशराजनीतिक व्यंग्यलोकतंत्रव्यंग्यसत्ता के हाथसामयिक व्यंग्य
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.