महामारी ने हम सभी के जीवन को प्रभावित किया है. बच्चे, बूढ़े और युवा सभी की इसे लेकर अपनी अलग कहानी, अपनी अलग परेशानी है, जिसका निदान धीरे-धीरे सही संभव है. पर इस महामारी ने हमें पैसों के निवेश को लेकर भी कई बातें सिखाई हैं. क्या आपने मनी मैनेजमेंट के ये सबक सीखे? यदि नहीं तो यहां सीखें, ताकि किसी भी आपदा से लड़ने के लिए आप और आपका परिवार पूरी तरह तैयार रहें.
हममें से किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन धरती पर कोई ऐसी आपदा आ जाएगी कि पूरे विश्व में लोगों को अपने घरों के अंदर क़ैद होकर दिन गुज़ारने होंगे, सबकुछ थम-सा जाएगा और इतने लोगों को असमय ही मृत्यु का शिकार होना होगा. हालांकि महामारी को रोकना तो हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन अपने जीवन में इस तरह निवेश की योजना बनाना तो अब हमारे हाथ में है कि ऐसी किसी मुसीबत के आने पर हम और हमारा परिवार अच्छी तरह जीवनयापन कर सकें. इस महामारी ने हमें निवेश के जो सबक सिखाएं हैं, उन्हें हम यहां दोहरा रहे हैं…
इंश्योरेंस बहुत ज़रूरी है
महामारी ने हमें सिखाया है कि जीवन बीमा हो या फिर हेल्थ इंश्योरेंस इनमें निवेश करना बहुत ज़रूरी है. इसे कभी न टालें. ऐसे समय में जब आप बीमार होंगे, इलाज का ख़र्च उठाना मुश्क़िल हो सकता है, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस होने पर आप पर इसका बोझ बहुत ही कम आएगा. ईश्वर न करे, लेकिन यदि ऐसी आपदा में किसी घर के आजीविका चलाने वाले सदस्य की मौत हो जाती है तो कम से कम घर के अन्य सदस्यों के सामने इस अपार दुख के साथ-साथ एकदम से रोज़ी-रोटी का संकट पैदा नहीं होता है.
इमर्जेंसी फ़ंड रखना ही चाहिए
कोविड 19 के दौरान रोज़गार में कमी आई. कई इंडस्ट्रीज़ बंद हो गईं, कई लोगों के रोज़गार छिन गए. ऐसे में उनके सामने अपने परिवार के लिए खाने-पीने के इंतज़ाम की भी दिक़्क़ते आ गईं. इन्हें देखते हुए यह आपके निवेश का पहला लक्ष्य होना चाहिए कि आप एक इमर्जेंसी फ़ंड बनाएं. इस फ़ंड में कम से कम छह महीने और अधिक से अधिक एक वर्ष तक आपके परिवार का ख़र्च आसानी से निकल सके इतना पैसा ज़रूर रखें.
अपनी देनदारी कम से कम रखें
इसका सीधा अर्थ ये है कि लोन पर चीज़ें लेने से बचें. क्रेडिट कार्ड से सामान ख़रीदने की आदत पर लगाम लगाएं और यदि आपके ऊपर होम लोन आदि है तो उसकी किश्तें समय पर चुकाएं या फिर प्री-पे कर सकते हों तो वह कर दें. देनदारी कम होगी तो ऐसे कठिन समय में जीवन जीना आसान हो जाएगा.
फ़िज़ूल ख़र्च से बचें
यदि आपको बेवजह बाज़ार जाकर, ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों को ख़रीदने का चस्का है तो इस आदत से हमेशा ही बचना चाहिए. महामारी ने हमें बता ही दिया है कि हम सब का गुज़ारा बेसिक चीज़ों के साथ भी बड़ी आसानी से हो सकता है. महामारी के इस मूल मंत्र को याद रखिएगा तो फ़िज़ूल ख़र्च की आदत पर ख़ुद-ब-ख़ुद लगाम लग जाएगी.
अपनी स्किल्स पर करें इन्वेस्ट
यदि आपको निवेश करना ही है तो अपने जॉब/बिज़नेस के साथ-साथ एक नई स्किल सीखने पर निवेश कीजिए, ताकि ऐसी अचानक आ सकने वाली आपदा के बीच यदि आय का एक ज़रिया बंद हो जाए तो आप दूसरे तरीक़े से अपनी स्किल्स का इस्तेमाल कर रोज़गार पा सकें. यह बात तो हमेशा ही कही जाती रही है कि हर व्यक्ति के पास एक ऐसा हुनर होना चाहिए, जिसे वह आय का ज़रिया बना सके. हां, महामारी ने इस बात की उपयोगिता गहाराई से सिद्ध कर दी है.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट