हम जानते हैं कि आप स्नान करने के फ़ायदों से परिचित होंगे ही. रोज़ाना स्नान करने से जहां शरीर स्वच्छ रहता है और शरीर का तापमान सही बना रहता है, वहीं थकान दूर होती है और शरीर में ताज़गी का संचार होता है. पर क्या आप जानते/जानती हैं कि स्नान करने का सही तरीक़ा क्या है? एक नज़र यहां डालें और जान लें.
आप भी सोच रहे होंगे/होंगी कि आख़िर जो काम हम रोज़ाना करते हैं यानी स्नान, उसके बारे में हमें ऐसा क्या ख़ास बताया जा रहा है? तो आपको बता दें कि यहां पर जो बातें बताई जा रही हैं, यदि आप उन्हें अपना लेंगे/लेंगी तो आपकी त्वचा की सेहत में सुधार आएगा, उसमें ऐसी चमक आएगी, जिसे आप ख़ुद भी नोटिस कर सकेंगे. स्नान करना हमारे रूटीन का हिस्सा है और इससे हमें ताज़गी मिलती है, लेकिन हमारी बताई हुई बातों को अमल में लाने से आपको अपनी त्वचा सेहतमंद और दमकती हुई भी नज़र आएगी.
पानी के तापमान का रखें ख़्याल
हम गर्मी के मौसम में ठंडे और ठंड के मौसम में गर्म पानी के इस्तेमाल की बात नहीं बता रहे हैं. बल्कि यह बताने जा रहे हैं कि ठंडे पानी का इस्तेमाल कर स्नान करने से जहां आपको ताज़गी मिलती है, वहीं गुनगुने पानी से स्नान करने से आपकी दिनभर की थकान उतर जाती है. साथ ही, हम तो आपको यह भी बताना चाहते हैं कि कभी भी ज़रूरत से ज़्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल ना करें. इससे आपकी त्वचा पर मौजूद नैचुरल ऑइल्स हट जाते हैं और त्वचा रूखी हो जाती है. इससे त्वचा पर रैशेज़ हो सकते हैं और रूखेपन की वजह से आपको खुजली की समस्या भी हो सकती है.
नैचुरल साबुन या उबटन का करें इस्तेमाल
स्नान करने के लिए सामान्य साबुन का इस्तेमाल करने की जगह बॉडी वॉश या फर नैचुरल सोप का इस्तेमाल करें. सामान्य साबुन जहां, त्वचा पर कठोर हो सकते हैं, वहीं नैचुरल साबुन त्वचा पर सौम्य होता है और त्वचा पर मौजूद प्राकृतिक तेल को बिना कोई नुक़सान पहुंचाए त्वचा को स्वच्छ करता है. वहीं मॉइस्चराइज़िंग बॉडी वॉश के इस्तेमाल से आपको इसमें मौजूद त्वचा के लिए फ़ायदेमंद इन्ग्रीडिएंट्स का भी लाभ मिलता है. और यदि आप पूरी तरह नैचुरल प्रोडक्ट्स पर भरोसा करते/करती हैं तो घर पर बने उबटन का इस्तेमाल कर के भी स्नान कर सकते हैं. दो टीस्पून बेसन, दो टी स्पून दही और एक चुटकी हल्दी को एक बोल में मिलाएं और साबुन की जगह इस उबटन से त्वचा को साफ़ करें.
लूफ़ा के रेशे करेंगे त्वचा को एक्स्फ़ॉलिएट
अपनी त्वचा को साफ़ करने के लिए लूफ़ा का इस्तेमाल करें. इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इसमें मौजूद रेश हमारी त्वचा को सौम्यता से एक्स्फ़ॉलिएट करते हैं. जिससे आपकी त्वचा पर जमी मृत कोशिकाएं हट जाती हैं. ज़ाहिर है, मृत कोशिकाओं के हटने से आपकी त्वचा की रंगत निखर जाती है. आप चाहें तो एक दिन छोड़कर भी लूफ़ा इस्तेमाल कर सकते/सकती हैं.
त्वचा को मॉइस्चराइज़ का सही समय यह है
स्नान के तुरंत बात अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना बहुत ज़रूरी है. जब हम स्नान करते हैं गर्म पानी, नमी और भाप की वजह से हमारी त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं और त्वचा पर मौजूद नैचुरल ऑइल पानी के साथ बह जाता है. लेकिन इस समय हमारी त्वचा की सोखने की क्षमता बढ़ जाती है. ऐसे में स्नान के तुरंत बाद अपने शरीर पर मॉइस्चराइज़र लगाने से वह त्वचा में भीतर तक जज़्ब हो जाता है. इससे आपकी त्वचा लंबे समय तक हाइड्रेटेड बनी रहती है और आपको ताज़गी का एहसास देती है.
पन्द्रह दिनों में एक बार करें तैल स्नान
यह तो आपको भी पता होगा कि यदि त्वचा की तेल से मालिश की जाए तो न केवल रक्त का संचार सुधरता है, बल्कि यह आपको रिलेक्स करता है, जिससे तनाव में कमी आती है. तेल से त्वचा को पोषण भी मिलता है. अत: बहुत ज़रूरी है कि आप महीने में कम से कम एक या दो बार तैल स्नान करें. इसके लिए आप प्राकृतिक, कोल्ड-प्रेस्ड तेल का चुनाव कर सकते हैं. तिल का तेल, नारियल का तेल या फिर बादाम का तेल इसके लिए उपयुक्त होते हैं. इनमें से जो भी तेल आपके पास उपलब्ध हो, उसे लें. गुनगुना करें और स्नान करने से पहले इसे अपने पूरे शरीर की मालिश करें, जिसमें आपका चेहरा भी शामिल है. लगभग 15 मिनट तक इसे अपने शरीर में समाहित होने दें. इसके बाद गुनगुने या ठंडे पानी से स्नान कर लें. चाहें तो तैल स्नान के लिए एक अलग तौलिया का इस्तेमाल कर सकते/सकती हैं. तैल स्नान के बाद आपको अपनी त्वचा की चमक ख़ुद ब ख़ुद मोहित करेगी, यह हमारा दावा है.
नैचुरल ऑइल्स यानी प्राकृतिक तेल का इस्तेमाल करें
अपनी त्वचा पर तेल यानी ऑइल से मालिश करने से रक्त संचार सुधरता है, तनाव कम होता है और त्वचा को पोषण भी मिलता है. मालिश के लिए नैचुरल, कोल्ड-प्रेस्ड ऑइल, जैसे-बादाम या नारियल का तेल चुनें, जो आपकी त्वचा को पोषण देने के साथ-साथ उसे पुष्ट भी बनाएगा. मालिश करने से आपकी त्वचा सेहतमंद और ओस जैसी चमक से दमकती हुई नज़र आएगी. साथ ही, चूंकि ये तेल प्राकृतिक हैं, त्वचा के पोर्स बंद नहीं होंगे और ब्रेकआउट्स जैसी कोई समस्या भी नहीं होगी.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट