त्यौहार जहां ख़ुशियों की सौगात लेकर आते हैं, वहीं उन लोगों के लिए चुनौती बनकर आते हैं, जिनका वज़न खानपान में ज़रा-सी भी गड़बड़ी होने पर तेज़ी से बढ़ता है. मोहक बेरिएट्रिक्स के फ़ाउंडर और चीफ़ सर्जन, एल्यूरियन एक्सपर्ट डॉ मोहित भंडारी बता रहे हैं कैसे आप त्यौहारी सीज़न में वज़न को नियंत्रित रख सकते हैं.
अभी-अभी दिवाली गई. तुलसी विवाह के बाद शादी-विवाह का भी सीज़न आ जाएगा. उसके बीतते ही क्रिस्मस और नए साल की ख़ुमारी छा जाएगी. ऐसे में आप पर बेहतरीन दिखने और महसूस करने का दबाव होगा. इस दबाव को झेलना अपने आप में काफ़ी कठिन होगा, क्योंकि बहुत सारी स्वादिष्ट मिठाइयां आपके वज़न प्रबंधन को अन्य दिनों की तुलना में मुश्क़िल बना देंगी. विशेष रूप से उन लोगों को, जिन्होंने जैसे-तैसे अपने बढ़े हुए वज़न को क़ाबू किया होगा. फ़ेस्टिव सीज़न के बाद वज़न कम और कंट्रोल करने का जो पहला विचार जो हमारे दिमाग़ में आता है, वह यह है कि आबोहवा बदलने के साथ, क्रैश डाइट या इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग किया जा सकता है. भले ही इन तरीक़ों से आपको झटपट रिज़ल्ट मिल जाए, पर डेली कैलोरी इनटेक में अचानक कमी लाना हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.
तो वज़न को नियंत्रित करने कौन-कौन से विकल्प हैं हमारे सामने?
अनियंत्रित वज़न बढ़ना आपके जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है या इसे ख़तरे में भी डाल सकता है. कुछ बेहद अनियंत्रित हो चुके मामलों में बेरिएट्रिक सर्जरी, लाइपोसक्शन, गैस्ट्रिक बाइपास आदि का सहारा लिया जाता है. पर ये तरीक़े आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से कठिन हो सकते हैं, ख़ासकर उन लोगों के लिए जिन्हें नाइफ़ से गुज़रने के बारे में मानसिक दुविधा है. वज़न को कम करने या कंट्रोल करने से जुड़ी कवायद करनेवालों को एक बात दिमाग़ में बिठा लेनी चाहिए कि मानव शरीर में कोई भी परिवर्तन क्रमिक और व्यवस्थित होना चाहिए, ताकि शरीर अपने अंदर हो रहे परिवर्तनों के अनुकूल हो सके.
वज़न नियंत्रित करने में आधुनिक चिकित्सा प्रणाली से कितनी मदद मिल सकती है?
हालांकि, यह देखते हुए कि मोटापा कितना आम होता जा रहा है, ऐसी कई चिकित्सा प्रणाली हैं जो ऐसी स्थितियों से अधिक नियोजित और निरंतर तरीक़े से निपटने में मदद करने के लिए चल रही हैं. इसके अलावा, चूंकि मोटापा किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए अत्यधिक सर्जिकल हस्तक्षेप की सलाह नहीं दी जाती है. हाल ही में एक ट्रेंड चला है, वह है एल्युरियन प्रोग्राम. इस प्रोग्राम ने आशाजनक परिणाम दिखाए हैं. मूल रूप से यूरोप में रोगियों द्वारा स्वीकार की गई इस टेक्नोलॉजी का भारत में भी उल्लेखनीय परिणाम मिल रहा है. यह भारत में पेश की जानेवाली पहली ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें बिना किसी सर्जरी के वज़न को कम किया जा सकता है, तथा नियंत्रण में रखा जा सकता है. गैस्ट्रिक बैलून से महज़ छह महीने में वज़न को कम किया जा सकता है.
गैस्ट्रिक बलून प्रोग्राम में मरीज को एक हेल्थ ट्रैकर (स्मार्टवॉच) और एक कनेक्टेड स्केल दिया जाता है, ताकि उनके डायट एक्सपर्ट दूर से ही वज़न में बदलाव की निगरानी कर सकें और उन्हें सलाह दे सकें. इस तकनीक से टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों को अपना वज़न बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है.
तो इस फेस्टिव सीजन में अपने वज़न की चिंता न करें, बल्कि वज़न घटाने की यात्रा के बारे में किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें, जो आपके लिए सही हो. इसे सही तरीक़े से जीने के लिए एक स्वस्थ शुरुआत के रूप में देखिए.
इनपुट्स: डॉ मोहित भंडारी, एल्यूरियन एक्सपर्ट, मोहक बेरिएट्रिक्स के फ़ाउंडर और चीफ़ सर्जन
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