अलसी के बीजों को जिन्हें तीसी या फ़्लैक्स सीड्स भी कहा जाता है, सुपर सीड्स माना गया है. आधुनिक विज्ञान के वैज्ञानिकों की एक बड़ी खेप इसके सुपर पावर गुणों की खोजबीन में ज़बरदस्त पसीना बहा रही है. और डॉक्टर दीपक आचार्य हमें-आपको इसी अलसी के ढेर सारे गुणों और फ़ायदों के बारे में बता रहे हैं…
ज़्यादा समय पहले की बात नहीं है कि हमारे गांव देहातों में अलसी का रकबा काफ़ी बड़ा हुआ करता था, लेकिन अब खेत खलिहानों में अलसी कम दिखाई देती है. अलसी का तेल भी कई व्यंजनों में ख़ूब इस्तेमाल में लाया जाता था, लेकिन एक अरसे से मैंने किसी भी रसोई में अलसी का तेल देखा नहीं है, दुर्भाग्य है. दुर्भाग्य की वजह इस आलेख पर रेंगते हुए आपको समझ आ जाएगी.
अलसी दिल का दोस्त है: जी हां, अलसी हमारे दिल के लिए मुफ़ीद है. अलसी एंटीऑक्सिडेंट भी है, एंटी इन्फ़्लेमटॉरी भी है और तो और माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट्स का ख़ज़ाना भी है. अलसी के बीजों में लगभग 35% फ़ाइबर पाया जाता है. महज़ 10 ग्राम बीजों को कन्ज़्यूम किया जाए तो आपके शरीर के लिए दैनिक रूप से आवश्यक प्रोटीन, फ़ाइबर, ओमेगा 3 फ़ैटी ऐसिड्स और कई महत्वपूर्ण विटामिन्स और मिनरल्स मिल सकते हैं. ये तो हुई किताबी तामझाम की बातें, अब कुछ काम भी बातें भी हो जाएं.
कैसे खाएं अलसी: गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य और उत्तर भारत के कई घरों में अलसी मुखवास के तौर पर पानदान में देखने मिल जाएगी. कुछ लोग इसे भूनकर चबाते हैं, कुछ लोग इसे सौंफ, तिल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करते हैं. मैं खुद एक लंबे अरसे तक कन्फ़्यूज़ रहा कि अलसी को खाने का सही तरीक़ा क्या हो सकता है. भटकते हुए एक बार बस्तर (छत्तीसगढ़) में एक आदिवासी परिवार के घर में अपने डिनर की व्यवस्था कर लिया था. बुज़ुर्ग दंपति ने डिनर के बाद मुझे एक चम्मच कोई चूर्ण दिया और मुझे इसे चबा लेने की सलाह दी गई. बताया गया कि वो अलसी और भूरे कुम्हड़े (कद्दू या पम्पकिन) के बीजों का चूर्ण था. मेरी दिमाग़ी कुतरम शांत भला कैसे रह पाता? मेरे पूछने पर बताया गया कि अलसी को हल्का भूनकर, कूटकर ही खाया जाना चाहिए, ताकि इसका भरपूर फ़ायदा मिले. इसके बीज का आवरण कठोर होता है जिसे हमारा पेट गला नहीं पाता है, इसे कूट लिया जाए तो ये आसानी से शरीर को मिल जाता है. उन बुज़ुर्ग आदिवासी की बात एकदम लॉजिकल थी.
अब आपको क्या करना है: बाज़ार से अलसी के बीज लेते आएं. हल्का भून लें और खलबत्ते में कुटाई करके पाउडर तैयार कर लें. आप चाहें तो हल्का सा काला नमक भी मिला सकते हैं. रोज़ दिनभर में 3-4 चम्मच (करीबन 20-25 ग्राम) चबा लीजिए. हार्ट की समस्या है, हाई ब्लड प्रेशर का मसला है या वज़न कम करने का जुनून, सबमें ताबड़तोड़ फ़ायदा करेगा ये. अलसी के बीजों में पाए जाने वाला ओमेगा 3 हार्ट के लिए एकदम सॉलिड आइटम है. इन बीजों में ALA (अल्फ़ा लीनोलिक ऐसिड) पाया जाता है, जो कि आपके दिल की सेहत के लिए बेहद आवश्यक है. जैसा कि लेख के शुरुआत में मैंने बताया, इसमें फ़ाइबर्स ख़ूब होते हैं और ये फ़ाइबर्स सॉल्युबल और इनसॉल्युबल दोनों तरह के होते हैं. सॉल्युबल फ़ाइबर पेट में जाकर पाचन की प्रोसेस को स्लो-डाउन करते हैं, पानी को सोखते हैं, जिससे आपकी फ़ूड क्रेविंग्स (भूख लगना) कम हो जाती हैं. इसका सीधा असर आपके मोटापे पर पड़ेगा. यही सीधा असर डायबेटिक्स को भी मिलता है, ब्लड शुगर रेगुलेट होता है. इनसॉल्युबल फ़ाइबर पचते नहीं है, लेकिन उन सूक्ष्मजीवों के लिए बढ़िया आइटम्स हैं जो आपके पेट की सेहत को टनाटन रखते हैं, यानी पाचन तंत्र भी बैलेंस रहेगा. यही अलसी बीज का पाउडर IBS और कॉन्स्टिपेशन की शिकायत करने वालों को भी फ़ायदा पहुंचाता है. मतलब 20-25 ग्राम अलसी के बीजों का चूर्ण कई समस्याओं का समाधान है और आप हैं कि कैप्सूल्स, गोलियों और टॉनिक से घर को सजाए बैठे हैं. अरे भई, भटको तो सही थोड़ा… छोड़िए ना वो रास्ता जो बीमार को और भी बीमार बनाता है, पकड़िए वो पगडंडी जो आपको एकदम टनान बनाकर रखे.
हाई ब्लड प्रेशर में है फ़ायदेमंद: जो लोग महंगा ऑलिव ऑइल यूज़ करते हैं, अलसी के तेल को उसी तरह आज़माएं, सस्ता है और उससे ज़्यादा गुण हैं इसमें. जो लोग चिया चिया सीड्स चिल्लाए पड़े हैं, अलसी के बीज आज़मा लो, चिया का बड़ा भाई है ये. कभी अलसी के तेल पर पंचायत करेंगे, फ़िलहाल बीजों की बात करते हैं. अलसी के बीजों के पाउडर बनाने के लिए ग्राइंड बिल्कुल ना करें, खलबत्ते में कूटकर ही तैयार करें. बटरमिल्क में मिलाएं, दूध में मिलाकर पिएं या गुनगुने पानी में मिक्स करें इस्तेमाल करे, फांकी मारनी हो तो वो कर लें, पर हर दिन 20-25 ग्राम जरूर खाएं, घर के बुजुर्गों को ज़रूर खिलाएं. आपका दोस्त दीपक आचार्य एक बात बताना तो भूल ही गया, क्लिनिकल स्टडीज़ बताती हैं कि हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी ये बीज कारगर हैं. डेढ़ महीने तक इन बीजों के 20 ग्राम पाउडर को 250 से ज़्यादा लोगों को कन्ज़्यूम करवाकर हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में प्रेशर में गिरावट देखी गई. ट्राय करके देखें, कोई बड़े भारी साइड इफ़ेक्ट तो हैं ही नहीं. आपका दोस्त डॉक्टर नहीं है, लेकिन बतौर वैज्ञानिक जो सीखा, समझा, वो परोस रहा है, चॉइस इज़ योर्स. बात जमे तो शेयर करें
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट