आज स्वतंत्रता दिवस है और स्वतंत्रता को बरक़रार रखने में हमारे देश के सिपाहियों और जवानों के योगदान को कौन नकार सकता है? यूं तो हमेशा ही देश उनका कृतज्ञ रहता है, लेकिन आज का दिन वह ख़ास अवसर है, जब हमें इन जवानों को अपनी ओर से याद करना ही चाहिए. फूलचंद यादव की इस कविता में जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया है.
हे जवान! जन जन की शान,
तुम से है यह देश महान
भेद यहां पर नहीं दिखते, जिससे अभेद्य हो जाते
धर्म यहां पर मानवता है, सर्वधर्म समभाव सजाते
राष्ट्र की संस्कृति और सभ्यता, इनसे रक्षित संचित विकसित
नभ जल थल में फैल रही है, इनकी कीर्ति महान
हे जवान!
देश देशवासी हैं सुरक्षित, सब जन अपना काम करें
कृषि विज्ञान चिकित्सा, शिक्षा का घर घर विस्तार करें
स्वस्थ हो काया स्वस्थ हो बुद्धि, सब सबका सम्मान करें
धर्म अर्थ संग काम है बढ़ता, बढ़े ज्ञान विज्ञान
हे जवान!
तेरे ही बल पर पूरा देश, रहे सदा निश्चिंत
भय और लोभ से दूर रहकर, रहे पथ पर अडिग
मैन मिसाइल, मैन मून और मैन मार्स प्रगति करे
सुख शांति समृद्धि बढ़े, सद्भाव बने पहचान
हे जवान!
स्वस्थ और ख़ुशहाल रहे, पथ का नित ध्यान रहे
देश हमारा धरती अपनी, इसका सदा गुमान रहे
बढ़े क़दम अब रुकें नहीं, प्रतिपल राष्ट्रोत्थान रहे
देश हमारा भारत है, जन जन का जागे स्वाभिमान
हे जवान!
जब जब देश पर दुश्मन ताके, तुमने है मुंह फेर दिया
चौकस चौबीस घंटे रहकर, तनिक भी नहीं देर किया
सावधान हो दुर्गम पथ पर, तुमने ही प्रस्थान किया
सेवा, त्याग, सुरक्षा तेरी, बनी रहे पहचान
हे जवान!
आधी रात तूफ़ान रहे, गर्मी या बरसात रहे
शीत युद्ध हिमपात रहे, दिन हो चाहे रात रहे
एक धर्म है एक कर्म है, एक मर्म तेरे साथ रहे
देश के हित दुनिया में, तेरा अद्भुत बलिदान
हे जवान!
फ़ोटो साभार: पिन्टरेस्ट