जब हम किसी को गाजर-मूली कहते हैं तो एक तरह से हम उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. वैसे गाजर और मूली को मामूली बताने की मानसिकता उसके बहुतायत में होने और सभी जगह आसानी से उपलब्ध होने के चलते फली-फूली है. भले ही आम बातचीत में जाने-अनजाने आप किसी को महत्वहीन बनाने के लिए उसे गाजर-मूली से कंपेयर करते हों, पर डॉ अबरार मुल्तानी कहते हैं कि सेहत की दृष्टि से गाजर को मामूली समझकर उसकी तौहीन करने की सोचना भी घातक हो सकता है.
गाजर एक स्वादिष्ट मूल है, जिसे लगभग हर व्यक्ति सलाद में या हलवे के रूप में खाना पसंद करता है. औषधि के रूप में गाजर के बीज और जड़ का इस्तेमाल किया जाता. गाजर पेट के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद है, यह शरीर की बढ़ी हुई गर्मी को ठीक करती है, यह शक्ति प्रदान करती है, ख़ून को साफ करती है, पेट के कीड़ों को नष्ट करती है, पाइल्स, पथरी और यूटीआई से राहत दिलवाती है. कुछ और इसके औषधीय उपयोग मैं आपको बता रहा हूं.
* एक कप गाजर का रस और एक कप बकरी के दूध के दही को मिलाकर पिएं तो ब्लीडिंग पाइल्स, माहवारी में ज़्यादा रक्त आना और ख़ूनी पेचिश में बहुत आराम मिलता है.
* गाजर को खिलाने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं.
* आग से जल जाने पर घरेलू उपचार के रूप में गाजर को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन से राहत मिलती है.
* जिन बच्चों को दूध हजम नहीं होता है, उन्हें गाजर खिलाना चाहिए.
* एक कप गाजर का रस दिन में 2-3 बार पीने से दिल को ताक़त मिलती है और अनियमित धड़कन की परेशानी दूर होती है.
* नकसीर फूटने पर गाजर को पीसकर माथे पर लेप लगाते हैं जिससे आराम होता है.
डॉ अबरार मुल्तानी
सिरीज़: किचन क्लीनिक
*पाठकों से औषधीय उपयोग से पूर्व चिकित्सकीय परामर्श अपेक्षित है.