विश्व को कई चीज़ों ने बदला है. युद्ध-योद्धा शासन-शासक, दर्शन-दार्शनिक, आंदोलन-आंदोलनकारी, क्रांति-क्रांतिकारी, धर्म-पैगंबर… आदि. इन्होंने विश्व को एक नई दिशा दी है. वैसी ही दिशा दुनिया को चिकित्सा-चिकित्सक और बीमारियों ने भी दी है और उसमें भी सबसे ज़्यादा बड़ी बेदर्दी से दुनिया को बदला है महामारियों ने.
महामारी ने लोगों को, उनके व्यवहार को, उनके शासक और यहां तक कि उनके धर्म और आराध्य ईश्वर तक को बदला है. 400 ईसा पूर्व यूनान के दो महान नगर साम्राज्य एथेंस और स्पार्टा के बीच के लंबे युद्ध में स्पार्टा की विजय के पीछे कई कारण दिए जा सकते हैं जैसे कि स्पार्टा के योद्धा एथेंस के योद्धाओं से बहुत बेहतरीन लड़ाके थे (फारस से स्पार्टा के बेहतरीन लड़ाकों की लड़ाई पर हॉलीवुड में ‘300’नामक एक कमाल की फ़िल्म भी बनी है). लेकिन उनमें सबसे प्रमुख कारण थी एक महामारी जिसका नाम था प्लेग. प्लेग ने एथेंस के महान राजा पेरिक्लीज़ के साथ-साथ लगभग आधी एथेंस की सेना और आबादी को मौत के घाट उतार दिया.
इसी तरह एंटोनिन प्लेग ने दूसरी सदी में लाखों लोगों के साथ रोमन सम्राट मार्कस ऑरिलियस की जान ली जिससे रोमन साम्राज्य हिल गया.
जस्टनियन प्लेग ने पूरे मेडिटेरिय सी (भूमध्य सागर) के आसपास के रहने वालों पर क़यामत बरसाई. 200 साल तक यह प्लेग बार-बार आता रहा और इस तरह इसने विश्व की 25% से ज़्यादा आबादी को नष्ट कर दिया.
चेचक की माहमारी ने एज़्टेक साम्राज्य को मिट्टी में मिला दिया.
14वी सदी में आयी ब्लैक डेथ (ब्यूबोनिक प्लेग) नामक महामारी ने विश्व की एक तिहाई जनसंख्या को मौत के घाट उतारा. इससे ब्रिटेन और फ्रांस तबाह हुए और इसका फायदा ऑटोमन एम्पायर को मिला.
1918 में स्पेनिश फ्लू आया और यह 1919 की गर्मियों में रहस्यमयी ढंग से ग़ायब भी हो गया. लेकिन इस एक साल के कम वक़्त में ही इसने दुनियाभर के 5 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया. कई देश और सरकारें बर्बाद हुईं.
1957 में हॉन्गकॉन्ग से शुरू हुए एशियन फ़्लू ने विश्वभर में फैलकर 11 लाख लोगों की जान ली.
1981 में अमेरिका से शुरू हुआ HIV का संक्रमण पूरे विश्व में फैला और अब भी यह ज़ारी है. अब तक करोड़ो लोगों की जान ले चुका है और 40 सालों में भी कोई इसकी वैक्सीन नहीं बना पाया.
2003 में SARS आया जो 26 देशों में फैला और अब हम दो चार हैं 2019 में आए कोरोना वायरस से. यह पहली महामारी भी है जिसे उसके साल से जाना जाता है. 2019 की यह महामारी 2021 के मध्य तक 37 लाख से ज़्यादा जानें ले चुकी है और दुनिया इसके नए-नए संस्करणों से परेशान है. इस महामारी ने भी इतिहास की ही तरह कई तख्तों को डगमगा दिया है. अमेरिका में इसने सत्ता परिवर्तन करवाया और कई देश के वर्तमान शासकों की नींद इसने उड़ा रखी है. इसने कई हीरो को ज़ीरो साबित कर दिया और बताया कि संसार के अधिकांश देशों की सत्ता बड़बोले और ज्ञानशून्य नेताओं के हाथों में हैं. कई वैज्ञानिक संस्थाओं को कोरोना ने बताया कि उन्हें कितना और होमवर्क करना है. कोरोना ने वैश्विक व्यापार और शक्ति के केंद्र बदल दिए हैं. दुनिया को कोविड-19 के पहले और उसके बाद के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा. अभी कई और तख्तों को गिरना है…
डॉ अबरार मुल्तानी
लेखक-मन के रहस्य
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