• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ज़ायका

व्रत के मौसम में जानिए साबूदाना खिचड़ी से जुड़ा वो इतिहास, जो आपको मालूम नहीं होगा

कनुप्रिया गुप्ता by कनुप्रिया गुप्ता
July 23, 2021
in ज़ायका, फ़ूड प्लस
A A
व्रत के मौसम में जानिए साबूदाना खिचड़ी से जुड़ा वो इतिहास, जो आपको मालूम नहीं होगा
Share on FacebookShare on Twitter

सावन यानी व्रत-उपवास वाला मौसम और व्रत वाले मौसम में व्रत के पकवान की बात तो होनी ही चाहिए. क्या आपको लगता है कि साबूदाना भारतीय है? यदि हां तो आप ग़लत हैं! साबूदाना भारतीय नहीं है, लेकिन साबूदाना खिचड़ी खालिस भारतीय है. अब आप ये न कहिएगा कि मैं पहेलियां बुझा रही हूं. भोजन से जुड़ा क़िस्सा सुना रही हूं और क़िस्से दिलचस्प न हों तो भला मज़ा कैसे आएगा? तो चलिए, आज खंगालते हैं इंदौर में मिलनेवाली साबूदाना खिचड़ी के बहाने से इसका इतिहास.

शहर की ख़ुशबू किन चीज़ों से होती है? कहीं इमारतों से कहीं समंदर से, कहीं मछली से, कहीं किसी फ़ैक्ट्री से उठने वाले धुंए से, कहीं मसालों से और कहीं पकवानों की ख़ुशबू से. आपने कितने ही शहर देखे होंगे, उनमें से कुछ ऐसे भी होंगे, जहां की कोई चीज़ या कोई भोजन या फिर मिठाई बड़ी फ़ेमस होगी. दूर-दूर तक लोग उस स्वाद की क़समें खाते होंगे. पर वो पकवान और शहरों में भी अच्छा बनता होगा और मिलता भी होगा आसानी से तो वहां की क़समें कोई दूसरे लोग खाते होंगे.

अच्छा जाने दीजिए, पूरे देश में एक शहर ढूंढ़कर दिखा दीजिए, जहां हर नुक्कड़ पर साबूदाना खिचड़ी मिलती हो… अब आप कहेंगे इन्दौरिन करने लगी फिर इंदौर की तारीफ़, पर अब झूठ तो नहीं बोल रही न मैं! ढूंढ़ लाइए कोई शहर, जहां जगह-जगह साबूदाना खिचड़ी के ठेले हों और व्रत उपवास में ही नहीं साबूदाना खिचड़ी सुबह के नाश्ते में, दोपहर के खाने में या शाम को स्नैक्स के रूप में यानी कि जिसका जब मन पड़े खाई जाती हो. नहीं ढूंढ़ सकेंगे जनाब, मिलेगा ही नहीं कहीं. क्योंकि जैसे दीवाने इंदौर में रहते हैं, वैसे दीवाने और कहां मिलेंगे?

सावन आ गया है और लोग करेंगे व्रत और जितने व्रती होंगे उससे ज़्यादा होंगे वो लोग साबूदाना खिचड़ी खाएंगे और उन्होंने कोई व्रत भी नहीं रखा होगा. आपने इंदौर का नाम पोहे-जलेबी के साथ सुना होगा, पर यक़ीन मानिए इंदौर में जहां पोहा, वहां साबूदाना खिचड़ी. जितना पॉपुलर पोहा, उतनी ही खिचड़ी भी. और पोहा तो हल्का-फुल्का, पर साबूदाना खिचड़ी तो पेट भरनेवाली, ज़्यादा कैलोरी देनेवाली तो ये तो दिन के किसी भी वक़्त पेट पूजा के काम आ जाएगी.

कहानी इंदौरी खिचड़ी की: बात निकली है तो महाराष्ट्र तक ज़रूर जाएगी. क्यों…? क्योंकि साबूदाना खिचड़ी भी है तो महारष्ट्र की देन, पर महाराष्ट्र में ये आपको ढूंढ़े से ही मिलेगी बाज़ारों में. देखा जाए तो साबूदाना खिचड़ी का जन्मदाता महाराष्ट्र है, पर इसको सारे पंख इंदौर में आकर मिले हैं. चाहने वाले भी इंदौर में ही ज़्यादा मिले और स्वाद भी इंदौर में ही निखरा. इंदौर में सांवरिया खिचड़ी वाले की दुकान वर्ष 1983 से है और उसके पहले कभी से ये इंदौर की गली नुक्कड़ों और दुकानों की रानी है. आज के समय में आपको हर उस जगह साबूदाना खिचड़ी मिलेगी, जहां खाने-पीने की और किसी चीज़ का ठेला है और यक़ीन मानिए एक ठेले से दूसरे ठेले की अधिकतम दूरी चलकर पार की जा सकती है. मतलब इंदौर में हर नुक्कड़ पर खानपान का व्यंजन मिलेगा और साथ में मिल जाएगी साबूदाने की खिचड़ी.

इतिहास के झरोखे से: वैसे तो भारत में साबूदाना भी अपना नहीं है. इसका तो आविष्कार ही इंडोनेशिया में हुआ. अब ज़्यादा गहराई में देखेंगे तो सागो कांड सब जगह इंडोनेशिया से पहुंचा, पर जो साबूदाना है उसका वर्तमान रूप ताइवान की देन माना जाता है.
भारत में साबूदाना सबसे पहले वर्ष 1943-1944 में तमिलनाडु में बनाया गया. प्रारंभिक रूप से ये कॉटेज इंडस्ट्री थी, आगे चलकर व्यावसायिक रूप से बड़े पैमाने पर साबूदाने का उत्पादन होने लगा.
महाराष्ट्र में साबूदाना पहुंचने के बाद वहां से साबूदाना खिचड़ी और साबूदाना वडा प्रचलन में आया और यहीं से साबूदाना खिचड़ी इंदौर तक पहुंची.

इन्हें भीपढ़ें

mother-cooking-food

मां के हाथ के खाने के स्वादिष्ट होने का सीक्रेट यहां है!

November 10, 2022
sattvik-food

सात्विक भोजन के कई फ़ायदे हैं!

October 31, 2022
अबकि देसी अंदाज़ में कराइए मुंह मीठा- बनाइए गुड़ पारे

अबकि देसी अंदाज़ में कराइए मुंह मीठा- बनाइए गुड़ पारे

October 21, 2022
pumpkin-halwa

स्वादिष्ट और पौष्टिक कद्दू का हलवा

October 14, 2022

कैसे बनाई जाती है ये खिचड़ी: घरों में साबूदाना खिचड़ी कैसे बनाई जाती है ये तो हम सभी जानते हैं, पर इंदौर के ठेलों पर साबूदाना खिचड़ी बड़े विशेष ढंग से बनाई जाती है. देखिए होता क्या है एक बड़े से तपेले (तबेला नहीं तपेली/पतीली का बड़ा भाई) में पानी गरम किया जाता है और उसके ऊपर दूसरा बड़ा बर्तन रखा जाता है. उसमें रखे जाते हैं गले हुए साबूदाने और डाले जाते हैं उबले आलू कुछ मसाले हरी मिर्च का तड़का और इस बड़े तपेले को गैस पर रखकर भाप में पकाए जाते हैं साबूदाने और उसमें मिलाए जाते हैं बाक़ी आइटम. फिर जब ये सारे अच्छे से भाप में पाक जाते हैं तो होता है असली जलवा. एक दूसरी तपेली ली जाती है, जिसमें थोड़ी मात्र में ये साबूदाने वाला मिश्रण दाला जाता है, उसमें डाली जाती है थोड़ी पिसी हुई शक्कर, निम्बू, मसालों का मिश्रण, आलू की सेव (इंदौर है भिया तो सेव तो होगी ही!), भुनी मसालेदार मूंगफली और पकड़ा दी जाती है खानेवाले के हाथ में. तो ऐसे बनाई-खाई जाती है सुबह से लेकर देर रात तक ये खिचड़ी.

यादों की खिड़की से: साबूदाना खिचड़ी तो वैसे बचपन से खाते रहे हैं हम. सावन के सोमवार, नवरात्रि, शिवरात्रि, मंगलवार, शनिवार और न जाने कितने व्रत उपवासों के दिन घर में ये बनती थी. और इनमें से कितने ही व्रत हमने भी रखे और खिचड़ी का लुत्फ़ उठाते हुए पुण्य कमाया. पर बाज़ार में खिचड़ी मुझे भी इंदौर जाने के बाद ही देखने मिली. मेरे लिए भी ये अचम्भा-सा था कि लोग हर कभी खिचड़ी खा रहे हैं. खिचड़ी की ट्रीट दी जा रही, खिचड़ी की पार्टियां दी जा रहीं और लोग इतने चाव से खिचड़ी खा रहे. अब हालांकि मैं व्रत-उपवास कम ही करती हूं, पर खिचड़ी घर में शौक़ से बनाई जाती है, वो भी आलू, टमाटर वाली. अब घर में एक पांच साल का खिचड़ी का शौक़ीन भी है, जो थोड़े-थोड़े दिनों में कहता रहता है- मम्मी, साबूदाने की खिचड़ी कब बनाओगी? अच्छा बताइए तो आपके शहर में कहीं मिलती है साबूदाने की खिचड़ी? और आपके घर में कैसे बनाई जाती है खिचड़ी? आपकी बातों का इंतज़ार रहेगा कमेंट करिए या बताइएगा इस आईडी पर: oye.aflatoon.com
जल्द आऊंगी अगली बातों के साथ, नए क़िस्सों के साथ. तब तक के लिए बनाइए, खाइए और खिलाइए

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: fastinghistory of sagohistory of sago khichdiIndoreKanupriya Guptakanupriya gupta's columnsabudana khichdisago khichdisago khichdi of Indoreweekly columnइंदौरइंदौर की साबूदान खिचड़ीकनुप्रिया गुप्ताकनुप्रिया गुप्ता का कॉलमव्रत-उपवाससाप्ताहिक कॉलमसाबुदाना खिचड़ी का इतिहाससाबुदाने का इतिहाससाबूदाना खिचड़ीसाबूदाने की खिचड़ी
कनुप्रिया गुप्ता

कनुप्रिया गुप्ता

ऐड्वर्टाइज़िंग में मास्टर्स और बैंकिंग में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा लेने वाली कनुप्रिया बतौर पीआर मैनेजर, मार्केटिंग और डिजिटल मीडिया (सोशल मीडिया मैनेजमेंट) काम कर चुकी हैं. उन्होंने विज्ञापन एजेंसी में कॉपी राइटिंग भी की है और बैंकिंग सेक्टर में भी काम कर चुकी हैं. उनके कई आर्टिकल्स व कविताएं कई नामचीन पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं. फ़िलहाल वे एक होमस्कूलर बेटे की मां हैं और पैरेंटिंग पर लिखती हैं. इन दिनों खानपान पर लिखी उनकी फ़ेसबुक पोस्ट्स बहुत पसंद की जा रही हैं. Email: [email protected]

Related Posts

quick-cooking
ज़रूर पढ़ें

रेडी टू ईट और रेडी टू कुक फ़ूड का चलन भारत में तेज़ी से बढ़ रहा है!

September 24, 2022
clean-fridge
ज़रूर पढ़ें

ज़रा सोचिए क्या आप अपने फ्रिज को सेहतमंद रखते हैं?

September 16, 2022
pindi-chana
ज़रूर पढ़ें

स्वाद में लाजवाब होते हैं पिंडी चने

September 8, 2022
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist