टोक्यो ओलंपिक के दसवें दिन भारतीय खिलाड़ियों के जुझारूपन ने दिल जीत लिया. जहां पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतते हुए रिकॉर्ड बुक्स में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखवा लिया, वहीं बॉक्सर सतीश कुमार ने चोटिल होने के बावजूद अपने मुक्कों का ज़ोर दिखाया. पुरुष हॉकी टीम 41 वर्षों बाद ओलंपिक के सेमीफ़ाइनल में पहुंची.
सिंधु ने जीता कांस्य पदक, की सुशील कुमार की बराबरी
आज पूरे देश की निगाहें बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के ब्रॉन्ज़ मेडल वाले मुक़ाबले पर थी. सिंधु ने चीन की खिलाड़ी को सीधे सेटों में 21-13 और 21-15 से हराकर लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल हासिल किया. सिंधु ऐसा कारनामा करनेवाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं. पुरुषों में पहलवान सुशील कुमार दो ओलंपिक्स में मेडल जीत चुके हैं. जहां सिंधु को रियो और टोक्यो में मेडल हासिल करने में सफलता मिली है, वहीं सुशील कुमार बीजिंग और लंदन ओलंपिक्स में यह सफलता दोहराने में क़ामयाब हुए थे.
41 साल बाद सेमीफ़ाइनल में पहुंची पुरुष हॉकी टीम
सिंधु की ही तरह भारत को अपनी हॉकी टीम से आज अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद दी. ग्रुप स्टेज में एक चार जीत और एक हार के साथ शानदार फ़ॉर्म में चल रही भारतीय टीम ने अपना यह सुनहरा सफ़र क्वॉर्टरफ़ाइनल में भी बरक़रार रखा. भारत ने ग्रेट ब्रिटेन की टीम को 3-1 से हराते हुए सेमीफ़ाइनल में स्थान बना लिया. अब भारत के पास फ़ाइनल में जाने का मौक़ा है. हां, भारत की चुनौती काफ़ी कड़ी होनेवाली है, क्योंकि सेमीफ़ाइनल में मुक़ाबला बेल्जियम की टीम से है. बेल्जियम हॉकी की मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन है. इतना ही नहीं बेल्जियम की टीम टोक्यो ओलंपिक्स में ज़बर्दस्त फ़ॉर्म में चल रही है. अपने अपने पूल में बेल्जियम टॉप पर रही थी. उम्मीद है भारत अपने अब तक जादुई सफ़र को जारी रखते हुए सेमीफ़ाइनल में उलटफेर करने में क़ामयाब रहेगा.
मैच हारकर दिल जीत लिया बॉक्सर सतीश कुमार ने
आज बॉक्सिंग में भारत को एक और मेडल पाने के लिए हैवीवेट कैटेगरी के क्वॉर्टरफ़ाइनल में सतीश कुमार से एक अदद जीत की दरकार थी. पर चूंकि सतीश कुमार अपने पिछले मैच में चोटिल हो गए थे और उज़बेकिस्तान के बॉक्सर बखोदिर जालोलोव करंट वर्ल्ड नंबर वन हैं तो सतीश कुमार के लिए मुक़ाबला कड़ा रहनेवाला था. उम्मीद के मुताबिक़ मुक़ाबला जालोलोव के पक्ष में गया, पर सतीश कुमार के जुझारूपने की उनके प्रतिद्वंद्वी ने भी खुलकर तारीफ़ की. जालोलोव के सामने शुरुआत से ही कमज़ोर नज़र आ रहे सतीश कुमार ने हालांकि कुछ करारे पंच जड़े थे, पर वे उन्हें पॉइंट्स दिलाने के लिए नाकाफ़ी साबित हुए. तीसरे राउंड्स में तो सतीश के टांके खुल गए थे, पर उन्होंने हार नहीं मानी और लड़ते रहे. इस तरह मैच हारकर भी उन्होंने लोगों का दिल जीत लिया. बॉक्सिंग में भारत की एकमात्र उम्मीद लवलीना बोर्गोहेन बनी हुई हैं, जिन्हें 4 अगस्त को सेमीफ़ाइनल खेलना है. उस मैच में जीत के साथ वे गोल्ड मेडल के लिए लड़ेंगी, हार मिलने पर कांस्य पदक के साथ टोक्यो को अलविदा कहेंगी.
कल किन भारतीय खिलाड़ियों और खेलों पर रहेगी ख़ास नज़र?
-निशानेबाज़ी में भारत के पास पदक जीतने का कल आख़िरी मौक़ा है. कल ऐश्वर्य तोमर और संजीव राजपूत 50 मीटर राइफ़ल थ्री पोज़िशन में निशाना लगाने के लिए उतरेंगे.
-डिस्कस थ्रो के क्वॉलिफ़िकेशन राउंड में कमाल प्रदर्शन करते हुए फ़ाइनल में जगह बनानेवाली कमलप्रीत कौर कल फ़ाइनल में अपना प्रदर्शन दोहराने की कोशिश करेंगी.
-भारत की स्टार धावक दुती चंद के पास 100 मीटर रेस में मिली निराशा को भुलाने का एक मौक़ा है. वे कल 200 मीटर रेस में दौड़ेंगी.
-हैट्रिक हार के बाद चमत्कारी ढंग से क्वॉर्टरफ़ाइनल में जगह बनानेवाली भारतीय महिला हॉकी टीम कल ऑस्ट्रेलिया महिलाओं से भिड़ेगी.