टोक्यो में भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा. भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने सुनहरा प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया. ओलंपिक्स के ट्रैक ऐंड फ़ील्ड इवेंट्स में एक अदद मेडल जीतने की भारत की दशकों लंबी ख़्वाहिश गोल्ड मेडल के साथ पूरी हो गई. शाम को नीरज के गोल्ड मेडल जीतने के पहले आज सुबह कुश्ती में बजरंग पुनिया ने भारत की झोली में कांस्य पदक भी डालने में क़ामयाबी हासिल की थी.
आधिकारिक रूप से टोक्यो ओलंपिक्स का आख़िरी दिन कल यानी 8 अगस्त है, पर भारत के ओलंपिक अभियान का आज आख़िरी दिन था. भारतीय खिलाड़ी आज तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेनेवाले थे. तीनों में भारत को मेडल जीतने की उम्मीद थी.
मामूली अंतर से पदक चूकीं अदिति अशोक
टोक्यो ओलंपिक्स में भारत की सरप्राइज़ पैकेज अदित अशोक ने ओलंपिक के आख़िरी कुछ दिनों में ख़ूब सुर्ख़ियां बटोरीं. जहां देश के लोग दूसरे खेलों से पदक की उम्मीद लगाए बैठे थे, वहीं अदिति बिना किसी शोर-शराबे के भारत को पदक दिलाने की ओर बढ़ रही थीं. वर्ल्ड रैंकिंग में 200वें नंबर की महिला गोल्फ़र अदिति कल तक दूसरे क्रमांक पर चल रही थीं. आज सुबह शुरुआती कुछ स्ट्रोक्स के बाद वे तीसरे स्थान पर चली गईं. उसके बाद बारिश के चलते बीच में खेल रोकना पड़ा. खेल शुरू होने के बाद वे मामूली अंतर से पिछड़कर चौथे स्थान पर चली गईं. इस तरह भारत को गोल्फ़ में पहला पदक मिलते-मिलते रह गया.
बजरंग ने किया कांस्य पर क़ब्ज़ा
आज भारत का दूसरा मुक़ाबला कुश्ती में था, जिसमें अनुभवी पहलवान बजरंग पुनिया 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में कांस्य के लिए लड़ने वाले थे. इस मुक़ाबले में बजरंग के सामने थे कज़ाकिस्तान के पहलवान दौलत नियाज़बेकोव. सेमीफ़ाइनल में अज़ेरबेजान के प्रतिद्वंद्वी के सामने चारों खाने चित्त हुए बजरंग आज अलग ही मूड में थे. उन्होंने नियाज़बेकोव को शुरू से ही दबाव में रखा और मुक़ाबले को एकतरफ़ा बनाते हुए 8-0 से जीत लिया. बजरंग की इस जीत ने टोक्यो में कुश्ती में भारत को दूसरा मेडल दिला दिया.
दिन में कांसा, शाम को नीरज ने दिलाया ऐतिहासिक सोना
कुश्ती में मिले टोक्यो के अपने छठें मेडल के खुमार से भारत उबरा नहीं था कि शाम को भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने वह कर दिखाया, जो दशकों से ऐथलेटिक्स में दिग्गज से दिग्गज भारतीय खिलाड़ी नहीं कर पाए थे. भारत हॉकी के अलावा कुश्ती, निशानेबाज़ी, टेनिस, वेटलिफ़्टिंग, बैडमिंटन और बॉक्सिंग में ओलंपिक पदक जीत चुका है, पर ट्रैक ऐंड फ़ील्ड इवेंट्स में अब तक उसके हाथ ख़ाली ही रहे थे. टोक्यो में ही चक्का फेंक प्रतियोगिता में कमलप्रीत कौर फ़ाइनल तक ज़रूर पहुंची थीं, पर उन्हें छठें क्रमांक से संतोष करना पड़ा था. पर भारत के भाला फेंक स्टार नीरज तो कुछ और ही ठानकर आए थे. क्वॉलिफ़ाइंग राउंड में पहले क्रमांक पर रहे नीरज के सामने फ़ाइनल में सबसे बड़ी चुनौती थे जर्मनी के जोहानस वेट्टर. जोहानस को टोक्यो में गोल्ड जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, नीरज को दूसरे नंबर का दावेदार माना जा रहा था.
फ़ाइनल में नीरज ने पहले ही प्रयास में 87.03 मीटर दूरी तक भाला फेंककर बढ़त बना ली. अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने और बेहतर किया और उनके फेंके भाले ने 87.58 मीटर की दूरी तय की. मुक़ाबला ख़त्म होने तक कोई भी खिलाड़ी इस दूरी के आसपास भी नहीं पहुंच सका और इस तरह भारत ने ट्रैक ऐंड फ़ील्ड इवेंट में अपना पहला ओलंपिक मेडल जीत लिया. जोहानस वेट्टर के लिए टोक्यो ओलंपिक बुरी याद बनकर रह गया, वे 82.52 के थ्रो के साथ नौंवे क्रमांक पर रहे. वहीं नीरज के गोल्ड के साथ भारत ने टोक्यो ओलंपिक का सुनहरा समापन किया.
पदक तालिका में क्या रही भारत की स्थिति
टोक्यो के 16वें दिन का खेल ख़त्म होने तक भारत ने नीरज के गोल्ड मेडल की बदौलत 1 गोल्ड, 2 रजत और 4 कांस्य पदक समेत कुल 7 पदक हासिल किए. इन 7 पदकों के साथ भारत ने पदक तालिका में 47वें नंबर पर अपना टोक्यो अभियान ख़त्म किया. पदकों के मामले में देखा जाए तो टोक्यो भारत का अब तक का सबसे सफल ओलंपिक कहा जाएगा. इसके पहले ओलंपिक खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में देखने मिला था, जहां भारत ने 2 रजत और 4 कांस्य पदक समेत कुल 6 मेडल जीते थे.
टोक्यो में पदक जीतने के मामले में पहली पांच टीमें ये रहीं. भारत का क्रमांक 47वां है.
क्रमांक | देश | गोल्ड | सिल्वर | ब्रॉन्ज़ | कुल मेडल |
1 | यूएसए | 45 | 40 | 35 | 120 |
2 | चीन | 38 | 30 | 18 | 86 |
3 | जापान | 30 | 15 | 17 | 62 |
4 | रूस (आरओसी) | 20 | 26 | 23 | 69 |
5 | ग्रेट ब्रिटेन | 20 | 21 | 25 | 66 |
47 | भारत | 01 | 02 | 04 | 07 |
यह रैंकिंग 7 अगस्त का खेल ख़त्म होने तक की है.