• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home लाइफ़स्टाइल धर्म

नवरात्र की प्रासंगिकता को समझना बहुत महत्वपूर्ण है!

भावना प्रकाश by भावना प्रकाश
April 2, 2022
in धर्म, लाइफ़स्टाइल
A A
नवरात्र की प्रासंगिकता को समझना बहुत महत्वपूर्ण है!
Share on FacebookShare on Twitter

नवरात्र में चाव के साथ अनुष्ठान करना हमारी इच्छा या श्रद्धा हो सकती है. लेकिन हमारे व्रत और त्यौहार, हमारी पौराणिक कथाएं केवल अनुष्ठान करने के लिए नहीं बनाई गईं थीं, बल्कि अनुष्ठान तो केवल माध्यम थे, हमें उनकी महत्ता सीखने के लिए आकर्षित करने का. वास्तव में पूजा पाठ के लिए गढ़े गए नाम किसी के प्रतीक होते थे. इन प्रतीकों में ही उस पूजा को किए जाने के पीछे का प्रयोजन छिपा होता था. तो आइए, नवरात्र में देवी के नौ रूपों के प्रतीकार्थ को समझें भावना प्रकाश से.

 

नवरात्र में पूजे जाने वाले देवी के नौ रूप वास्तव में मां के व्यक्तित्व की वे नौ विशेषताएं हैं, जिनसे वह सर्वगुण सम्पन्न संतति यानी संतान का निर्माण कर सकती है. वेदकाल से ही नारी को गरिमामंडित तथा शक्ति और प्रेरणा का स्रोत माना गया. जिस प्रकार धरती में बीज को धारण करके विशाल और छायादार वृक्ष में परिणित करने की क्षमता होती है. उसी प्रकार नारी को भी ये क्षमता ईश्वर ने दी है. इसीलिए प्रकृति और नारी दोनों को देवी माना गया.

इन्हें भीपढ़ें

आइए, चीन के हांग्ज़ोउ शहर की सैर पर चलें

आइए, चीन के हांग्ज़ोउ शहर की सैर पर चलें

December 7, 2023
पर्यटन पर ख़ूब जाइए, पर अपने कार्बन फ़ुटप्रिंट पर कसिए लगाम

पर्यटन पर ख़ूब जाइए, पर अपने कार्बन फ़ुटप्रिंट पर कसिए लगाम

October 12, 2023
‘ईद-ए-मिलादुन नबी’ के तौर-तरीक़े क्यों बदल रहे हैं?

‘ईद-ए-मिलादुन नबी’ के तौर-तरीक़े क्यों बदल रहे हैं?

September 27, 2023
पुस्तक आलोचना के गुर सीखें

पुस्तक आलोचना के गुर सीखें

September 5, 2023

गृहणी विभिन्न व्रत तथा उपवासों में पीपल, बरगद तथा तुलसी की पूजा के माध्यम से पर्यावरण के रक्षण का दायित्व निभाती है, जो भावी पीढ़ी को शीतलता की विरासत देने के लिए ज़रूरी है. इसीलिए वो शीतलता की देवी शैलपुत्री तथा समस्त प्रकृति की रक्षिका कुष्मांडा के रूप में पूजित है.

अपनी संतान को कुंठारहित बनाने तथा पावन संस्कार देने के लिए उनके पालन के लिए दिए जाने वाले समय में या यों भी बच्चों के सामने उसका ब्रह्मचारिणी रूप अपेक्षित होता है. इसीलिए वो पवित्रता की देवी ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजित है.

मां ही अपनी संतान की प्रथम गुरु होती है. वो गायत्री के रूप में उनकी सद्बुद्धि तथा विवेक का विकास करती है. कभी सरस्वती बनकर उनकी बुद्धिमत्ता और कलाओं को अपने अनुशासन द्वारा तराशती है. उनकी नैसर्गिक प्रतिभाओं का पोषण और संवर्धन करती है. अपना सम्पूर्ण प्रेम उन पर उड़ेल कर उनकी चेतना में मिठास घोलती है इसीलिए वह स्कंदमाता के रूप में पूजित है.

वो संतान की हिंसक प्रवृत्तियों को अनुशासित करके सही दिशा देने में सक्षम है इसीलिए उसे मां दुर्गा के रूप में पूजा तथा सिंह पर सवार दिखाया जाता है.

अक्सर मां को कमल पर सवार दिखाने का आशय यह है कि मां का वास बनने की क्षमता उसी हृदय में है, जो दुर्भावनाओं के कीचड़ से भरी दुनिया में रहकर भी उसमे लिप्त नहीं है. वो कात्यायनी तथा कालरात्रि बनकर अपनी संतान के दुर्गुणों तथा निरंकुश प्रवृत्तियों का नाश भी करती है. आज संसार में व्याप्त अनाचार का कारण यही है कि हम मांओं ने अपने इन रूपों को अप्रासंगिक समझ लिया है जबकि हमारे पूर्वजों ने नारी के इन रूपों को बहुत सोच समझ कर गढ़ा था.

हां, समय के साथ पनपी सामंतवादी सोच ने नारी के प्रति जो दमनकारी नीति विकसित की, उससे क्षुब्ध होना स्वाभाविक है और केवल देवी बनकर मानवीय मनोरंजन के पूर्ण तिरस्कार को नकारने की अपेक्षा का विरोध भी आवश्यक है. मैं यह क़तई नहीं कहती कि हमें स्वतंत्रता या स्वयं के लिए जीने का अधिकार नहीं. लेकिन हम तर्क की छलनी से पौराणिक प्रथाओं के कारणों को छान, आवश्यक प्रथाओं को अपने पास रख सकते हैं. आरंभ में नारी को देवी की संज्ञा उसके अधिकारों के हनन के लिए नहीं, बल्कि इसलिए दी गई थी कि वही एक सभ्य, सुसंस्कृत और विवेकशील नागरिक का निर्माण कर सकती है. जिसके लिए उसका नींव की ईंट बनना आवश्यक था.

आज स्त्रियों के प्रति हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध तरह-तरह से संघर्ष हो रहे हैं. ये विरोध, आंदोलन ज़रूरी हैं, पर इन्हें पुरुष विरोधी बनाने के बजाय दूषित मानसिकता विरोधी होना चाहिए. ऐसा होगा तभी तो समाधान स्थाई और दूरगामी होंगे. तो आइए, इसकी शुरुआत अपने घर से करें. इस नवरात्र संकल्प लें कि बेटा-बेटी दोनों की ही मनोवृत्ति दूषित न होने देंगे और उनकी आत्मशक्ति को मजबूत बनाएंगे.

फ़ोटो: गूगल

Tags: creation of progenyevery power of woman is inherent in NavratriNavratriNavratri and nine goddessesRelevance of Navratrirelevance of nine goddessesSense Lightsymbolism Behind Hidden Purposeunderstand Navratriwhy goddesses are shown with lotusWhy Navratri is celebratedकमल के साथ क्यों दिखाई जाती हैं देवीक्यों मनाई जाती है नवरात्रनवरात्रनवरात्र और नौ देवियों को समझिएनवरात्र की प्रासंगिकतानवरात्रिनारी की हर शक्ति निहित है नवरात्र मेंनौ देवियों की प्रासंगिकताप्रतीकों के पीछ छुपा प्रयोजनभावना प्रकाशसंतति का निर्माण
भावना प्रकाश

भावना प्रकाश

भावना, हिंदी साहित्य में पोस्ट ग्रैजुएट हैं. उन्होंने 10 वर्षों तक अध्यापन का कार्य किया है. उन्हें बचपन से ही लेखन, थिएटर और नृत्य का शौक़ रहा है. उन्होंने कई नृत्यनाटिकाओं, नुक्कड़ नाटकों और नाटकों में न सिर्फ़ ख़ुद भाग लिया है, बल्कि अध्यापन के दौरान बच्चों को भी इनमें शामिल किया, प्रोत्साहित किया. उनकी कहानियां और आलेख नामचीन पत्र-पत्रिकाओं में न सिर्फ़ प्रकाशित, बल्कि पुरस्कृत भी होते रहे हैं. लेखन और शिक्षा दोनों ही क्षेत्रों में प्राप्त कई पुरस्कारों में उनके दिल क़रीब है शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रयोगों को लागू करने पर छात्रों में आए उल्लेखनीय सकारात्मक बदलावों के लिए मिला पुरस्कार. फ़िलहाल वे स्वतंत्र लेखन कर रही हैं और उन्होंने बच्चों को हिंदी सिखाने के लिए अपना यूट्यूब चैनल भी बनाया है.

Related Posts

पर्यटन पर जा रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस करवा लें
ज़रूर पढ़ें

पर्यटन पर जा रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस करवा लें

August 18, 2023
job-rejection
करियर-मनी

रिजेक्शन के बाद जॉब पाने की आपकी तैयारी हो और भारी

June 21, 2023
andaman_folk-tale
ज़रूर पढ़ें

ये उन दिनों की बात है, जब पेड़ चला करते थे!

June 6, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.