नौ लाइनों की इस कविता को छोटी मत समझिए. अज्ञेय की यह रचना हिंदी की उन कविताओं में शामिल है, जो कोट की जाती रही हैं.
जो पुल बनाएंगे
वे अनिवार्यत:
पीछे रह जाएंगे
सेनाएं हो जाएंगी पार
मारे जाएंगे रावण
जयी होंगे राम,
जो निर्माता रहे
इतिहास में
बंदर कहलाएंगे
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