• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

ज़रा सोच कर देखिए कि अक़्ल को उम्र से क्या लेना-देना?

इस मामले आपकी सोच जो भी हो, इस आलेख से पैनी ही होगी

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
November 7, 2022
in ज़रूर पढ़ें, नज़रिया, सुर्ख़ियों में
A A
ज़रा सोच कर देखिए कि अक़्ल को उम्र से क्या लेना-देना?
Share on FacebookShare on Twitter

अक़्ल बड़ी या भैंस जिस पुराने मुहावरे का बिगड़ा हुआ रूप है, वह है अक़्ल बड़ी या वयस. वयस संस्कृत में तात्कालिक उम्र को कहते हैं, जबकि किसी की आयु पूरी हो जाने के बाद ही जानी जा सकती है. जैसे, मेरे पिताजी ने 78 वर्ष की आयु पाई, जबकि मेरी वयस 58 वर्ष है. यानी मिलीजुली भाषा में बने इस मुहावरे का अर्थ यह हुआ कि कोई अपनी उम्र से बड़ा बनता है या बुद्धि से? अब इस मुहावरे पर आपकी सोच चाहे जो हो, पर नामचीन पत्रकार, कवि चंद्र भूषण के इस विश्लेषण को पढ़ कर वह साफ़ ही होगी.

उम्र के साथ अक़्ल भी बढ़ती है, यह सर्वमान्य धारणा मुझे शुरू से परेशान करती आई है. आप से कोई एक-दो या दस-बीस साल बड़ा है, इस आधार पर बचपन में वह आपको पीटने का और बड़े होने पर अपने ‘ज्ञान’ का बोझा आप पर लादने का हक़दार हो जाता है. अरे भले आदमी, ऐसा कुछ करने से पहले एक बार सोच तो लो कि तुम्हारी उम्र ने तुमको बुद्धिमान बनाया है या पहले से भी ज़्यादा मूर्ख बना दिया है!

ज़्यादातर मामलों में मैं उलटे नतीजे पर ही पहुंचता रहा हूं. यानी यह कि उम्र बीतने के साथ समझ बढ़ना अपवाद स्वरूप ही देखने को मिलता है. लोगों के फ़ैसले समय के साथ प्रायः एक क्रम में ग़लत से और ज़्यादा ग़लत होते जाते हैं और वे ख़ुद बेवकूफ़ से बेवकूफ़तर होते जाते हैं.

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

मेरे प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर हर दूसरे-तीसरे दिन घर से झगड़ा करके देर से स्कूल आया करते थे. बिना टीचर की क्लास में अगर वे हमें अपनी जगह से ज़रा भी हिलते-डुलते देख लेते तो धमकी भरे अंदाज़ में बाहर से ही पूछते, ‘ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई थी?’ और किसी का जवाब सही या ग़लत होने की परवाह किए बग़ैर ‘दुखहरन’ नाम के मोटे डंडे से एक ही लपेटे में पूरी क्लास की धुनाई करते थे.

स्कूल के संचालन को लेकर उनकी प्रतिबद्धता पर मेरे मन में कभी कोई सवाल नहीं पैदा हुआ. एक धुर देहाती स्कूल में बच्चों को अपनी क्षमता भर पढ़ाई करने के लिए तैयार करना कोई हंसी-खेल नहीं था. लेकिन बच्चों को सोचने या सांस लेने तक का मौक़ा दिए बग़ैर घर का ग़ुस्सा उन पर निकाल देना भी क्या कोई अक़्लमंदी का काम था?

किस-किस की कहूं? तीस-पैंतीस के होते-होते कई लोग तंबाकू, शराब या चरस जैसी लत पकड़ लेते हैं, या जानलेवा हताशा में फंसने का कोई ठोस बहाना ढूंढ लेते हैं. या फिर आर्थिक सुरक्षा के नाम पर कोल्हू के बैल की तरह आंख बांधे किसी के हुक्म पर गोल-गोल घूमते रहने का हुनर साध ठिकाने से लग जाते हैं. इनमें किस चीज़ को आप बुद्धिमत्ता मानेंगे?

चालीस पार करते-करते लोगों में कोई न कोई सनक पैदा होने के लक्षण आप साफ़ देख सकते हैं, जो कई बार उनका पीछा आख़िरी सांस तक नहीं छोड़ती. छोटी-छोटी बातों पर किसी से लड़ पड़ना, सालों पुराने रिश्ते पलभर में तबाह कर देना और फिर पछतावे में घुलते रहना. ख़ुद को सबसे ऊंचा मानने का सुपीरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स, या किसी काम का न मान पाने का इनफ़ीरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स. इस सब में कहां की बुद्धिमानी है?

इसलिए उम्र का कुल हासिल मुझे जब-तब मच्योरिटी ज़रूर लगती है- यानी जहां फंसने का चांस हो वहां हाथ ही न डालना. लेकिन इस कतराने वाली चालाकी का किसी के रचनात्मक बुद्धि-विवेक से कुछ ख़ास सम्बन्ध मुझे नहीं दिखता. आम भगोड़ेपन से इतर मेच्योरिटी का संदर्भ बहुत सीमित होता है. बस, पुराने तजुर्बे से संभावित गलतियों का अंदाज़ा हो जाना और उनके दोहराव से बच निकलना.

आप अपनी ख़ास नज़र से दुनिया को देख सकें, नए-ताज़े काम कर सकें, पुरानी हदें पार करने के रास्ते निकाल सकें, इसमें न तो उम्र का कोई योगदान है, न उम्रदार लोग इसमें आपकी कोई मदद कर पाएंगे. हां, नज़र धुंधली करने या आपके पहिए में फच्चर फंसाने का एक भी मौक़ा वे हाथ से बिल्कुल नहीं जाने देंगे. लिहाजा कभी ज़रूरी लगे तो उम्र और अक़्ल को अलगाकर देखने की कोशिश की जानी चाहिए.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट, Vector Illustration, फ्रीपिक 

Tags: ageAkl badi ya bhainsAkl badi ya vayasintelligencemindthinkingWisdomअक़्लअक़्ल बड़ी या भैंसअक़्ल बड़ी या वयसउम्रदिमाग़सोच
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.