अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की हार होती दिख रही है. डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन की सरकार में उपराष्ट्रपति बनने जा रहीं कमला हैरिस का भारतीय कनेक्शन इन दिनों सुर्ख़ियों में है.
अमेरिका में अगर डेमोक्रेटिक पार्टी चुनाव जीतती है तो कैलिफोर्निया सीनेटर कमला हैरिस का उपराष्ट्रपति बनना तय है, क्यों कि पहले ही उनकी उम्मीदवारी का ऐलान किया जा चुका था. 55 साल की हैरिस भारतीय मां और जमैकाई पिता की बेटी हैं. वह अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित होने वाली भारतीय मूल की पहली अमेरिकी हैं.
डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवा जो बाइडेन ने कहा था- ‘’मेरे लिए यह ऐलान करना सम्मान की बात है कि मैंने कमला हैरिस को अपनी सहयोगी के तौर पर चुना है, जो देश के बेहतरीन पब्लिक सर्वेंट्स में से एक हैं.’’
हैरिस ने 21 जनवरी, 2019 को 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपनी खुद की उम्मीदवारी का ऐलान किया था. हालांकि, उन्होंने 3 दिसंबर को इस दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया और तब से वह बाइडेन की मुखर समर्थक हैं.
भारतीय मां और जमैकन पिता की हैं संतान
हैरिस का जन्म 1964 में ऑकलैंड में एक भारतीय मां, श्यामला गोपालन हैरिस, एक स्तन कैंसर वैज्ञानिक और एक जमैकाई पिता, डोनाल्ड हैरिस, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर के परिवार में हुआ था.
1998 में, ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल करने के बाद, हैरिस ने सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस ज्वाइन कर लिया, जहां उन्हें करियर क्रिमिनल यूनिट की इंचार्ज बनाया गया.
अटॉर्नी जनरल बनकर रचा इतिहास
2003 में, उन्हें सिटी और सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना गया था. इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनकर इतिहास रचा था.
मई में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हैरिस नस्लीय-न्याय कानून की प्रमुखता से वकालत करती रही हैं. उन्होंने समलैंगिक विवाह की वैधता के लिए भी मजबूत समर्थन दिया है, साथ ही साथ ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के महत्व के बारे में उनके भाषणों से उन्हें डेमोक्रेट समर्थकों के बीच एक बड़ा आधार हासिल हुआ है.
हैरिस को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था, ”मैं सीनेटर कमला हैरिस को लंबे समय से जानता हूं. वह इस जिम्मेदारी के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने अपना करियर हमारे संविधान की रक्षा करने और उन लोगों के लिए लड़ने में बिताया है, जिन्हें एक निष्पक्ष बदलाव की जरूरत है. यह हमारे देश के लिए अच्छा दिन है.”