• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

काशी: धर्म के धंधे और धंधे के धर्म के बीच गुम हुआ एक तीर्थ स्थल

इस तीर्थ स्थल की तब्दीली पर्यटन स्थल में होने से इसका अनूठापन खो गया है

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
December 16, 2022
in ज़रूर पढ़ें, नज़रिया, सुर्ख़ियों में
A A
varanasi_kashi_ganga-aarti
Share on FacebookShare on Twitter

किसी ऐतिहासिक, धार्मिक और आस्था के केंद्र रहे तीर्थ स्थल का पर्यटन स्थल में बदल जाना उससे प्रेम करने वाले लोगों के लिए, इतिहास से लगाव रखने वालों के लिए कितना तकलीफ़देह होता है यह बात आप पंकज मिश्र के इस आलेख को पढ़ कर महसूस कर सकेंगे. यूं तो ऐतिहासिक शहर को उसके पुराने स्वरूप में रखते हुए विकसित करने का विकल्प हमेशा मौजूद होता है, लेकिन उसमें लगने वाली ऊर्जा, स्वप्नदर्शी सोच और मेहनत की कवायद करने की बजाय किसी बने बनाए फर्मे पर उस शहर को टूरिस्ट स्पॉट में बदल देना आसान है. पूंजीवाद के इस दौर में इसे ही धर्म भी माना जाता है, लेकिन ऐसा करते ही उस ऐतिहासिक शहर के जीव से जैसे आत्मा निकल जाती है. यही महादेव की नगरी काशी के साथ हुआ है.

पूंजी के ज़िंदा रहने की मजबूरी है कि वह चीजों को एक जैसा बना दे, जिससे मास प्रोडक्शन और मास कंसम्पशन हो सके. एक होना ही श्रेष्ठ होना है, यह दर्शन भी वही से उपजा है. मास प्रोडक्शन कॉस्ट इफ़ेक्टिव होता है और उसका बाज़ार भी बना बनाया मिल जाता है.

तमाम विकसित शहरो को देखें तो सब एक-दूसरे से मिलते-जुलते मिलेंगे. वही चौड़ी सड़कें, नियॉन लाइट्स, बहुमंज़िला इमारतें, फ़्लाई ओवर, मॉल्स… यही नमूना हर जगह लागू किया हुआ मिलेगा. मल्टीस्टोरी बनाने के लिए सिविल इंजीनियर्स के पास बने बनाए फर्मे हैं, यकसां आर्किटेक्चर है, लेकिन एक ताजमहल बनाना हो तो सारा बना बनाया फरमा बेकार हो जाएगा, क्योंकि एक एक संग तराश कर बनेगा, हज़ारों को रोजगार देना पड़ेगा, जो कत्तई महंगा पड़ेगा. लिहाज़ा अब नायाब चीज़ों का दौर ख़त्म हो गया है. भीमकाय निर्माण जितना चाहो करा लो, बनेगा तो वह , काहे कि कम्प्यूटर भी पैटर्न ही पकड़ता है, पैटर्न एक जैसा हो तो वही चलेगा.

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

काशी के साथ भी यही हुआ है. उसका अनूठापन यानी यूनीकनेस ख़त्म कर उसे कॉमन टूरिस्ट स्पॉट बना दिया गया है. और क्योंकि टूरिस्ट स्पॉट मॉडुलर होते हैं यानी वैसी ही रोड्स, होटल्स, शॉपिंग एरिया तो ऐसे में धार्मिक स्थल पिकनिक स्थल हो जाते हैं. आस्था तिरोहित हो जाती है और एंटरटेनमेंट अभीष्ट हो जाता है. टूरिस्ट स्पॉट और तीर्थ में विभाजक रेखा मिट जाती है. पर्यटन और तीर्थाटन का भेद ख़त्म हो जाता है.

तय यह करना था कि बनारस टूरिस्ट के लिए है या धर्मप्राण जन के हेतु. और उन्होंने बनारस को पर्यटन की जगह के रूप में विकसित करना तय कर लिया, यह आसान काम है. वजह ये कि टूरिस्ट स्पॉट बनाने की रेडीमेड टूलकिट मौजूद है और इसके लिए स्वप्नदर्शी, मन:सृष्टा यानी विशनरी होना ज़रूरी नहीं है, बस बिज़नेस मैन बनना है.
varanasi
टूरिस्ट स्पॉट तो किसी रेहार (बंजर भूमि) को भी बनाया जा सकता है, मगर तीर्थ तो होते हैं! तीर्थ ऎतिहासिक परिघटनाएं हैं, वह निर्मित नहीं होते सदियों स्वतः विकसित और स्थापित होते हैं और लोगो की आस्था के केंद्र के रूप में शताब्दी दर शताब्दी पैठते जाते हैं. तीर्थ सदियों का इतिहास समेटे, हज़ारों किंवदंतियों को समोए रहते हैं. यह बनाने से नही बनते…

किसी तीर्थ को टूरिज़्म का स्पॉट बनाना यानी जीव से आत्मा निकाल देना. वही गंगा है, हज़ारों किमी लंबी अनेक तटीय गांवों शहरों को सींचती जाती है, मगर हर शहर तो काशी नही बन जाता, काशी एक ही है, काशी अद्वितीय है. मगर धंधे की ज़रूरत थी तो उसकी अद्वितीयता ख़त्म कर उसे कॉमन बना दिया गया.

ऐसा क्यों है कि जितने भी हिन्दू देवी देवता हैं, उनके जितने भी स्थान हैं, सब कमोबेश दुर्गम हैं? गिनती क्या गिनाएं ख़ुद गिन लीजिए… कहने का आशय यह है कि तीर्थ घूमने, तफ़रीह करने की जगह नहीं है यह आस्था के केंद्र हैं यानी साधने के लिये तप करना होगा, कष्ट झेलना पड़ेगा, क्लिक पर तो पैकेज फ़ाइनल होते हैं. हां, वैसे आपको दर्शन नहीं करना और पिकनिक मनानी है तो अलग बात है. वो एक क्लिक पर मैनेज हो जाती है. जिन ढूंढा तिन पाइयां- जो ढूंढ़ेंगे उन्हें मिलेगा. रखा हुआ नहीं है कि जब जी चाहा मिल गया. निर्मल हृदय से तप करने से प्रभु मिलते हैं, पैकेज में तो प्रोडक्ट मिलते हैं. असली भक्त जानते हैं कि उनके प्रभु प्रोडक्ट नही हैं, नकली भक्त क्या जानें?

पर्यटन यानी टूरिज़्म एक सेक्टर है, बिल्कुल वैसे ही, जैसे- मैन्युफ़ैक्चरिंग, फ़ार्मा, मेटल वगैरह हैं. किसी आस्था के सेंटर को को टूरिस्ट प्लेस बनाना मतलब टूर ऑपरेटर्स का विकास, जो तीर्थ नहीं कराएंगे, बल्कि पैकेज देंगे. टू नाइट्स ऐंड थ्री डेज़ फ़ॉर Rs. 7999/- ओनली और अगर आपका मन दो दिन अस्सी घाट पर ही गुज़ारने का कर जाए या मणिकर्णिका पे जलती चिता देख मन में वैराग्य उत्पन्न हो जाए तो ऐसा ये टूर ऑपरेटर होने नहीं देंगे…. रुकना है तो रुकिए, भाड़ में गया वैराग्य. पहले से पूरे पैकेज का एडवांस जमा है ही या फिर जब तक नहीं दीजिएगा जान नहीं छोड़ेंगे.

तब क्या होगा? होगा यही की दुनिया ए फानी धर्म पर भारी पड़ जाएगा… पूजा कम होगी घंटा ज़्यादा बजेगा. महादेव नहीं, मेक माइ ट्रिप सत्य बन जाएगा, वही साथ रह जाएगा और बनारस ख़त्म हो जाएगा.

अपने राम को क्या काशी क्या मगहर… गंगा में गिर गए तो हर हर. पहले धर्म का धंधा होता था, वो ग़लत बात थी, बिल्कुल थी! मगर अब धंधे का धर्म निभाया जाएगा, यह विकास है. आपको यह घोट कर पिला दिया गया है कि यह ग़लत नहीं है, बल्कि यही युग धर्म है.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: Banaraschange in Kashichange of historical placeFaithKashipilgrimage sitereligiontourist placeVaranasiआस्थाऐतिहासिक स्थल का बदलनाकाशीकाशी में बदलावतीर्थ स्थलधर्मपर्यटन स्थलबनारसवाराणसी
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.