बुरे से बुरे समय में एक कवि की दृष्टि अच्छी चीज़ें तलाश लेती है. पंकज चतुर्वेदी की यह छोटी-सी कविता ऐसी ही अच्छी चीज़ तलाश लाई है.
कुछ चीज़ें अब भी अच्छी हैं
न यात्रा अच्छी है
न ट्रेन के भीतर की परिस्थिति
लेकिन गाड़ी नम्बर
गाड़ी के आने और जाने के
समय की सूचना देती
तुम्हारी आवाज़ अच्छी है
कुछ चीज़ें
अब भी अच्छी हैं
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