मां की महानता का वर्णन करने के लिए सबसे घिसी-पिटी कहावतों में एक है ‘भगवान हर जगह नहीं रह सकता तो उसने धरती पर मां को भेजा’. दुनियाभर की मांओं के मन में भी यह बात कहीं न कहीं बैठी हुई है. कवि अरुण चन्द्र रॉय इस ‘मदर्स डे’ पर संसार की सभी मांओं को देवी के सिंहासन से उतरकर इंसान बनने की सलाह देते हैं.
मां को अब
छोड़ देनी चाहिए सबसे अंत में
खाने की आदत
मां को अब
नहीं छिपानी चाहिए अपनी बीमारी
असह्य और प्राणघातक हो जाने तक
मां को अब
नहीं रोना चाहिए
अंधेरे कोने में अकेले चुपचाप
मां को अब
मनुष्य हो जाना चाहिए
हाड़ मांस वाला मनुष्य
जिसे भूख लगे, चोट लगे, पीड़ा हो, और दर्द हो
हे दुनियाभर की माएं!
उतर जाओ अब देवी के सिंहासन से
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