नदी और पुल के अनूठे रिश्ते को परिभाषित करती अरुण चन्द्र रॉय की कविताएं.
1
नदी
और पुल
के बीच है
अनोखा रिश्ता,
पुल
खड़ा, करता रहेगा इंतज़ार
नदी
यूं ही बहती रहेगी
अनवरत
2.
नदी
लगातार मारती रहेगी
हिलोर
पुल
यो ही शांत रहेगा खड़ा
शाश्वत
क्योंकि उसे पता है
दोनों का प्रारब्ध
3.
पुल की ओर से
नदी लगती है
बहुत ख़ूबसूरत
नदी की ओर से
पुल लगता है
असंभव
जबकि
पुल की जड़ें
कायम होती है नदी में,
नदी समझ नहीं पाती कभी
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