पॉपकॉर्न मुझे बेहद पसंद है. इसे खाना नुक़सान नहीं, बल्कि फ़ायदे की बात है…बशर्ते… बशर्ते ये सादे पॉपकॉर्न हों, मल्टीप्लेक्स और मॉल्स में मिलने वाले ‘ज़हरीले’ पॉपकॉर्न नहीं. क्योंकि सेहत के लिए टनाटन होते हैं सादे पॉपकॉर्न. इसके बारे में हमें और ज़्यादा जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर दीपक आचार्य.
मुझे पता है कि ऊपर का इंट्रो पढ़ कर आप सोच रहे होंगे कि डॉक्टर दीपक आचार्य मल्टीप्लेक्स में मिलने वाले महंगे पॉपकॉर्न्स को ‘ज़हरीला’ क्यों कह रहे हैं, है ना? अरे दद्दा, सिर्फ़ मल्टीप्लेक्स ही क्यों? कहीं भी…कहीं भी फ़्लेवर वाले, मसाले वाले, चीज़, बटर वाले पॉपकॉर्न्स मिलें, तो समझो कि वो ज़हर ही हैं. सादे पॉपकॉर्न पर हल्का-फुल्का नमक छिड़ककर खाया जाए तो ये सबसे सॉलिड होते हैं, जैसे ही इसपर मसाले, बटर, चीज़, अमका-ढमका आपने डाले, बन गया ज़हर. मल्टीप्लेक्स वाले मसालेदार पॉपकॉर्न के बकेट के लिए आपसे 200 से लेकर 400 रुपयों तक वसूले जाते हैं, ज़हर भी और महंगा भी
मैं सादे पॉपकॉर्न की पैरवी करता हूं…क्यों?
क्योंकि, सादा पॉपकॉर्न दुनिया के सबसे हेल्दी स्नैकफ़ूड में से एक है. सबसे सस्ता और सेहत के लिए एकदम टनाटन ये आयटम इंसानी सभ्यता के 5000 सालों से यूं ही दिलों पर कुर्सी डालकर नहीं बैठा हुआ है, कुछ तो वजहें होंगी ही. सिर्फ़ 100 ग्राम पॉपकॉर्न जादुई असर करता है फिर चाहे फ़ाइबर्स की बात हो, विटामिन B कॉम्प्लेक्स की बात हो, फ़ॉस्फ़ोरस, ज़िंक, मैगनीज़ या आयरन की बात, ये 100 ग्राम पॉपकॉर्न आपके शरीर की सेवा में तुरंत लग जाता है. जो दिनभर में आपको 30 ग्राम फ़ाइबर की ज़रूरत होती है, 100 ग्राम पॉपकॉर्न उसकी 50% भरपाई कर देता है, एक झटके में. यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्क्रेन्टन ने एक स्टडी में बताया कि पॉपकॉर्न में ताबड़तोड़ मात्रा में पॉलीफ़िनॉल एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, ये पॉलीफ़िनॉल हमारे ब्लड सर्कुलेशन के लिए बड़े महत्वपूर्ण होते हैं. पेट की सेहत न गड़बड़ाए इसलिए भी ये बड़े काम के होते हैं.
फ़ाइबर्स ख़ूब पाए जाने के कारण डायबेटिक रोगियों और मोटापे से त्रस्त जनता के लिए पॉपकॉर्न एकदम टप्पे का आयटम है. रोज 100 ग्राम सादे पॉपकॉर्न खाएं, पूरा 15 ग्राम फ़ाइबर मिलेगा, पेट भरा-भरा सा भी रहेगा और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी मिलेंगे. ये जो वेफ़र्स, पोटैटो चिप्स वगैरह को आप अपनी आंतों के दिव्य दर्शन कराते हो, बंद कर दो वरना ये ज़हर आपकी आंतों को बंद कर देंगे और फिर आप डॉक्टर की कुंडी खड़खड़ाना शुरू कर देंगे.
पॉपकॉर्न खाना सेहत के लिए बहुत ख़ास है लेकिन ध्यान रहे…
जी हां मैं फिर कहता हूं कि पॉपकॉर्न खाना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन उसके साथ ‘नो मिर्च मसाला, पेरी पेरी, चीज़, बटर’… पॉपकॉर्न खाओ ना, काहे ऊटपटांग आयटम इसमें डालकर अपने शरीर का दही करने पर तुले हो? अच्छे ख़ासे अमृत को जहर बना देते हो..
तो इस आलेख का सार: 100 ग्राम सादे पॉपकॉर्न रोज़ खाओ, डिब्बा और पैकेट में रेडीमेड बने पॉपकॉर्न नहीं खाना है. घर के बर्तनों को आराम ना दिया करो, ख़ुद भी मेहनत करो और मेहनत करवाओ बर्तनों से भी वज़न कम करना है? डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखनी है? कम कैलोरी में ज़्यादा पोषण चाहिए? पेट की सेहत सॉलिड रखनी है? तो सादे पॉपकॉर्न खाओ.
हमारे गांव-देहातों, आदिवासी इलाक़ों में मक्के के दानों को कई तरह से उपयोग में लाते हैं. पॉपकॉर्न भी खाए जाते हैं, लेकिन उसमें अटरम-सटरम आयटम नहीं मिलाते. पता है क्यों? क्योंकि वहां शॉपिंग मॉल्स नहीं, मल्टीप्लेक्स नहीं, चोचले नहीं, दिखावा नहीं. जिनकी दिनभर की इनकम 100 रुपए भी नहीं वो 300-400 का पॉपकॉर्न खाएंगे? ये आदत और मौक़ा उन्हें नहीं मिला, शुक्र है! ना रे बाबा, घर में 5-10 रुपए में पॉपकॉर्न तैयार हो जाते हैं. ये सुकून देता है, हमारा ये वाला सुकून ना सिर्फ़ जेब को राहत देता है, बल्कि शरीर भी एकदम चक्कू रखता है
देश का ज्ञान है, सही लगता है तो मानो, पोस्ट शेयर करो, सही लगता है तो मेरे साथ थोड़ा भटको वरना बोरा भर कचरा बाज़ार में बिक तो रहा ही है, ले आओ, गब्दू बनो, टीवी देखते-देखते या मल्टीप्लेक्स में फ़िल्म देखते देखते सारा चर मारो, हमको क्या?
फ़ोटो: फ्रीपिक