अपनी फ़िलॉसफ़िकल कविताओं के लिए जाने जानेवाले कवि गीत चतुर्वेदी की इस कविता का हर वाक्य अनूठा फ़लसफ़ा बयां करता है.
आत्महत्या का बेहतरीन तरीक़ा होता है
इच्छा की फ़िक्र किए बिना जीते चले जाना
पांच हज़ार वर्ष से ज़्यादा हो चुकी है मेरी आयु
अदालत में अब तक लम्बित है मेरा मुक़दमा
सुनवाई के इंतज़ार से बड़ी सज़ा और क्या
बेतहाशा दुखती है कलाई के ऊपर एक नस
हृदय में उस कृत्य के लिए क्षमा उमड़ती है
जिसे मेरे अलावा बाक़ी सब ने अपराध मना
संविधान की क़िताब में इस पर कोई अनुच्छेद नहीं
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