क्या आपको लगता है कि पैसों की बचत या फिर उनका सही जगह निवेश करना आज की दुनिया का फ़लसफ़ा है? यदि आप ऐसा सोचते हैं तो आप ग़लत हैं, क्योंकि पैसों को ख़र्च करने, उनकी बचत और निवेश की शिक्षा तो हमारे पुरखे अपनी कहावतों के ज़रिए हमें बहुत पहले से ही देते रहे हैं. बस, हमने ही उस पर ध्यान नहीं दिया, पर अब ऐसा भी नहीं होगा. क्योंकि हम आपको उन कहावतों के बारे में बता रहे हैं, जो सिखाती हैं मनी मैनेजमेंट की बात.
पैसों की बचत से ही पैसों की बढ़त होती है. यह बात तो आपने भी सुनी होगी. दरअसल अपने कमाए हुए पैसों को सही तरह से मैनेज करने पर आप अपना रहन-सहन अच्छा रखने के साथ-साथ अपना भविष्य भी सुरक्षित रख सकते हैं. और इस बारे में हमारे पूर्वजों ने कहावतों के ज़रिए हमें कई बातें पहले ही समझा रखी हैं. आइए, मनी मैनेजमेंट के संदर्भ में इन कहावतों को परखते हैं, ताकि आप सही तरह से निवेश कर के भविष्य के प्रति निश्चिंत रह सकें.
बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुध ले
यदि आपने नौकरी पाने या व्यवसाय शुरू करने के बाद से अब तक पैसों की बचत या निवेश के बारे में नहीं सोचा है तो घबराएं बिल्कुल नहीं. बीती बातों को भुला दें और आगे के लिए आज से ही बचत, निवेश आदि की योजना बनाना शुरू करें. भई, हमारे बड़े-बुज़ुर्ग इसी मामले में तो एक दूसरी कहावत भी कह गए हैं ना- जब आंख खुले तभी सवेरा. यदि आप पैसों की बचत या निवेश के बारे में कुछ नहीं जानते हैं तो आप इस क्षेत्र के एक्स्पर्ट्स से या फिर किसी बैंकर से मिल कर इसके बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. आपको हमेशा भरोसेमंद जानकारी के आधार पर ही निवेश या बचत करनी चाहिए.
तेते पांव पसारिए, जेती लांबी सौर
पैसों का निवेश या बचत करने के लिए आपके पास आसमान से पैसे नहीं आने वाले. हमारे कहने का मतलब ये है कि आप जितना भी पैसा कमाते हैं, उसी में से आपको बचत के लिए भी एक हिस्सा अलग रखना होगा. यह करने के लिए हमारे बुज़ुर्गों की कही यह बात कि पैर उतने ही पसारने चाहिए, जितनी लंबी आपकी चादर हो, बिल्कुल सटीक बैठती है. यदि आपको निवेश के लिए पैसे बचाने हैं तो बजट बना कर अपने ख़र्च सीमित करें, ताकि बची हुई राशि को भविष्य सुरक्षित बनाने के लिए निवेश किया जा सके.
बूंद बूंद से भरता है सागर
यदि आप इस बात को ले कर परेशान हैं कि आपके पास निवेश/बचत के लिए एक बड़ी धन राशि मौजूद नहीं है तो भी बिल्कुल परेशान न हों. हमारे पूर्वजों ने ये कहावत आपको यही बात याद दिलाने के लिए बनाई है कि छोटी-छोटी बचत ही धीरे-धीरे बड़ा रूप लेती जाती है बशर्ते आप बूंद-बूंद बचाते रहें. यदि आप एकमुश्त पैसे निवेश नहीं कर सकते हैं तो बैंकों में रेकरिंग डिपॉज़िट या फिर म्यूच्युअल फंड्स में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स के ज़रिए बचत कर सकते हैं. यदि आपने लगातार ऐसा किया तो लगभग 10 या 15 वर्ष के भीतर आपके पास बचत के रूप में एक बड़ी धन राशि मौजूद होगी.
माया से माया मिले, कर कर लंबे हाथ
पैसा ही पैसे को खींचता है, ऊपर लिखी हुई कहावत का अर्थ यही है. और यह भी देखिए कि यह कहावत कितनी सही है. जो छोटी-छोटी बचत आप करते हैं उन पर आपको बैंक ब्याज देता है और यदि आप इन्हें किसी एक्स्पर्ट की मदद से म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करते हैं तो शेयर बाज़ार इस पर कहीं ज़्यादा रिटर्न देता है. तो आप अपनी बचत का एक हिस्सा सेफ़ फंड्स में, जैसे- फ़िक्स्ड डिपॉज़िट, रेकरिंग डिपॉज़िट, गर्वन्मेंट बॉन्ड्स में निवेश करें और दूसरा हिस्सा शेयर बाज़ार में किसी एक्स्पर्ट की सलाह के साथ (क्योंकि शेयर मार्केट में निवेश जोखिम भरा होता है). और फिर देखिए कैसे माया से माया, लंबे हाथ कर के मिलती है और आपके निवेश को मज़बूत बनाती है.
तुरंत दान, महा कल्याण
लेन-देन का काम तुरंत कर लेने से ही निवेश और बचत के क्षेत्र में कल्याण हो सकता है. यह कहावत हमें और आपको निवेश के बारे में यह समझाती है कि यदि आपने क्रेडिट कार्ड या लोन ले रखा है तो उसका भुगतान नियत समय पर कर दें, नहीं तो इस पर लगने वाली पैनल्टी भारी पड़ जाएगी. इसके अलावा अपने रेकरिंग डिपॉज़िट्स और सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स की किश्तें भी समय पर देते रहें, ताकि निवेश के विकास में कोई अवरोध न आने पाए.
संतोषी सदा सुखी
यह मंत्र निवेश के मामले में सबसे ज़्यादा काम का मंत्र है. निवेश करते हुए कभी भी तुरंत पैसे बढ़ाने के झांसे में नहीं आना चाहिए या फिर ‘सारे अंडे साथ निकालूं’ जैसी भावना के वशीभूत नहीं होना चाहिए. यदि आपको शेयर मार्केट में सीधे निवेश का ज्ञान नहीं है और एकाध बार निवेश करने पर आपको फ़ायदा मिल गया है तो इसका क़तई मतलब नहीं कि अगली बार भी फ़ायदा ही होगा. हो सकता है कि अगली बार नुक़सान उठान पड़े. तो कहने का मतलब ये कि अपने निवेश को धीरे-धीरे बढ़ने दें. बचत को दो-तीन हिस्सों में बांट कर कुछ को सुरक्षित, कुछ को कम जोखिमभरी और कुछ को ज़्यादा जोखिम वाली जगहों पर निवेश करें. ऐसा करते समय भी किसी एक्स्पर्ट की सलाह ज़रूर लें, ताकि आपका निवेश बढ़ता रहे.