• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ओए एंटरटेन्मेंट

एक ठुमरी गायिका के जीवन को पर्दे पर जीवंत करती फ़िल्म है सरदारी बेगम

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
April 3, 2024
in ओए एंटरटेन्मेंट, ज़रूर पढ़ें, रिव्यूज़
A A
sardari-beghum
Share on FacebookShare on Twitter

एक ठुमरी गायिका के जीवन पर आधारित इस फ़िल्म को निर्देशक श्याम बेनेगल ने जैसे पर्दे पर जीवंत कर दिया है. एक शास्त्रीय संगीत गायिका के जीवन के उत्थान और पतन की इस कहानी में संगीत साधना के प्रति उसका जुनून और दीवानगी प्रभावित करते हैं. फ़िल्म में सरदारी के जीवन के कई पहलू सामने आते हैं. फ़िल्म में उसकी ख़ासियत के साथ उसकी कमज़ोरियों और उसकी गलतियों को भी बख़ूबी दर्शाया है. पूरी फ़िल्म में दस गाने हैं सब के सब बाकमाल. बकौल अंजू शर्मा, जो लोग एक समय देश विदेश में चर्चित और पुरस्कृत ये फ़िल्मों के शौक़ीन हैं इसे देख सकते हैं.

 

फ़िल्म: सरदारी बेगम
सितारे: किरण खेर, सुरेखा सीकरी, अमरीश पुरी, रजित कपूर
निर्देशक: श्याम बेनेगल
कहानी व पटकथा: खालिद मोहम्मद
रन टाइम: 135 मिनट

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

सरदारी बेग़म… एक ठुमरी गायिका के जीवन पर आधारित ये फ़िल्म सच है या फ़साना ये तो नहीं मालूम पर श्याम बेनेगल जैसे ब्रिलियंट निर्देशक ने इसे पर्दे पर जीवंत ज़रूर कर दिया.

कहानी हिन्दू मुस्लिम दंगे के साथ शुरू होती है. कमरे में रियाज़ कर रही सरदारी बेग़म (किरण खेर) कुछ आवाज़ें सुनकर जब अपने छज्जे पर जाकर नीचे झांकती हैं तो किसी दंगाई का फेंका एक बड़ा पत्थर उनके माथे पर लगता है, वे चीख़ते हुए अपनी बेटी सकीना (राजेश्वरी सचदेव) को पुकारती हैं और उसकी गोद में दम तोड़ देती हैं.

एक पत्रकार लड़की तहज़ीब जब दंगों को कवर करने पहुंचती है तो सरदारी बेग़म तक पहुंचती है वहां देखती है घर में जनाज़े की तैयारी हो रही है. तभी उसे पता चलता है कि सरदारी बेग़म के भाई जब्बार उसके वालिद हैं और सरदारी दरअसल उसकी फूफी थीं. इस रहस्योद्घाटन पर वह चौंक उठती है. रात में अपने पिता से वह उसके पीछे की कहानी का उनका वर्शन सुनती है.

अपने वालिद से ज़िदकर इत्तन बाई (सुरेखा सीकरी) से संगीत सीखने वाली युवा सरदारी (स्मृति मिश्रा) को जब सामाजिक बदनामी के डर से महफ़िलों में गाने से रोका जाता है तो वह दीवानगी में अपना घर छोड़कर एक रईस हेमराज (अमरीश पुरी) की रखैल बन जाती है. बाद में एक लालची आदमी सादिक़ मूसवी (रजित कपूर) से उसका निकाह, उसकी संगीत यात्रा, उसका शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचना, शौहर का छलावा और बेटी के प्रति उसकी पसेसिवनेस यानी पूरी फ़िल्म में सरदारी के जीवन की कहानी चलती है. एक शास्त्रीय संगीत गायिका के जीवन के उत्थान और पतन की इस कहानी में संगीत साधना के प्रति उसका जुनून और दीवानगी प्रभावित करते हैं, पर उसके इसी जुनून की क़ीमत उसे गलत लोगों को चुनकर चुकानी पड़ती है.

विशेष बात यह है कि इस कहानी में पत्रकार तहज़ीब जो कि सरदारी के जीवन पर एक लेख लिखना तय करती है, उससे जुड़े अलग-अलग लोगों यानी भाई जब्बार अब्बासी (श्रीवल्लभ व्यास), हेमराज की पत्नी (उत्तरा बावरकर), उसके साज़िंदे फ़तह ख़ान (एस एम ज़हीर), पति सादिक मूसवी, एक युवा प्रशंसक आमोद बजाज (कुमुद मिश्रा), म्यूज़िक कम्पनी मालिक मिस्टर सेन (सलीम ग़ौस) और उसकी बेटी सकीना से मिलती है और सब उसे अपने तरीक़े से सरदारी बेग़म के बारे में बताते हैं.

फ़िल्म में सरदारी के जीवन के कई पहलू सामने आते हैं. उसकी शख़्सियत की भी कई परतें हैं, जिन तक तहज़ीब पहुंचती है तो वह असल सरदारी को जानती है. ठीक ज़ुबैदा की तरह सरदारी को कोई महान शख़्सियत न बनाकर फ़िल्म राइटर ख़ालिद मोहम्मद ने हर आदमी की तरह उसकी ख़ासियत के साथ उसकी कमज़ोरियों और उसकी गलतियों को भी बख़ूबी दर्शाया है और यही बात इस फ़िल्म को एक आम वृतचित्र टाइप फ़िल्म बनने से अलग करती है.

अंत अच्छा है जब तहज़ीब अपनी फूफी के जीवन से सबक लेकर अपने विवाहित प्रेमी को, जो उसे महज़ एक्स्प्लॉइट कर रहा होता है, छोड़कर अपने करियर में आगे बढ़ जाने का फ़ैसला करती है, उसके पिता जो उसकी फूफी के साथ खड़े न हो सके, उसके साथ खड़े होते हैं और सकीना, जो मां के कारण गायन छोड़ चुकी होती है, आगे बढ़कर फिर से रियाज़ शुरू कर देती है.

पूरी फ़िल्म में दस गाने हैं सब के सब बाकमाल. वनराज भाटिया और अशोक पातकी द्वारा स्वरबद्ध की गई इन ठुमरियों को सुनना एक अलग दुनिया में होने का एहसास कराता है. ‘चली पी के नगर’ और ‘मोरे कान्हा जो आए’ को तो जितनी बार सुनो मन नहीं भरेगा.

फ़िल्मों के जो शौक़ीन एक समय देश विदेश में चर्चित और पुरस्कृत ये फ़िल्म देखना चाहें, इसे अमेज़ॉन प्राइम पर देख सकते हैं.

फ़ोटो साभार: गूगल

Tags: Amrish PuriKirron Khermovie reviewSardari BegumShyam Benegalअमरीश पुरीकिरण खेरफिल्म समीक्षाश्याम बेनेगलसरदारी बेगम
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.