सेक्शुअल फ़्लूइडिटी एक आम बात है, जिसके बारे में अधिकतर लोगों को आज भी जानकारी नहीं है. जानकारी के अभाव में जब वे अचानक अपने पार्टनर की सेक्शुअल फ़्लूइडिटी के बारे में जानते हैं तो बेहद आहत हो जाते हैं. आपके साथ ऐसा न हो इसलिए वीवॉक्स के संस्थापक संगीत सेबैस्टियन आपको बता रहे हैं कि क्या है सेक्शुअल फ़्लूइडिटी? वे आपको इस बारे में विशेषज्ञ की राय से भी रूबरू करवा रहे हैं, ताकि आप इसे समझ सकें.
हमारे देश में सामान्यत: कई महिलाओं को इस बारे में मालूम पड़ जाता है कि उनके पति समान लिंग के प्रति थोड़ा आकर्षण रखते हैं. कई बार पार्टनर इस तरह का झुकाव किसी घटना के दौरान पता चलता है, जिससे उनका साथी आहत भी होता है और धोखा खाया हुआ भी महसूस करता है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि शादी से पहले सेक्स से जुड़े विषयों पर जिस तरह की पारदर्शिता और ईमानदारी से बात किए जाने की ज़रूरत होती है, अधिकांश भारतीय जोड़े इस चर्चा में ख़ुद को बेतरह असहज पाते हैं.
क्या है सेक्शुअल फ़्लूइडिटी
सेक्शुअल फ़्लूइडिटी, जिसका अर्थ है समय या परिस्थिति के अनुसार किसी की सेक्शुअल प्राथमिकता या झुकाव का बदलना यानी किसी विषमलैंगिक या स्ट्रेट व्यक्ति का समान सेक्स के व्यक्ति के प्रति या ट्रांस्जेंडर के प्रति आकर्षण बढ़ जाना, एक ऐसी घटना है, जिसे विज्ञान अक्सर महिलाओं से जोड़ कर देखता रहा है.
किसी रिसर्च के अधार पर बात करें तो इसका मतलब समझने के लिए फ़र्ज़ कीजिए कि महिलाओं और पुरुषों दोनों के जननांगो को यदि प्लेथिस्मोग्राफ़ (एक ऐसा उपकरण, जो कामुक दृश्यों को देखने पर महिलाओं और पुरुषों के जननांगों में रक्त प्रवाह को मापता है, आप इसे इरोटिक लाइ डिटेक्टर की तरह समझ सकते हैं) के वायरों से जोड़ा जाए तो पुरुषों की प्रतिक्रिया, महिलाओं की प्रतिक्रिया की तुलना में बड़ी सीधी होती है. अधिकतर पुरुषों की प्रतिक्रिया ज़्यादा इरोटिक फ़्लेग्ज़िबिलिटी दर्शाएगी.
इसे यूं समझिए
दूसरे शब्दों में कहें तो विषमलैंगिक या स्ट्रेट पुरुषों के सामने यदि किसी नग्न महिला के दृश्य आएं तो उनमें प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी, लेकिन वे नग्न पुरुष के दृश्य देखने पर ठंडे पड़ जाएंगे या बेरुखी नज़र आएगी. बिल्कुल उसी तरह जैसे कि किसी होमोसेक्शुअल व्यक्ति को को यदि किसी नग्न महिला का दृश्य दिखाया जाए तो वह भी ठंडा ही बना रहेगा. लेकिन एक नई रिसर्च हमारी इस समझ को चुनौती दे रही है.
कुछ साल पहले, किन्सी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर जस्टिन लेहमिलर ने अपनी किताब ‘टेल मी वॉट यू वॉन्ट’ के लिए 4,175 अमेरिकी नागरिकों के साथ उनकी सेक्शुअल फंतासी को लेकर एक सर्वे किया था.
उन्होंने इस सर्वे में पाया कि 59% महिलाएं और 26% पुरुष, जिन्होंने ख़ुद को विषमलैंगिक यानी हेटरोसेक्शुअल समझा था, उन्हें दरअसल पहले से ही समान-सेक्स के प्रति फंतासी थी. इससे यह संकेत मिलता है कि सेक्शुअल फ़्लूइडिटी हर लिंग और सेक्शुअल ओरिएंटेशन में बहुत आम बात है.
क्या कहता है अध्ययन
इसी तरह अर्काइव्स ऑफ़ सेक्शुअल बिहेवियर में प्रकाशित हुई एक दूसरी रिसर्च के मुताबिक़, होमोसेक्शुअल पुरुषों को विपरीत लिंग से जुड़ा पॉर्न देखने में ज़्यादा आनंद मिलता है, यह बात कई लोगों को आश्चर्य में डाल सकती है. यह अध्ययन साफ़तौर पर बताता है कि सेक्शुअल आकर्षण और व्यवहार, उससे कहीं ज़्यादा तरह के हैं, जिनके बारे में हम जानते हैं.
लेकिन यदि आप अपनी शादी में समान-सेक्स की फंतासी लाना चाहते हैं तो इसके लिए दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे पर भरोसा करना होगा, सहज होना होगा और इस बात को समझना होगा. शायद इसका पहला क़दम यह होगा कि अपने पार्टनर से इस बारे में बात करें, ताकि वह इसे समझ सके.
इसके बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के लिए मैंने डॉक्टर डी नारायण रेड्डी से बात की, जो दुनियाभर के जानेमाने सेक्शुअल हेल्थ स्पेशलिस्ट और वीवॉक्स के विशेषज्ञ हैं.
विशेषज्ञ की राय
डॉक्टर रेड्डी ने बताया,‘‘विवाहित पुरुषों का गे पॉर्न देखना बहुत आम बात है, लेकिन अक्सर वे एक या दो बार ऐसा करते हैं और वो भी उत्सुकता के चलते. नियमित रूप से ऐसा नहीं करते हैं. यदि उनकी यह आदत बनी रहती है तो उनके भीतर होमोसेक्शुल झुकाव हो सकता है. कई भारतीय होमोसेक्शुअल पुरुषों पर उनके माता-पिता का दबाव होता है कि वे शादी कर लें, क्योंकि माता-पिता सामाजिक दबाव और शर्म का शिकार होते हैं. उन्हें लगता है कि इनकी शादी इनके सेक्शुअल झुकाव को ‘‘ठीक’’ कर देगी. माता-पिता की यह ज़िद उनके पार्टनर के प्रति बहुत क्रूर और अनुचित साबित होती है. ऐसे पुरुष यदि गे पॉर्न देखते हैं तो उनका सुप्त झुकाव उनकी समलैंगिक प्रकृति को ट्रिगर कर सकता है.’’
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट