बड़े-बुज़ुर्ग कहते हैं गुंधे हुए आटे को घर में रखने से आत्माओं और भूत-प्रेत का घर में डेरा जम जाता है. बेशक़ 21वीं सदी में इस सोच से ज़्यादातर लोग सहमत नहीं होंगे. पर बासी आटे से बनी रोटी के साइड-इफ़ेक्ट्स को देखते हुए ऐसा माना जा सकता है कि हमारे बड़े बुज़ुर्ग इस तरह की कहानियां सुनाकर हमें बासी आटे को यूज़ में लाने से बचाना चाहते थे. आख़िर क्यों फ्रिज में रखे आटे से रोटियां नहीं बनानी चाहिए, इसके कुछ स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं की पड़ताल करते हैं.
दशकों पहले जब हमारे घरों में फ्रिज नहीं थे, तब हम खाने-पीने की चीज़ों को लेकर बड़ी किफ़ायत बरतते थे. ख़ासकर इस बात का ज़रूर ध्यान रखा जाता था कि खाने-पीने की उतनी ही चीज़ें बनाई जाएं, जितनी खाई जा सकें. अगर कुछ बच जाता था तो घर के जानवरों की नांद में डाल दिया जाता था. पर फ्रिज ने हमारी लाइफ़स्टाइल को बदल कर रख दिया और साथ ही हमारी सेहत को भी.
जो लोग नब्बे के दशक में पले-बढ़े होंगे, ख़ासकर छोटे क़स्बों या गांवों में उन्हें याद होगा कि घर के बच्चे सुबह कलेवा में रात की बची रोटियां चाव से खाते थे. पर चीज़ों को ताज़ा रखने के वादे के साथ जब से फ्रिज ने हमारे घर में एंट्री की, उसने कई ऐसी चीज़ों को अपने अंदर रखवाना शुरू कर दिया, जो पहले बचाकर नहीं रखी जाती थीं. ऐसी ही एक चीज़ है गुंधा हुआ आटा. पहले जब आटा ज़्यादा गुंधा जाता था, तब उनसे रोटियां बना ली जाती थीं. अब एक्स्ट्रा आटा फ्रिज के हवाले कर दिया जाता है और जब ज़रूरत होती है, तब फ्रिज से निकालकर ताज़ी-ताज़ी रोटियां बना ली जाती हैं.
आप कहेंगे, अब इसमें बुराई क्या है? यह तो अच्छी बात हुई ना कि हमें ताज़ी रोटियां खाने मिल रही हैं. पर विज्ञान की मानें तो यह ताज़ी रोटियां भले ही गरम और नरम लगती हों, पर हमारी सेहत के लिए किसी ज़हर से कम नहीं होतीं. तो अगर आप भी एक्स्ट्रा आटा इसलिए गूंध कर फ्रिज में रखते हों कि जब रोटियां खानी होंगी तो निकालकर तुरंत बना लेंगे तो ऐसा करना तुरंत बंद कर दें.
फ्रिज में रखा आटा, आपकी सेहत बिगाड़ सकता है
अगर आपको अपनी और अपनों की सेहत की परवाह है तो तुरंत पहले से आटा गूंधकर फ्रिज में रखना बंद कर दें. दरअसल इस तरह का आटा बीमारियों को खुला निमंत्रण है. आटे को बहुत ज़्यादा समय तक बाहर रखने के बाद इसमें ढेर सारे केमिकल चेंजेस आने लगते हैं. मसलन गीले आटे में फ़र्मेंटेशन की प्रक्रिया जल्दी शुरू हो जाती है. उसमें कई तरह के बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकते हैं.
इतना ही नहीं, आटे को फ्रिज में स्टोर करने से फ्रिज का ठंडा वातावरण आटे के पोषक तत्वों को या तो ख़त्म कर देता है, या उसमें काफ़ी कमी ला देता है. उससे बनी रोटी ज़हर की तरह काम करती है. बासी आटे से बनी रोटी हमारे पाचनतंत्र को बिगाड़ देती है. अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं. कुल मिलाकर जब पाचनतंत्र गड़बड़ होता है तो हमारा शरीर और मन फ्रेश नहीं महसूस कर पाता.
डायरिया से लेकर फ़ूड पॉइज़निंग तक हो सकती है बासी आटे से
फ्रिज में स्टोर आटे में कुछ हानिकारक केमिकल रिऐक्शन हो सकते हैं, जिससे मायकोटॉक्सिन बढ़ सकते हैं. ये पेट की सेहत के लिए ठीक नहीं होते. कई बार बासी आटे में फ़ंगस लग सकते हैं, जो पेट में फ़ंगल इंफ़ेक्शन का कारण बन सकते हैं. इस तरह का आटा आपको डायरिया से लेकर फ़ूड पॉइज़निंग तक की सौगात दे सकता है.
हमारे पूर्वजों का बासी आटे से बचने का तरीक़ा
आपने घर के बड़े-बूढ़ों से सुना ही होगा कि बासी आटा भूत का भोजन होता है. भूत-प्रेत की बात करके वे चाहते थे कि हमें आटा बचाकर रखने की आदत न लगे. बेशक, बासी आटे का भूत, प्रेत या आत्मा से कोई वास्ता नहीं है. भले ही इसका कोई वैज्ञानिक कारण न हो, पर मनोवैज्ञानिक कारण तो है ही. जब आप बासी आटे की बनी रोटियां खाएंगे तो किसी न किसी प्रकार की बीमारी आपको परेशान करती रहेगी. घर में नकारात्मक माहौल बना रहेगा. हो सकता है हमारे पूर्वजों का बासी आटे से बचने का यह अपना तरीक़ा रहा हो.
तो आपको क्या करना चाहिए?
जितना संभव हो, ताजे गूंधे आटे से रोटियां बनाएं. उतना ही आटा लें, जितना खाया जा सके. एक्स्ट्रा आटा बच जाए और उसे स्टोर करना हो तो अच्छी क्वॉलिटी के स्टील के कंटेनर में रखें. कुछ ही घंटों में उसका इस्तेमाल कर लें. फ्रिज में रखने से बचें. यदि रखना ही चाहें तो कम से कम डीप फ्रीज़ न करें. इस्तेमाल के लिए निकालने पर यदि आटे का टेक्स्चर अच्छा न दिख रहा हो या उसमें से अजीब तरह की महक आ रही हो उसे तुरंत फेंक दें.
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