• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home बुक क्लब क्लासिक कहानियां

बीस साल बाद: दोस्ती और फ़र्ज़ की कहानी (लेखक: ओ हेनरी)

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 9, 2021
in क्लासिक कहानियां, ज़रूर पढ़ें, बुक क्लब
A A
बीस साल बाद: दोस्ती और फ़र्ज़ की कहानी (लेखक: ओ हेनरी)
Share on FacebookShare on Twitter

यह कहानी है सच्ची दोस्ती की और दोस्ती निभाते हुए अपने फ़र्ज़ को पूरा करने की. क्या होता है, जब दो दोस्त वादे के मुताबिक़ 20 साल बाद मिलते हैं? पढ़ें ओ हेनरी की दिलचस्प कहानी ‘बीस साल बाद’.

एक पुलिस अधिकारी बड़ी फुर्ती से सड़क पर गश्त लगा रहा था. रात के अभी मुश्क़िल से 10 बजे थे, लेकिन हल्की-हल्की बारिश तथा ठंडी हवा के कारण सड़क पर बहुत कम आदमी नज़र आ रहे थे.
सड़क के एक छोर पर एक गोदाम था. जब पुलिस अधिकारी उस गोदाम के क़रीब पहुंचा तो उसके दरवाज़े के पास उसने एक आदमी को देखा. वह आदमी मुंह में बिना जला हुआ सिगार दबाए झुक कर खड़ा था.
पुलिस अधिकारी उसके पास गया तो उस आदमी ने कहा,“मैं यहां अपने एक दोस्त का इंतज़ार कर रहा हूं. हमने 20 वर्ष पहले यहां मिलने का वादा किया था. आप को मेरी यह बात कुछ अजीब लग रही होगी, लेकिन यह सच है.”
यह कह कर उस आदमी ने दियासलाई की तीली जला कर सिगार सुलगाया. उस जलती हुई तीली के उजाले में पुलिस अधिकारी ने उस आदमी का चेहरा देखा. उसका चेहरा पीला था, आंखों में चमक थी तथा दाहिनी भों के पास एक छोटा सा दाग़ था. उसके टाईपिन में एक बड़ा-सा हीरा कुछ अजीब तरह से जड़ा हुआ था.
उस आदमी ने दोबारा कहना शुरू किया,“20 वर्ष पहले इस गोदाम की जगह ‘बिग जो’ नाम का एक रेस्तरां हुआ करता था.”
“आज से ठीक 20 वर्ष पहले ऐसी ही रात को मैंने अपने सबसे अच्छे मित्र जिमी के साथ उस रेस्तरां में खाना खाया था.”
“उस रात हमने निश्चय किया था कि अगली सुबह अगले 20 वर्षों के लिए हम एक-दूसरे से अलग हो जाएंगे. इन वर्षों में हम जीवन में कुछ बनने के लिए संघर्ष करेंगे और जो कुछ बन पाएंगे, बनेंगे. ठीक 20 वर्ष बाद इसी समय हम फिर यहीं मिलेंगे, चाहे इसके लिए हमें कितनी ही दूर से क्यों न आना पड़े तथा हमारी कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो.”
यह सुन कर उस पुलिस अधिकारी ने कहा,“यह तो बड़ी दिलचस्प बात है. वैसे जब से आप जिमी से अलग हुए, क्या उसके बारे में आप को कुछ नहीं पता चला?”
“कुछ समय तक तो हम एक दूसरे को पत्र भेजते रहे, लेकिन यह पत्र-व्यवहार केवल एक-डेढ़ साल तक ही चल सका, उसके बाद बंद हो गया. पर मुझे पूरा विश्वास है कि यदि जिमी जीवित होगा तो मुझसे मिलने ज़रूर आएगा. मैं एक हज़ार किलोमीटर दूर से उससे मिलने के लिए यहां आया हूं.”
यह कहने के बाद उस आदमी ने अपनी घड़ी देखी. घड़ी में छोटे-छोटे हीरे जड़े हुए थे.
पुलिस अधिकारी ने अपना डंडा घुमाया और वहां से चला गया.

क़रीब 20 मिनट बाद एक लंबा आदमी उस आदमी उस आदमी के पास आया. उसने ओवरकोट पहना हुआ था तथा कॉलर से कानों को ढका हुआ था. उसने पूछा,“क्या तुम बॉब हो?”
“क्या तुम जिमी वेल्स हो?”
इंतज़ार करने वाले आदमी ने ख़ुशी से लगभग चिल्लाते हुए कहा.
उस लंबे आदमी ने ख़ुशी से उसके हाथों को अपने हाथों में थाम लिया और बोला,“हां बॉब, चलो. अब किसी अच्छी जगह पर बैठें और बीते दिनों की बात करें.”
और दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे हुए चल पड़े.
दवाइयों की एक दुकान के सामने से गुज़रते हुए उस दुकान की रौशनी में उन्होंने एक-दूसरे का चेहरा ठीक से देखा.
बॉब को उस लंबे आदमी का चेहरा देख कर कुछ संदेह हुआ. फिर वह अचानक ग़ुस्से में भड़क कर बोला,“तुम जिमी वेल्स नहीं हो. मैं मानता हूं कि 20 वर्षों का समय बहुत अधिक होता है, लेकिन इतना अधिक भी नहीं कि एक आदमी की नाक चौड़ी से पतली हो जाए.”
इसके जवाब में उस लंबे आदमी ने कहा,“ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता, लेकिन 20 वर्षों में एक अच्छा आदमी बुरा आदमी बन जाता है. 20 वर्ष पहले तुम एक अच्छे आदमी थे, लेकिन आज एक बुरे आदमी बन गए हो. ख़ैर, यह काग़ज़ लो और पढ़ो.”
बॉब ने काग़ज़ का टुकड़ा उसके हाथ से ले लिया और पढ़ने लगा.
जब उसने काग़ज़ को पूरा पढ़ लिया तो उसके हाथ कांपने लगे.
काग़ज़ में लिखा था,‘‘बॉब, हम ने जहां मिलने का वादा किया था, वहां मैं बिल्कुल ठीक समय से पहुंच गया था. पर जब तुमने सिगार सुलगाने के लिए दियासलाई जलाई तो मैंने तुम्हारा चेहरा देखा और मुझे यह देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि तुम वही आदमी हो, जिसकी तलाश शिकागो पुलिस कर रही है.
‘‘मुझे तुम्हें उसी वक़्त गिरफ़्तार कर लेना चाहिए था, लेकिन मैं तुम्हारा दोस्त होने के कारण यह काम नहीं कर सका. अब मैंने पुलिस के ही दूसरे आदमी को सादे कपड़ों में तुम्हें गिरफ़्तार करने के लिए भेजा है.’’

इन्हें भीपढ़ें

grok-reply-1

मामला गर्म है: ग्रोक और ग्रोक नज़र में औरंगज़ेब

March 24, 2025
इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024

Illustration: Pinterest

Tags: Bees Saal BaadFamous Indian WriterFamous writers storyHindi KahaniHindi StoryHindi writersIndian WritersKahaniO HenryO Henry ki kahaniO Henry ki kahani Bees Saal BaadO Henry storiesओ हैनरीओ हैनरी की कहानियांओ हैनरी की कहानीओ हैनरी की कहानी बीस साल बादकहानीबीस साल बादमशहूर लेखकों की कहानीहिंदी कहानीहिंदी के लेखकहिंदी स्टोरी
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

Butterfly
ज़रूर पढ़ें

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024
त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.