धूप स्नान या आतप स्नान की परंपरा को फिर से शुरू करना आज के समय की प्रबल आवश्यकता है. यह छोटा-सा क़दम आपके परिवार की सेहत में क्रान्तिकारी बदलाव लेकर आएगा, आपकी बीमारी के दिन कम करेगा, डॉक्टर्स के यहां लगने वाले चक्करों को घटाएगा और जीवन का आनंद देगा.
सूरज की रौशनी जीवनदायनी है. वह जीवन का पर्याय है. सूरज की रौशनी पर दुनियाभर में हुईं हज़ारों रिसर्च बताती हैं कि यह कैंसर, पाइल्स, टीबी, आर्थराइटिस, एजिंग, मोटापा, रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी और सेक्स समस्याओं से बचाती है. विटामिन डी का यह एकमात्र स्रोत है जो कि हड्डियों के लिए अति आवश्यक है.
आजकल हम धूप से दूर रहने लगे हैं, जबकि सूर्य के बिना जीवन मुमक़िन ही नहीं है. हमारे समाज में अब कैंसर बढ़ रहा है, हड्डियां कमज़ोर हो गई हैं, मोटापा बढ़ता जा रहा है, अवसाद हमें सता रहा है, टीबी अब अमीरों के घरों में भी पहुंच चुकी है. ऐसे में हमें थोड़ा जागरूक होने की ज़रूरत है. बस एक क़दम उठाएं अपने घर में सन बाथरूम बनाएं अर्थात एक ऐसा हिस्सा घर में हो जहां बैठकर हम अपने शरीर को धूप से नहला सकें. इसके लिए आप अपनी छत पर ओपन सीलिंग का एक छोटा-सा रूम बनाएं. इस रूम में धूप आराम से आ सके. अब इस रूम में आप और आपके परिवार के सदस्य रोज़ाना कम से कम 30 मिनट बैठें. हमारे बदन के कई हिस्से ऐसे हैं जिस पर बचपन से अभी तक कभी धूप लगी ही नहीं है, जैसे यौनांगों के आसपास और बगल में तथा महिलाओं के तो लगभग 80 से 90 प्रतिशत शरीर के हिस्से पर धूप बचपन के बाद लगती ही नहीं है. ऐसे हिस्सों पर हमें चर्मरोग अधिक होते हैं, वहां की हड्डियां भी कमज़ोर होती हैं. सन बाथरूम इस समस्या का भी समाधान है.
प्राचीन काल से चली आ रही धूप स्नान या आतप स्नान की परंपरा को फिर से शुरू करना आज के समय की प्रबल आवश्यकता है. यह छोटा-सा क़दम आपके परिवार की सेहत में क्रान्तिकारी बदलाव लेकर आएगा, आपकी बीमारी के दिन कम करेगा, डॉक्टर्स के यहां लगने वाले चक्करों को घटाएगा और जीवन का आनंद देगा. इसलिए आज से धूप को अमृत समझें और इसका पान त्वचा के माध्यम से सन बाथरूम में करें.