• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

पसीना छुड़ाइए और सेहतमंद बन जाइए

डॉक्टर दीपक आचार्य by डॉक्टर दीपक आचार्य
March 30, 2022
in ज़रूर पढ़ें, फ़िटनेस, हेल्थ
A A
पसीना छुड़ाइए और सेहतमंद बन जाइए
Share on FacebookShare on Twitter

अपने तन यानी शरीर को यदि स्वस्थ बनाए रखना है तो पसीना बहाना बहुत ज़रूरी है. हालांकि आप भी यह बात जानते होंगे, पर अमल में तो नहीं ला पाते न. तो अफ़लातून तन पाने के लिए आपको मेहनत करनी होगी, पसीना बहाना होगा और इसी बारे में बड़े काम की जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर दीपक आचार्य. हमें उम्मीद है कि इसे पढ़ने के बाद आप भी निकल पड़ेंगे पसीना बहाने.

 

 

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

तो बताइए कि आप में से कौन-कौन तैयार है पसीना छुटाने के लिए? मेरी रिसर्च और घुमक्कड़ी का बहुत बड़ा हिस्सा जंगलों और पहाड़ों पर बीतता है. गर्मियों में बड़ी-बड़ी चट्टानों और पहाड़ों पर हाइकिंग करना हम सभी के लिए टेढ़ी खीर होता है. शरीर गर्मी और थकान की वजह से पसीने से तरबतर हो जाता है. एक बार भरी गर्मी में पहाड़ों पर भटकते हुए जब एक पेड़ की छांव में आराम करने का मौक़ा मिला तो पसीने से तरबतर मैं गर्मी को कोसे जा रहा था. मेरे साथ बगल में बैठे एक बुज़ुर्ग आदिवासी जानकार ने आंखें बड़ी करते हुए मुझे समझाना शुरू किया कि महीने में कम से कम एक बार शरीर से पसीना फूटना ज़रूरी है. मेरे द्वारा ज़्यादा पूछे जाने पर बताया गया कि शरीर को बीमारियों, त्वचा के रोगों से दूर रखना है तो पसीना बहना बहुत ज़रूरी है. बात तो बड़ी लॉजिकल कही उन्होंने. शरीर को डीटॉक्स करने में पसीना बड़ा अहम रोल निभाता है. शरीर के भीतर के हेवी मेटल्स हों या तमाम तरह के केमिकल्स या त्वचा पर जमे हुए बैक्टेरिया, सबको बाहर फेंक निकालने के लिए पसीना छूटना ज़रूरी है.

अब रिसर्च के बारे में भी जान लीजिए
चीन का एक रिसर्च जर्नल है, एन्वायरन्मेंट साइंस पलूशन रिसर्च इंटरनैशनल, इसमें वर्ष 2016 में वैज्ञानिक शेंग की टीम ने एक बेहतरीन क्लिनिकल रिपोर्ट प्रकाशित की. ये रिपोर्ट बताती है कि जिन लोगों ने एक्सरसाइज़ या किसी फ़िज़िकल ऐक्टिविटी के कारण पसीना बहाया, उनके शरीर में हेवी मेटल्स की मात्रा पसीना आने से पहले की तुलना में कम आंकी गई. मज़े की बात ये भी थी कि हेवी मेटल्स की जानकारी के लिए इन लोगों के मूत्र और पसीने के सैम्पल लिए गए थे. पसीने के सैम्पल में ज़्यादा हेवी मेटल्स देखे गए. अब आपके दोस्त दीपकआचार्य से एन्वायरन्मेंटल ऐंड पब्लिक हेल्थ जर्नल की स्टडी के बारे में भी जान लीजिए. वर्ष 2012 में स्टीफ़न जीनियस और उनके साथियों ने एक बेहतरीन रिसर्च स्टडी की. बिस्फ़ेनॉल ए, एक इंडस्ट्रियल केमिकल है जो प्लास्टिक और रेसिंस मैनुफैक्चरिंग प्लांट में काम करने वाले लोगों या आसपास के रहवासियों के शरीर में आ जाता है, जिसके हेल्थ पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं. जीनियस की टीम ने इस तरह की इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के ख़ून, पेशाब और पसीने के सैम्पल लिए और इन्होंने पाया कि सबसे अधिक मात्रा में पसीने के जरिए ही बिस्फ़ेनॉल ए रिलीज़ हुआ.
पसीने को लेकर इतना ज्ञान पेल दिया गया है तो वर्ष 2016 में जर्नल ग्लायकोबायोलॉजी में छपी रॉबिन पीटरसन की रिपोर्ट का ज़िक्र आना भी जरूरी है. इन्होंने बताया कि पसीने में ग्लायकोप्रोटीन्स होते हैं जो बैक्टीरिया को आकर्षित करते हैं, पसीना आने के वक़्त त्वचा पर जितने बैक्टीरिया हैं, सारे पसीने में लिपटकर बाहर फेंक दिए जाते हैं. पसीने की जो गंध होती है, वो टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया की वजह से ही होती है.

अब इतनी सारी पंचायत करने का मतलब क्या हुआ?
इट्स वेरी सिंपल बाबूजी… घूमो, फिरो, वर्जिश करो, धूप में निकलो, पसीना आए तो ख़ूब आने दो, खट्ट से एयर कंडीशनर में या छांव में घुसो मत. प्रकृति ने व्यवस्था कर रखी है आपको डीटॉक्स करवाने की, आजमाओ उसे. पूरे शरीर पर छन्नी जैसे छेद हैं, पसीना बहने की नालियां, सारी चोक करके रखे हो, दुनियाभर के टीम-टाम और आलतू-फालतू केमिकल्स बॉडी के भीतर घुसे पड़े हुए हैं. चोक नालियों को खोलो, पसीना बहेगा तो ज़हर निकालेगा, निकालो… इन गर्मियों में हर महीने कम से कम 2 बार धूप झेलो, पसीना छूटने दो, पानी के बैलेंस को भी बनाए रखो,पानी भी पीते रहो लेकिन पसीने से डरो मत, ये पसीना आपकी सेहत ही बनाएगा, सच्ची, बाय गॉड की कसम! पसीने के निकलने से इम्युनिटी भी बढ़ती है.. पसीना निकालकर शाम को नहाना भी ज़रूरी है, क्योंकि पसीने के ग्लायकोप्रोटीन्स शरीर की त्वचा पर चिपके रह गए तो बैक्टीरिया को आकर्षित करेंगे. बुजुर्गों की एक बात तो याद होगी ही ना, खेलकूद कर आओ या यात्रा के बाद घर पहुंचो तो पहले स्नान करो. अब लॉजिक को को-रिलेट करना आसान होगा, है ना?
कुल मिलाकर, मुद्दे की बात ये है कि निकलो तो सही बाहर, भटको तो सही. ये धूप, पसीना, वर्जिश की बात सारे के सारे लोग जानते हैं, पर मानते नहीं. है, लॉजिक सटीक और सॉलिड है, बाक़ी आपकी इच्छाशक्ति. हम तो ख़ूब बहाते हैं पसीना.
भई अपना काम है बनता, बाक़ी जैसा समझे जनता…

फ़ोटो: गूगल

 

Tags: #भटकोChemicalsdesi knowledgedetoxDr. Deepak AcharyaHealthheavy metalskeeping diseases awayknowledge of the countryrunningstaying healthysweatingsweating to be healthytraditional knowledgeWanderworking hardकेमिकल्सडीटॉक्सडॉक्टर दीपक आचार्यदेश का ज्ञानदेसी ज्ञानदौड़नापसीनापसीना बहाएंपसीना बहानापारंपरिक ज्ञानमेहनत करनारोगों को दूर रखनासेहतसेहतमंद रहने के लिए पसीना बहानासेहतमंद रहेंहेवी मेटल्स
डॉक्टर दीपक आचार्य

डॉक्टर दीपक आचार्य

डॉक्टर दीपक आचार्य, पेशे से एक साइंटिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. इन्होंने मेडिसिनल प्लांट्स में पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरेट किया है. पिछले 22 सालों से हिंदुस्तान के सुदूर आदिवासी इलाक़ों से आदिवासियों के हर्बल औषधीय ज्ञान को एकत्र कर उसपर वैज्ञानिक नज़रिए से शोध कर रहे हैं.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.