तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो: नरेश सक्सेना की कविता
मन बहुत चंचल होता है, इतना कि कभी-कभार तो हम ख़ुद भी नहीं समझ पाते कि आख़िर यह चाहता क्या ...
मन बहुत चंचल होता है, इतना कि कभी-कभार तो हम ख़ुद भी नहीं समझ पाते कि आख़िर यह चाहता क्या ...
फ़िलॉसफ़र-कवि नरेश सक्सेना की कविताएं चीज़ों को देखने का नया नज़रिया देती हैं. इस कविता में उन्होंने शब्दों और संख्याओं ...
छोटी कविताओं में गंभीर बातें कह जाने का हुनर रखने वाले हमारे समय के जाने-माने कवि नरेश सक्सेना की यह ...
नीम के आयुर्वेदिक महत्व के बारे में हमने कितना कुछ सुना है. वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना इसके इमोशनल महत्व के ...
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और फ़िलॉसफ़ी में गहरा नाता है. पेशे से इंजीनियर रहे नरेश सक्सेना की कविता ‘पानी क्या कर रहा ...
पेशे से इंजीनियर रहे नरेश सक्सेना विलक्षण कवि हैं. उनकी कविताओं में विज्ञान और मनोविज्ञान की गहरी छाप दिखती है. ...
अक्सर लोग कहते सुने जाते हैं कि आजकल अच्छे बच्चे मुश्क़िल से मिलते हैं. पर जो अच्छे बच्चे मिलते भी ...
अक्सर लोग कहते सुने जाते हैं कि आजकल अच्छे बच्चे मुश्क़िल से मिलते हैं. पर जो अच्छे बच्चे मिलते भी ...
गिरने को बुरा माना जाता है, पर हर बार गिरना बुरा नहीं होता. कई बार गिरना अच्छा और फ़ायदेमंद हो ...
यूं तो बिजली की चमक के काफ़ी बाद आवाज़ सुनाई देने का वैज्ञानिक कारण होता है. पर एक कवि इसके ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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