ऐसी ही कवयित्री कह सकती है कि मुझे ईश्वर नहीं नींद चाहिए
बीते दिनों सुख्यात कवयित्री अनुराधा सिंह को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में शीला सिद्धांतकर स्मृति सम्मान से ...
बीते दिनों सुख्यात कवयित्री अनुराधा सिंह को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में शीला सिद्धांतकर स्मृति सम्मान से ...
जहां न्याय होता है, वहां शांति, प्रगति और बरक़त होती है. जबकि अन्याय अशांति को जन्म देता है. इस बात ...
जहां कुछ यादें बचपन की ओर लौटा ले जाती हैं, वहीं कुछ बचपन की यादें हमेशा साथ रहती हैं और ...
यदि आपके भीतर कुछ कर गुज़रने का आत्मविश्वास है तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी, अंधेरी से अंधेरी राहों ...
कई बार हम केवल आसपास की चीज़ों को ग़ौर से देखभर लेने पर स्वप्रेरणा से इतना कुछ कर जाते हैं. ...
कई बार हम जिन कामों को करना चाहते हैं और जानते हैं कि इसे करना हमारा कर्तव्य है, पर फिर ...
देवी पूजा के अलग-अलग तरीक़ों के बीच कई बार पुरानी और नई सोच का टकराव हो ही जाता है, लेकिन ...
ज़िंदगी कब, किस मोड़ पर ला खड़ा करेगी, हममें से कोई नहीं जानता. इस कथा का नायक मयंक गहरे दुखों, ...
जब शाम पकी हुई हो, सबकुछ गड़बड़झाल हो, आपके मन की एक न सुनी जा रही हो तो क्या किया ...
दो सहेलियां, जब लंबे अंतराल बाद मिलें तो गुज़रे हुए समय को सहेजना कितना मुश्क़िल हो जाता है, लेकिन सचमुच ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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