‘‘हमें समझना होगा कि हम सब इंसान हैं और इंसानियत ही हमारा धर्म है.’’
लीजिए सप्ताहभर से आपको देशभर की कुछ साहसी और बेबाक मांओं से मिलवाते हुए आज आ ही गया मदर्स डे! ...
लीजिए सप्ताहभर से आपको देशभर की कुछ साहसी और बेबाक मांओं से मिलवाते हुए आज आ ही गया मदर्स डे! ...
कल है-मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, ...
मदर्स डे के अवसर पर जैसा कि हमने तय किया था कि हम पूरे सप्ताह अलग-अलग मांओं से इस बात ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
वर्ष 2019 में अपने गठन से लेकर अब तक यानी दो वर्षों में प्रलेक प्रकाशन हिंदी साहित्य के पटल पर ...
उन्होंने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है, वे इंजीनियर हैं और एक दिन उन्होंने इन्स्टाग्राम पर एक अकाउंट बनाया ‘हिंदी ...
वे लेखिका हैं, कवयित्री हैं, पेंटर हैं, स्क्रिप्ट राइटर हैं, फ़िल्ममेकर हैं और इसके साथ-साथ एक ऐसी शख़्सियत हैं, जिन्होंने ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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