पंचलैट: कहानी छोटी-छोटी ख़ुशियों की (लेखक: फणीश्वरनाथ रेणु)
गांवों में बिजली पहुंचने से पहले पेट्रोमेक्स लैम्प से वहां की रातें रौशन होती थी. पेट्रोमेक्स लैम्प को देहातों में ...
गांवों में बिजली पहुंचने से पहले पेट्रोमेक्स लैम्प से वहां की रातें रौशन होती थी. पेट्रोमेक्स लैम्प को देहातों में ...
ग्रामीण परिवेश पर आधारित इस कहानी में नारी स्वभाव और स्वाभिमान का ख़ूबसूरत चित्रण है. गांव की महिलाओं की हंसी-ठिठौली, ...
जब चिट्ठी-पत्री का इतना ज़ोर नहीं हुआ था, तब एक गांव से दूसरे गांव संदेशा पहुंचाने लाने के लिए संवदिया ...
पहलवान की ढोलक, दिल को छूकर, आंखों के कोरों को चुपचाप भिगा जानेवाली एक मर्मस्पर्शी कहानी, जिसे लिखा है फणीश्वरनाथ ...
बूढ़े पंचकौड़ी मिरदंगिया और गांव के चरवाहे मोहना का क्या है नाता? फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘रसप्रिया’ इन दोनों कलाकारों ...
अगर आपके जीवन के कुछ साल गांव में बीते होंगे तो इस कहानी के नायक सिरचन जैसे कई चेहरे आपके ...
नाम तो उसका रतनी है, पर गांव में लोग उसे नैना जोगिन कहते हैं. पूरे गांव में उसका खौफ़ है. ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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