दोनों ओर प्रेम पलता है: मैथिलीशरण गुप्त की कविता
कवि मैथिलीशरण गुप्त के महाकाव्य ‘साकेत’ की यह रचना प्रेम की व्याख्या करती है प्रेम, प्रेम के लिए किए जानेवाले ...
कवि मैथिलीशरण गुप्त के महाकाव्य ‘साकेत’ की यह रचना प्रेम की व्याख्या करती है प्रेम, प्रेम के लिए किए जानेवाले ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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