प्यार सिर्फ़ वह नहीं होता, जो केवल एक प्रेमी-प्रेमिका का होता है. मुश्क़िल घड़ी में आपके लिए खड़ा होनेवाला, आपके हक़ के लिए अड़ जानेवाला शख़्स, आपके दुख में आंसू बहानेवाला इंसान भी आपसे प्रेम करता है. पर अक्सर हम प्रेम से भरे ऐसे लोगों को पहचान नहीं पाते. डॉ अबरार मुल्तानी की यह छोटी-सी कविता हमारी ज़िंदगी के उन्हीं इंसानों की बात करती है, जो हमसे नि:स्वार्थ प्यार करते हैं.
जब धूल का ग़ुबार हटेगा
तो तुम देखोगे
मैं तुम्हारे लिए लड़ा था
जब बारिश थमेगी
तो तुम देखोगे
मैं तुम्हारे लिए रोया था
जब कोहरा छटेगा
तो तुम देखोगे
मैं तुम्हारे इंतज़ार में खड़ा था
जब आग बुझेगी
तो तुम देखोगे
मैं तुम्हारे लिए जलकर भस्म हुआ था
और जब बहारें आएंगी
तो तुम देखना
मैं तुम्हारे लिए फूल बन जाऊंगा
Illustration: Pinterest