ये तो हम सभी मानेंगे कि ब्लेंडर, मिक्सर और ग्राइंडर ने हमारे किचन के काम को बेहद आसान कर दिया है. ये अप्लायंसेस बने भी सालों-साल चलने के लिए हैं और यदि हम इनका सही तरीक़े से उपयोग करें तो ये बेहद लंबे समय तक चल सकते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आपको इनका इस्तेमाल किस तरह करना चाहिए, ताकि ये कई वर्षों तक आपका साथ निभाएं. हम आपको यह भी बता रहे हैं कि इनके साथ आपको कौन-सी सामान्य समस्याएं आ सकती हैं और आप उनसे कैसे निपट सकते हैं.
प्योरे, चटनी, पेस्ट, पेस्तो, जूस और यहां तक कि मसाले पीसने के काम को हमारे घरों में मौजूद ब्लेंडर-मिक्सर-ग्राइंडर ने अपने हाथ में ले लिया और इन्हें पूरी दक्षता के साथ अंजाम देने में अपनी पूरी भूमिका अदा की है. अब जो आपका काम आसान कर रहा है, बहुत ज़रूरी है कि आप उसके इस्तेमाल के सही तरीक़े पर ध्यान दें, ताकि वह आपका साथ लंबे समय तक निभा सके. तो आइए, सबसे पहले जानते हैं कि ब्लेंडर-मिक्सर-ग्राइंडर का इस्तेमाल करते हुए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. और उसके बाद इनसे जुड़ी सामान्य समस्याओं और उनके सामाधान पर बात करेंगे.
ब्लेंडर-मिक्सर-जूसर का इस्तेमाल करते हुए इन बातों का रखें ध्यान
1. ग्राइंडर का इस्तेमाल केवल सूखे मसाले और सूखी चीज़ों को पीसने के लिए ही करें.
2. ब्लेंडर का इस्तेमाल गीली चीज़ों, जैसे- प्योरे, जूस, चटनी या पेस्ट बनाने के लिए करें.
3. चाहे आप इन तीनों में से किसी का इस्तेमाल कर रहे हों, बहुत बड़े-बड़े टुकड़ों को इनमें डालने की ग़लती न करें, इससे इनकी ब्लेड ख़राब हो सकती है.
4. कभी भी एकदम गर्म चीज़ें इनमें डालकर चर्न न करें. जब चीज़ें सामान्य तापमान पर आ जाएं, तभी इन्हें ब्लेंड या चर्न करें. यदि आप गर्म चीज़ों को ब्लेंड करने का प्रयास करेंगे तो उनसे निकलने वाली भाप से बने दबाव की वजह से मिक्सर के घूमते ही जार का ढक्कन ऊपर की ओर उड़ जाएगा. आपका किचन तो गंदा होगा ही, लेकिन साथ में आप जल भी सकते/सकती हैं.
5. इसके साथ जो सबसे छोटा जार आता है, आप उसमें गीले और सूखे दोनों तरह की चीज़ें पीस सकते हैं.
6. कभी भी जार की क्षमता से ज़्यादा चीज़ों को न डालें अन्यथा मिक्सर के घूमते ही ढक्कर ऊपर की ओर उड़ सकता है. यदि ज़्यादा मात्रा में चीज़ें पीसना है तो उन्हें बैचेस में पीसें.
7. एकदम गर्म चीज़ों की ही तरह एकदम ठंडी या फ्रोज़न चीज़ें भी ब्लेंडर में न डालें. फ्रोज़न चीज़ें कड़ी होती हैं और इन्हें डालकर ब्लेंडर को चलाने से न सिर्फ़ ब्लेड ख़राब होते हैं, बल्कि जार के भीतरी हिस्से पर स्क्रेचेज़ भी आ सकते हैं. और यदि दबाव ज़्यादा हो गया तो जार क्रैक भी हो सकता है.
8. कुछ खाद्य पदार्थ, जिनमें स्टार्च होता है और जो फ़ाइबर से भरपूर होते हैं उन्हें भी ब्लेंडर में सीधे ही ब्लेंड नहीं किया जाना चाहिए. उदाहरण के लिए आलू, यदि आपको उबले हुए आलुओं को मैश करना है तो मेटल के मैशर से हाथ से मैश कीजिए. ब्लेंडर में डालने से यह ब्लेड्स से चिपक जाएगा और उसे ख़राब कर देगा. वहीं फूलगोभी, बींस, ब्रोकलि, पालक, चुकंदर आदि को ब्लेंड करना हो तो पहले उन्हें पानी में डालकर हल्का पका लें, इसके बाद ठंडा होने पर ही इन्हें ब्लेंड करें.
ब्लेंडर-मिक्सर-ग्राइंडर से जुड़ी सामान्य समस्याएं और उनके समाधान
1. मिक्सर ग्राइंडर का बार-बार ट्रिप होना
अगर ब्लेंड/ग्राइंड करते हुए मिक्सर बार बार ट्रिप हो रहा है तो इससका मतलब है कि आप ज़रूरत से अधिक समय तक ब्लेंडर/ग्राइंडर को इस्तेमाल कर रहे हैं. ज़रूरत से अधिक गर्म होने पर अप्लायंस ट्रिप हो जाता है. कुछ देर रुकें. ब्लेंडर में मौजूद चीज़ को ठंडा होने दें. इसके बाद ग्राइंडिंग शुरू करें. दोबारा ग्राइंडिंग शुरू करने से पहले जार को अलग करें, अप्लायंस को अनप्लग करें और फिर उसके सबसे निचले हिस्से को देखें. वहां मौजूद लाल रंग की बटन को दबा दें. अब अप्लायंस को प्लग करें, ऑन करें और ग्राइंडिंग का काम शुरू कर दें.
2. ब्लेड्स की धार का कम होना
यदि आपको लगता है कि ब्लेंडिंग अच्छे से नहीं हो रही या आप जो पीस रहे हैं, वह उतना एकसार या बारीक़ नहीं हो रहा, जितना कि होना चाहिए तो बहुत संभव है कि ब्लेड्स की धार भोथरी हो गई हो, कम हो गई हो. ऐसे में आपको ब्लेड्स बदलवाने होंगे. लेकिन एक और घरेलू तरीक़ा है, जो ब्लेड्स की धार को तेज़ करने का काम करता है. पहले उसे आज़मा लें और यदि उससे धार तेज़ न हो तभी ब्लेड्स को बदलावाएं. ब्लेड्स की धार को तेज़ करने के लिए क्रिस्टल वाला या खड़ा छोटे टुकड़ों वाला काला नमक डाल कर एक मिनट तक चलाएं. आपके ब्लेड की धार तेज़ हो जाएगी.
3. जार से लीकेज होना
मिक्सर-ग्राइंडर से जुड़ी यह बहुत ही आम समस्या है. अधिकतर ऐसा ब्लेड के ढीला हो जाने की वजह से होता है. यह समस्या अक्सर पुराने अप्लायंसेस में आती है. इसके अलावा जार के क्रैक हो जाने की वजह से भी जार से लीकेज होता है. यदि ब्लेड ढीला हो गया है तो आप इसे घर पर ही स्क्रू ड्राइवर की सहायता से कस सकते हैं, लेकिन यदि जार में क्रैक आ गया है तो आपको जार ही बदलना होगा.
4. कपलर का टूटना
ब्लेंडर/ग्राइंडर के बेस पर लगा कपलर ही अप्लायंस के साथ जार को अटैच करता है. लंबे समय तक इस्तेमाल करने की वजह से कभी-कभी कपलर टूट जाता है. फ्रोज़न फ़ूड या फिर सब्ज़ियों को अचानक बहुत तेज़ स्पीड पर ब्लेंड करने से भी कपलर टूट सकता है. कपलर को ख़ुद बदलने की कोशिश न करें, बल्कि इसके लिए किसी प्रोफ़ेशनल की मदद लें.
5. ढक्कन का ढीला होना
ढक्कन पर लगी रबर गास्केट के ढीले होने की वजह से ढक्कन जार से कस कर जुड़ा नहीं रह पाता और ब्लेंडर को चलाने के दौरान ढक्कन ढीला होकर गिर सकता है. इससे आपका पूरा किचन गंदा हो सकता है. अत: गास्केट के ढीला होते ही आप मार्केट से सेम ब्रैंड और मॉडल का नया गास्केट ख़रीद कर ढक्कन पर लगा दें.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट