• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home सुर्ख़ियों में नज़रिया

गांठ बांध लीजिए, हम ‘अवेलेबल’ नहीं हैं: शालिनी पांडे का नज़रिया

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
March 16, 2021
in नज़रिया, सुर्ख़ियों में
A A
गांठ बांध लीजिए, हम ‘अवेलेबल’ नहीं हैं: शालिनी पांडे का नज़रिया
Share on FacebookShare on Twitter

इन्हें भीपढ़ें

सशक्तिकरण के लिए महिलाओं और उनके पक्षधरों को अपने संघर्ष ध्यान से चुनने होंगे

सशक्तिकरण के लिए महिलाओं और उनके पक्षधरों को अपने संघर्ष ध्यान से चुनने होंगे

March 21, 2023
vaikhari_festival-of-ideas

जन भागीदारी की नींव पर बने विचारों के उत्सव वैखरी का आयोजन 24 मार्च से

March 15, 2023
Fiction-Aflatoon

अब दुनिया पढ़ेगी, आपकी कहानी

February 16, 2023
वैलेंटाइन्स डे: क्या आप जानते हैं हमारे देश की प्रणय परंपराएं?

वैलेंटाइन्स डे: क्या आप जानते हैं हमारे देश की प्रणय परंपराएं?

February 13, 2023

हमारे देश में पुरुषों को कंडिशनिंग ही इस तरह की है कि यदि किसी महिला ने उनसे हंस-बोल कर बात कर ली, उनके साथ थोड़ी देर घूम-फिर लिया, सोशल मीडिया पर चैट कर ली, फ़ोन पर बात कर ली या फिर वे किसी भी वजह से देर रात घर लौटती हैं तो अधिकतर पुरुष उन्हें अपने लिए उपलब्ध यानी ‘अवेलेबल’ समझ लेते हैं. इस बात पर क्या सोचती हैं महिलाएं, क्या है उनका रुख़ और क्या चाहती हैं वे इन बातों को अपने शब्दों में शालिनी पांडे ने बख़ूबी ढाला है. उनका नज़रिया जो ‘टीम अफ़लातून’ को पसंद आया, यहां पेश है. 

तुमने वन नाइट स्टैंड पर बात की मतलब तुम अवेलेबल हो, रात 11 बजे के बाद ऑनलाइन हो तो अवेलेबल हो, किसी को फ़ोन नंबर दे दिया/बात कर ली तो अवेलेबल हो, खुले आम शराब की बात कर रही हो तो अवेलेबल हो, हंस के बतिया रही हो तो अवेलेबल हो, आगे बढ़ के गले लग रही हो तो अवेलेबल हो. तुम्हारी अधिकतर पोस्ट स्त्रीवादी हैं, माइ बॉडी-माइ चॉइस की हिमायती हो तो मतलब एकदम अवेलेबल हो. सिंगल मदर हो तो अवेलेबल हो, शादी में दिक़्क़त है तो अवेलेबल हो, प्रेम-प्यार इश्क़-मोहब्बत पर भी लिख लेती हो तो अवेलेबल हो, तुमसे फलाने ने बद्तमीज़ी की मतलब तुम अवेलेबल हो. अवसाद का शिकार हो तो कंधों की ज़रूरत होगी यानी अवेलेबल हो. मुझसे तो आज तक ऐसी कोई ओछी बात किसी ने ना की-मतलब तुम ही अवेलेबल हो. स्क्रीनशॉट लगा रही हो तो तुम्हें ही क्यों आए मैसेज? यानी अवेलेबल हो. फ़ेसबुक पर एक साथ इतनी पोस्ट करती हो तुम्हारी तो लाइफ़ नहीं कोई लगता है-वाओ यानी अवेलेबल हो. अनजान लोगों से दोस्ती कर लेती हो यानी अवेलेबल हो, इतना टिपटॉप सज-संवर के रहती हो तो अवेलेबल हो, लिव इन में रह रही हो तो अवेलेबल हो और भी ब्ला ब्ला ब्ला…

Page 1 of 2
12Next
Tags: choicescontemporary thoughtsdiscriminationdo not judgeequal rightsequalityfemale conditioningfeminismmale conditioningpatriarchal thoughtspatriarchyrespecttreat as a humanwe are not ‘available’women’s issuesअवेलेबलआधुनिक महिलाओं की सोचइन्सानइन्सानियतउपलब्धनारीवादपितृसत्तात्मक सोचपुरुषों की कंडिशनिंगफ़ेमिनिज़्मबराबरीबराबरी का दर्जामहिलाओं के मुद्देवन नाइट स्टैंडसामयिक सोच
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

वे दलाई लामा न होते तो क्या होते?
चेहरे

वे दलाई लामा न होते तो क्या होते?

January 17, 2023
क्या आप लोकतंत्र को बनाए रखने में ईमानदारी से भागीदारी कर रहे हैं?
ज़रूर पढ़ें

क्या आप लोकतंत्र को बनाए रखने में ईमानदारी से भागीदारी कर रहे हैं?

January 12, 2023
new-year-confusion
ज़रूर पढ़ें

नए साल के बारे में अपने सारे कन्फ़्यूज़न दूर कर लीजिए

January 6, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist