पुरुषों में अपने पार्टनर के पैरों के प्रति सेक्शुअल आकर्षण बहुत ही आम बात है. डॉक्टर्स भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह एक आम बात है, लेकिन आख़िर ऐसा क्यों है? संगीत सेबैस्टियन इसी बात की पड़ताल कर रहे हैं.
जब बात पुरुषों के भीतर अपने पार्टनर के पैरों के प्रति सेक्शुअल आकर्षक की हो तो आपको शायद यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्राचीन समय से लोग पैरों की पूजा करते रहे हैं.
पैरों के लिए प्रेम-पत्र
दूसरी शताब्दी के यूनानी लेखक फ़िलॉस्ट्रेटस ने नंगे पैरों की अपनी इच्छा को बयान करते हुए कई ‘प्रेम-पत्र’ लिखे हैं. उनके एक पत्र में लिखा है,‘‘तुम नंगे पैर क्यो नहीं चलती? धरती और अपने नंगे पैरों के बीच किसी को मत आने दो.’’ इसके बाद यह प्रेमी अपनी प्रेमिका के पैरों के तराशे हुए आकार के बारे में प्रशंसा करता चला जाता है और उनकी तुलना,‘‘धरती पर ऊग आए नए और अनूठे फूलों ’’ के साथ करता है.
साइकोऐनालिसिस के जनक सिग्मंड फ्रायड की हमेशा से इस बारे में अपनी अलग थ्योरी थी कि लोगों के भीतर पैरों के लेकर आकर्षण क्यों विकसित हो जाता है. उनकी व्याख्या: (आप इससे सहमत भी हो सकते हैं और असहमत भी) देखने में पैर बहुत हद तक पीनिस (शिश्न) की तरह लगते हैं. यहां आपको यह बताना भी ज़रूरी है कि फ़िलॉस्ट्रेटस बाइसेक्शुअल था. उसके प्रेम पत्र महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही संबोधित किए गए थे.
मॉर्डन साइंस ने बताया है इसका कारण
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान पुरुषों में पैरों के प्रति आकर्षण की बड़ी ठोस व्याख्या प्रस्तुत करता है. भारतीय-अमेरिकी न्यूरोसाइंटिस्ट और सेंटर फ़ॉर ब्रेन ऐंड कॉग्निशन, यूएस, के निदेशक वीएस रामचंद्रन के अनुसार, पैरों के प्रति ये सम्मोहन न्यूरोलॉजिकल क्रॉस-वायरिंग का नतीजा है.
दूसरे शब्दों में, बात ये है कि जननांग और पैर दोनों को नियंत्रित करने वाले क्षेत्र मस्तिष्क में एक दूसरे के आजू-बाजू में स्थित होते हैं. तो किसी व्यक्ति के लिए पैरों में भी यौन रुचि विकसित होना आसान है.
आधुनिक फ़ुटवेयर इंडस्ट्री ने भी इस आकर्षण के प्रति अपना योगदान दिया है महिलाओं के लिए हाई-हील वाले फ़ैशनेबल और सेक्सी शूज़ बनाकर. इन्हीं सब कारणों से पैर, शरीर का सबसे ज़्यादा सम्मोहित करने वाला, ग़ैर जननांग यानी नॉन जेनाइटल हिस्सा है.
क्या यह कोई विकृति है?
अपने साथी के पैरों के प्रति पुरुषों का आकर्षण बहुत आम है, बावजूद इसके कई लोग अपने पार्टनर के साथ अपनी यह रुचि साझा करने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं या डरते हैं. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि जब कभी मानवीय सेक्शुअल रिश्तों की बात आती है तो यदि दो वयस्क लोगों के बीच इसकी सहमति है तो हर वह चीज़ सामान्य होती है, जो वे करना चाहते हैं.
इसके बारे में ज़्यादा जानने के लिए, मैंने डॉ लॉरेंस आई सैंक से बात की, जो हार्वर्ड प्रशिक्षित चिकित्सक, कॉग्निटिव थेरैपी सेंटर, यूएस के सह-निदेशक और वीवॉक्स के संस्थापक सदस्य हैं.
डॉ लॉरेंस आई सैंक का कहना है कि पैरों के प्रति आकर्षण या फ़ुट फ़ेटिशिज़्म कोई ऐसी चीज़ नहीं है, जिसके लिए आपको शर्मिंदगी होनी चाहिए. अपने पिछले 50 वर्षों के क्लिनिकल अनुभव से, मुझे अच्छी तरह पता है कि बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें अपने पार्टनर के द्वारा अपने पैरों को प्यार करना पसंद है और वे उसका खुलकर आनंद लेती हैं.
फ़ुट फ़ेटिशिज़्म एक ऐसी चीज़ है, जिसे कोई भी कपल आसानी से अपने फ़ोरप्ले का हिस्सा बना सकता है. केवल इसलिए कि इसे चिकित्सा विज्ञान ने पैराफ़िलिया (असामान्य सेक्शुअल व्यवहार) या विचलित इच्छा के रूप में वर्गीकृत किया है, इससे कोई व्यक्ति असामान्य नहीं हो जाता है. पैराफ़िलिया एकपक्षीय, विवेकाधीन निर्देश है. इसे इस उदाहरण से समझिए कि ऐसे बहुत सारे पुरुष हैं, जो महिलाओं के वक्षों की ओर आकर्षित होते हैं… तो क्या वे सभी यौन विकृत माने जा सकते हैं?
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