पंकज चतुर्वेदी की यह कविता वैसे तो है बहुत छोटी और सरल-सी, पर इसे दोबारा पढ़िए, इसका गहरा अर्थ आपको आश्चर्यचकित कर देगा.
लेटे हुए आदमी से
बैठा हुआ आदमी
बेहतर है
बैठे हुए आदमी से
खड़ा हुआ
खड़े हुए आदमी से
चलता हुआ
किताब में डूबे हुए
ख़ुदबीन से
संवाद में शामिल मनुष्य
बेहतर है
संवाद में शामिल इंसान से
संवाद के साथ-साथ
कुछ और भी करता हुआ
इंसान बेहतर है
यह एक बात है
जो मैंने अपने बच्चे से
उसके जन्म के
पहले साल में सीखी
कवि: पंकज चतुर्वेदी (संपर्क: 09425614005)
कविता संग्रह: रक्तचाप और अन्य कविताएं
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
Illustration: Pinterest